नई दिल्ली। पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों से जहां जनता त्राहि-त्राहि कर रही है, वहीं नरेन्द्र मोदी सरकार में पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने लोगों की रही-सही उम्मीदों पर भी पानी फेर दिया है। उन्होंने सोमवार को लोकसभा में दूसरे देशों की मूल्य वृद्धि का उल्लेख करते हुए एक तरह से कह दिया कि आने वाले समय में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में और वृद्धि हो तो कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए।
केन्द्रीय मंत्री पुरी ने लोकसभा में कहा कि भारत में ईंधन की कीमतों में जो वृद्धि की गई है, वह अन्य देशों के मुकाबले मात्र 10वां हिस्सा है। उन्होंने कहा कि अप्रैल 2021 और 22 मार्च के बीच अमेरिका में पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में 51% की वृद्धि हुई, जबकि कनाडा में 52% तक भाव बढ़ गए।
पुरी ने मूल्य वृद्धि को सही ठहराने के लिए अन्य देशों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि जर्मनी में 55 प्रतिशत, यूके में 55 फीसदी, फ्रांस में 50 प्रतिशत और स्पेन में 58 फीसदी तक दाम बढ़ गए, जबकि भारत में सिर्फ 5 फीसदी की ही वृद्धि हुई है। बस मंत्रीजी ने यह नहीं कहा कि अहसान मानिए, हमने बहुत कम बढ़ाए हैं पेट्रोल के दाम।
विपक्ष का हंगामा : लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस के एक सदस्य ने महंगाई का विषय शून्यकाल में उठाया और सरकार से पेट्रोल-डीजल तथा रसोई गैस के हाल में बढ़े हुए दामों को वापस लेने की मांग की। सदन में महंगाई के मुद्दे पर विपक्षी दलों के सदस्यों की नारेबाजी के बीच तृणमूल कांग्रेस के असित कुमार मल्ल ने कहा कि देश में पेट्रोल और डीजल के दाम 100 रुपए प्रति लीटर से ज्यादा और रसोई गैस सिलेंडर के दाम 1000 रुपए से ऊपर पहुंच गए हैं।
उल्लेखनीय है कि भारत में पांच राज्यों के चुनाव खत्म होने के बाद 15 दिन में 13 बार में 9 रुपए 20 पैसे बढ़ाए जा चुके हैं, जबकि महाराष्ट्र के परभणी में पेट्रोल 122 रुपए प्रति लीटर के आसपास बिक रहा है।