Sun enters scorpio 2022: सूर्य का राशि परिवर्तन होने वाला है। सूर्य के राशि बदलने को सूर्य संक्रांति कहते हैं। सूर्य इस बार तुला राशि से निकलकर वृश्चिक राशि में प्रवेश करके गोचर करेगा। वर्ष में 12 संक्रांतियां होती हैं। संक्रांति पर दान करने का खासा महत्व है। आओ जानते हैं कि सूर्य कब करेगा वृश्चिक राशि में गोचर और क्या दान करने से बदल जाएंगे आपके दिन।
कब करेगा सूर्य राशि परिवर्तन :16 नवंबर 2022 बुधवार को शाम 06 बजकर 58 मिनट पर सूर्य तुला राशि से निकलकर वृश्चिक राशि में गोचर करने लगेगा। वैसे मेष, मकर, मिथुन और कर्क संक्रांति का ज्यादा महत्व बताया गया है। वृश्चिक संक्रांति भी कई अन्य मामलों में महत्वपूर्ण है। संक्रांति का सम्बन्ध कृषि, प्रकृति और ऋतु परिवर्तन से भी है।
वृश्चिक संक्रांति का दान : संक्रांति के दिन दान पुण्य का खास महत्व होता है। इसलिए इस दिन गरीब लोगों को भोजन, वस्त्र आदि दान करना चाहिए। संक्रांति के दिन पूजा-अर्चना करने के बाद गुड़ और तिल का प्रसाद बांटाना चाहिए। मान्यता के अनुसार वृश्चिक संक्रांति के दिन गाय दान करना सबसे बड़ा पुण्य माना गया है। हालांकि आप यथाशक्ति कुछ भी दान कर सकते हैं। खासकर वस्त्र, कंबल, तिल, गुड़, आटा, दाल और अनाज दान करने का महत्व है।
वृश्चिक संक्रांति का असर : वृश्चिक राशि सभी राशियों में सबसे संवेदनशील राशि है जो शरीर में तामसिक ऊर्जा, घटना-दुर्घटना, सर्जरी, जीवन के उतार-चढ़ाव को प्रभावित और नियंत्रित करती है। यह जीवन के छिपे रहस्यों का प्रतिनिधित्व भी करती है। वृश्चिक राशि खनिज और भूमि संसाधनों जैसे कि पेट्रोलियम तेल, गैस और रत्न आदि के लिए कारक होती है। वृश्चिक राशि में सूर्य अनिश्चित परिणाम देता है। इस दिन श्राद्ध और तर्पण करने से पितरों को मुक्ति मिलती है और पितृ दोष समाप्त होता है। छोटे कार्यों के लिए यह संक्रांति शुभ है। भण्डारण में वृद्धि होगी लेकिन महंगाई बढ़ेगी। लोगों को कष्ट होगा। दो राष्ट्रों के बीच संबंध में मधुरता आने की संभावना है।
दान का फल : इस दिन दान करने से ग्रह दोष दूर होते हैं। पितृदोष दूर होता है और सभी तरह के संकट समाप्त होकर जातक सुख समृद्धि को प्राप्ति करता है।