हमारे सनातन धर्म में तिथियों का बहुत महत्व है। जैसा कि पाठकों को विदित है कि एक हिन्दू मास में दो पक्ष होते हैं एवं प्रत्येक पक्ष में 15 तिथियां होती हैं जिन्हें प्रतिपदा, द्वितीया, चतुर्थी, एकादशी इत्यादि नामों से जाना जाता है। ये सभी तिथियां साधकों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण होती हैं।
इनमें से कुछ तिथियों पर व्रत रखा जाता है जैसे एकादशी, प्रदोष, चतुर्थी इत्यादि वहीं कुछ तिथियों पर स्नान, दान व अनुष्ठान किया जाता है जैसे पूर्णिमा, अमावस्या आदि। इन सभी 15 तिथियों के अधिपति व प्रधान देव भी होते हैं।
आज हम 'वेबदुनिया' के पाठकों के लिए तिथियों के अधिपति देवों के बारे में विशेष जानकारी देने जा रहे हैं जिससे पाठकगण उस तिथि के अधिपति देव की विशेष पूजा-अर्चना कर पुण्य लाभ अर्जित कर सकें।
1. प्रतिपदा- अग्नि
2. द्वितीया- ब्रह्मा
3. तृतीया- पार्वती
4. चतुर्थी- गणेश
5. पंचमी- नाग
6. षष्ठी- कार्तिकेय
7. सप्तमी- सूर्य
8. अष्टमी- शिव
9. नवमी- दुर्गा
10. दशमी- यम
11. एकादशी- विश्वदेव
12. द्वादशी- विष्णु
13. त्रयोदशी- कामदेव
14. चतुर्दशी- शिव
15. पूर्णिमा- चंद्र
15. अमावस्या- पितृगण।
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केन्द्र