वैशाख माह में पूर्णिमा आज मनाई जा रही है। आज ही के दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था, इसलिए इसे बुद्ध पूर्णिमा कहा जाता है। इस बार वैशाख पूर्णिमा पर चतुर्ग्रही योग बन रहा है। यानी वृषभ राशि में चार ग्रह रहेंगे।
चार ग्रह बुध, सूर्य, शुक्र और राहु एक साथ होने से जहां कई समस्याओं से राहत मिलेगी, वहीं प्राकृतिक आपदा का सामना करना सकता है।
आज पूर्णिमा के दिन सर्वार्थ सिद्धि व अमृत सिद्धि योग है, जो इस दिन को और शुभफलदायी बना रहा है। इस दिन स्नान दान का कई गुणा फल मिलता है। अगर आप किसी नदी में स्नान करने नहीं जा सकें तो घर में पानी में गंगाजल मिला लें। इस तिथि पर कई शुभ कार्य भी कर सकते हैं खासकर: वास्तु पूजा, गृह-प्रवेश, किसी प्रकार की खरीददारी करनी चाहिए। इस दिन व्रत रखें और भगवान विष्णु की पूजा करें।
पूर्णिमा तिथि : 25 मई की रात 08 बजकर 29 मिनट से शुरू होगी
26 मई दिन बुधवार की शाम 04 बजकर 43 मिनट तक रहेगी।
इस पर्व पर गाय को खाने की चीजें, घास या चारा दान करें। इस दिन व्रत रखना चाहिए और शाम को सत्यनारायण की कथा सुनकर सभी में प्रसाद का वितरण करना चाहिए। नमो भगवते वासुदेवाय नम: मंत्र का उच्चारण करना चाहिए। ओम विष्णवे नम:, ओम नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात् का जाप भी करना चाहिए। श्री विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र, श्री विष्णु की आरती लाभप्रद है।