यदि आपको लगता है कि घर में नकारात्मकता है, गृह क्लेश होता है और बरकत भी नहीं रहती है तो नकारात्मक ऊर्जा को सकारात्मक ऊर्जा में बदलने या सकारात्मक ऊर्जा लाने के लिए कुछ वास्तु टिप्स को आजमाया जा सकता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार सकारात्मक ऊर्जा वाला घर बनाने के लिए, साफ-सफाई, अव्यवस्था को दूर करना, प्राकृतिक रोशनी और पौधों तथा दर्पणों जैसी चीजों पर ध्यान देना होगा और इसी के साथ ही रंगों और अपने घर के प्रवेश द्वार की दिशा पर भी विचार करें।
1. घर में लगाएं नमक का पोछा: गुरुवार को छोड़कर आप किसी भी वार को सप्ताह में एक बार पूरे घर में फिटकरी और नमक मिले पानी का पोछा जरूर लगाएं।
2. फिटकरी का उपयोग: घर में उचित दिशा देखकर कहीं पर फिटकरी के कुछ टुकड़े रखें। इससे भी घर का वातावरण सकारात्मक होता है। मकान में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए किसी शीशे की प्लेट में कुछ छोटे-छोटे फिटकरी के टुकड़े आदि खिड़की या दरवाजे या बालकनी के पास रख दें तथा उन्हें हर महीने नियम से बदलते रहें, तो वास्तुदोष से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा 50 ग्राम फिटकरी का टुकड़ा घर के प्रत्येक कमरे में तथा कार्यालय के किसी कोने में रख देने से वहां का वास्तु दोष कुछ हद तक कम हो जाता है।
3. गुग्गल की धूप: घर में प्रति गुरुवार को गुग्गल की धूप देने से घर का वातावरण शुद्ध बनता है और सभी तरह की अला बलाएं दूर हो जाती है। इससे गृह कलह दूर होता है और मानसिक शांति मिलती है। इससे पारलौकिक मदद भी मिलती है। वातावरण को शुद्ध करने और ऊर्जा को बढ़ाने के लिए कपूर या अगरबत्ती जलाएँ।
4. साफ-सफाई और अव्यवस्था को दूर करना: अव्यवस्था मुक्त वातावरण बनाए रखें: अव्यवस्था सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को अवरुद्ध करती है, इसलिए नियमित रूप से अपने घर को साफ करें और व्यवस्थित करें।
5. प्रवेश द्वार को साफ-सुथरा रखें: सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने के लिए एक साफ और स्वागत योग्य प्रवेश द्वार महत्वपूर्ण है। आदर्श रूप से, मुख्य प्रवेश द्वार उत्तर, पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए, क्योंकि माना जाता है कि ये सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि को आकर्षित करते हैं।
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6. उचित वेंटिलेशन और प्राकृतिक रोशनी सुनिश्चित करें: ताज़ी हवा और सूरज की रोशनी को प्रसारित करने के लिए खिड़कियाँ और दरवाजे खोलें, जिन्हें सकारात्मक ऊर्जा के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।
7. शयनकक्ष: शयनकक्ष को दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखें, जो नींद की गुणवत्ता और समग्र कल्याण को बढ़ाने वाला माना जाता है।
8. रसोई: रसोई आदर्श रूप से दक्षिण-पूर्व दिशा में स्थित होनी चाहिए, और सुनिश्चित करें कि खाना बनाते समय खाना पकाने वाला व्यक्ति पूर्व की ओर मुख करके बैठे। रसोई में दवाइयाँ रखने से बचें।
9. लिविंग रूम: वास्तु शास्त्र के अनुसार, लिविंग रूम को सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने के लिए उत्तर-पूर्व, उत्तर या पूर्व दिशा में स्थित होना चाहिए। घर का केंद्र खुला रखें, ताज़ी हवा के संचार के लिए।
11. प्राकृतिक तत्वों को शामिल करें: विशेष रूप से उत्तर-पूर्व और पूर्व कोनों में पौधे लगाएं, क्योंकि माना जाता है कि वे सकारात्मक ऊर्जा लाते हैं और हवा को शुद्ध करते हैं।
12. दर्पण का रणनीतिक उपयोग करें: सकारात्मक ऊर्जा को प्रतिबिंबित करने के लिए दर्पण को सही दिशा में रखें, लेकिन ऐसे दर्पणों से बचें जो सीधे बिस्तर को प्रतिबिंबित करते हों।
13. सकारात्मकता से मेल खाने वाली कलाकृति चुनें: शांति, समृद्धि और सद्भाव को बढ़ावा देने वाली छवियों को अपनाएँ।
14. शौचालय का दरवाज़ा हमेशा बंद रखें: इससे नकारात्मक ऊर्जा को घर के अन्य हिस्सों में फैलने से रोकने में मदद मिलती है।
15. ईशान कोण में करें जल की स्थापना: घर की उत्तर-पूर्व दिशा में पीने के पानी का एक जग रखें।