1 अगस्त 2018 से शुक्र कन्या राशि में आ गया है। शुक्र ने दोपहर 12 बजकर 20 मिनिट पर सिंह राशि से कन्या राशि में प्रवेश कर लिया है और 1 सितंबर को शनिवार के दिन रात 11 बजकर 15 मिनिट तक कन्या राशि में रहेगा। शुक्र को दैत्यों का गुरु माना गया है। यह मीन राशि में उच्च और कन्या राशि में नीच का होता है। इसका रत्न हीरा, ओपल है व धातु चांदी या प्लेटिनम है। शुक्र का कला, चमकीली वस्तु, हीरा, दांपत्य संबंध व आर्थिक स्थिति पर असर होता है।
शुक्र का अपनी नीच राशि में गोचरीय भ्रमण से विभिन्न राशि वालों पर अलग-अलग प्रभाव होगा। विभिन्न राशि वाले लोगों पर क्या प्रभाव होंगे, क्या शुभाशुभ परिणाम होंगे? आइए जानते हैं..
मेष : धन की कमी, दांपत्य जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव व दैनिक रोजगार में कमी महसूस होगी।
वृषभ : विद्यार्थी वर्ग को अपनी पढ़ाई पर ध्यान रखना होगा। स्वास्थ्य मध्यम रहेगा। शत्रु प्रभावी होंगे। कर्ज बढ़ेगा।
मिथुन : बाहरी मामलों व यात्रा में सावधानी रखें। पारिवारिक, जमीनी सौदे में भी सतर्कता बरतें। पिता से लाभ होगा।
कर्क : आर्थिक परेशानी, पारिवारिक मामलों में खर्च बढ़ेगा। पराक्रम करने पर भी उचित लाभ नहीं रहेगा।
सिंह : नौकरीपेशा संभलकर चलें। राजनीतिज्ञ सावधानी बरतें, विशेषकर स्त्री पक्ष के मामलों में। वाणी में संयम रखना होगा।
कन्या : शारीरिक कष्ट, धन की हानि, भाग्योन्नति में बाधा रहती है। आर्थिक प्रयासों में अनुकूल सफलता नहीं मिल पाती। स्त्री का सहयोग व लाभ की स्थिति रहेगी।
तुला : यात्रा में सतर्कता बरतें। बाहरी खान-पान से बचें। स्वास्थ्य का ध्यान रखकर कार्य करें। शत्रुपक्ष पर विजय रहेगी।
वृश्चिक : दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु अधिक परिश्रम करना पड़ेगा। स्वास्थ्य ठीक रहेगा। अपनी योग्यता का लाभ मिलने से प्रसन्नता रहेगी।
धनु : व्यापार-व्यवसाय में कमी, नौकरीपेशा संभलकर चलें। पारिवारिक सहयोग मिलेगा। खर्च अधिक रहेगा। शत्रु पीड़ा रहेगी।
मकर : भाग्य में कुछ कमी रह सकती है। लेखन के मामलों में सतर्क रहें। व्यापार-व्यवसाय संभलकर करें, जोखिम से बचें।
कुंभ : सुख में कमी, मानसिक बेचैनी व पारिवारिक उलझन रह सकती है। धर्म-कर्म में मन का नहीं लगेगा व खर्च अधिक रहेगा।
मीन : दैनिक व्यवसाय में सतर्कता रखें। पराक्रम अधिक रहेगा, स्वास्थ्य का ध्यान रखें। खर्च संभलकर करें। लेन-देन से बचें।
उपाय- शुक्र को अनुकूल बनाने के लिए प्रति शुक्रवार 1 चम्मच दही स्नान के जल में डालकर नहाएं। 9 साल से कम उम्र की कन्याओं को खीर खिलाएं। सवा 5 कैरेट का ओपेल चांदी में बनवाकर मध्यमा में पहनें।