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क्या राहु और केतु के कारण फिर से लौटेगा महामारी का तांडव काल?

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WD Feature Desk

, मंगलवार, 20 मई 2025 (17:39 IST)
18 मई 2025 के दिन राहु के कुंभ राशि में और केतु के सिंह राशि में गोचर के पहले ही यह आशंका जताई जाने लगी थी कि देश और दुनिया में कोरोना जैसी महामारी का एक नया दौर पुन: प्रारंभ होगा। हाल ही में यह खबर आई है कि सिंगापुर में 27 अप्रैल से 3 मई के बीच 14 हज़ार से अधिक कोरोना वायरस से पीड़ित लोग अस्पताल पहुंचे हैं। भारत में खबरों के मुताबिक 19 मई तक केवल 257 कोरोना वायरस के केस सामने आए हैं। 
 
ज्योतिष के दृष्टिकोण से देखें तो राहु और केतु के नक्षत्र में बड़े ग्रहों के आ जाने या राहु-केतु से अधिक संख्या में ग्रहों के युति बनाने से वायरस से संबंधित रोग फैलने लगते हैं और इससे अधिक संख्या में लोग प्रभावित होकर मरने लगते हैं। अप्रैल में मीन राशि में राहु के साथ सूर्य, शनि, बुध और शु्क्र की युति बनी थी।
 
उल्लेखनीय है कि 26 दिसंबर 2019 के सूर्य ग्रहण के समय बड़े ग्रह शनि और गुरु अन्य ग्रहों सूर्य, बुध और चन्द्रमा के साथ होकर धनु राशि में केतु के साथ युति कर रह थे। उस समय केतु के नक्षत्र मूल में सूर्य ग्रहण लगा था जिसके बाद से कोरोना वायरस तेजी से देश और दुनिया में फैलने लगा था। आगे चलकर इससे लाखों लोग मारे गए थे। 
 
वर्तमान में यदि हम गोचर की स्थिति देखें तो मीन राशि में शनि का गोचर 29 मार्च से शुरू हुआ था। शनि ने जल तत्व की राशि मीन में गोचर करके राहु से युति की और इसी के साथ ही अप्रैल-मई में दक्षिण पूर्व एशिया के सिंगापुर और हांगकांग, जो समुद्र तट के देश हैं, में कोरोना वायरस के मामले तेजे से बढ़े हैं। जल राशि में शनि का वायरस यानि सूक्ष्म जीव के कारक ग्रह राहु से आ मिलना कोरोना वायरस के मामले बढ़ने का कारण बना है।
 
हालांकि राहु अब मीन राशि को छोड़कर कुंभ राशि में प्रवेश कर चुके हैं इसलिए कोरोना वायरस का बड़ा खतरा नहीं दिख रहा किंतु अब यह दूसरे देशों में फैलेगा। मंगल 6 जून को सिंह राशि में प्रवेश करेंगे जिससे मंगल की युति केतु से होगी जिससे कुछ शहरों में कोरोना वायरस के मामले बढ़ेंगे किंतु स्थिति नियंत्रण में रहेगी और महामारी के स्तर तक नहीं पहुंच पाएगी।
 
ज्योतिष के अनुसार, महामारी के लिए राहु और केतु ग्रहों को सबसे अधिक जिम्मेदार माना जाता है। यह ग्रह जब भी शनि, मंगल या शुक्र से युति बनाते हैं तो ऐसा समय आता है। मार्च 2020 में जिस तरह से कोविड-19 हमारे देश में प्रवेश कर अचानक हमारी दौड़ती भागती दुनिया को एक विराम लगा दिया था उसके पीछे शनि के 2020 में मकर राशि में प्रवेश करना था। उस समय मंगल की केतु के साथ युति थी।

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