symptoms of new variant of corona JN 1: एक बार फिर, कोरोना वायरस (Coronavirus) दुनिया के विभिन्न हिस्सों में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहा है। भारत में भी, खासकर आर्थिक राजधानी मुंबई, तमिलनाडु और केरल जैसे राज्यों में कोरोना वायरस के JN.1 वैरिएंट के मामलों में कुछ तेज़ी देखी गई है। ऐसे में यह समझना ज़रूरी है कि यह नया वैरिएंट क्या है, यह कितना खतरनाक हो सकता है और इसके लक्षण क्या हैं ताकि हम सतर्क रह सकें।
क्या है JN.1 वैरिएंट और कितना खतरनाक है?
JN.1 वैरिएंट ओमिक्रॉन के BA.2.86 सब-वैरिएंट का एक वंशज है। इसे पहली बार लक्ज़मबर्ग में पाया गया था और तब से यह कई देशों में फैल चुका है। विशेषज्ञों का मानना है कि JN.1 अपने मूल ओमिक्रॉन वैरिएंट्स की तुलना में अधिक संक्रामक हो सकता है, जिसका अर्थ है कि यह तेज़ी से फैल सकता है।
हालांकि, अच्छी खबर यह है कि प्रारंभिक अध्ययनों और वैश्विक डेटा के अनुसार, JN.1 वैरिएंट से होने वाली बीमारी की गंभीरता में कोई उल्लेखनीय वृद्धि नहीं देखी गई है। इसका मतलब है कि यह पिछले कुछ खतरनाक वैरिएंट्स की तरह गंभीर रूप से बीमार नहीं कर रहा है या अस्पतालों में भर्ती होने की दर में वृद्धि नहीं कर रहा है। फिर भी, यह महत्वपूर्ण है कि हम सतर्क रहें, खासकर कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों और बुजुर्गों के लिए।
JN.1 वैरिएंट के लक्षण
JN.1 वैरिएंट के लक्षण मोटे तौर पर कोरोना के अन्य वैरिएंट से मिलते-जुलते हैं, लेकिन कुछ ऐसे विशिष्ट संकेत भी हैं जिन पर ध्यान देना चाहिए। अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण महसूस होता है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और जांच कराएं:
1. गले में सूखी खांसी: यह बिना बलगम वाली खांसी हो सकती है जो परेशान कर सकती है।
2. हल्का या तेज बुखार: बुखार 1 या 2 दिन से अधिक समय तक रह सकता है।
3. शारीरिक थकान और कमजोरी: शरीर में अत्यधिक थकावट और कमजोरी महसूस होना।
4. सिरदर्द: लगातार या तीव्र सिरदर्द की शिकायत।
5. गंध और स्वाद का चले जाना: यह कोरोना के शुरुआती वैरिएंट्स का एक प्रमुख लक्षण रहा है और JN.1 में भी दिख सकता है।
6. नाक बंद होना: नाक में जमाव या बहती नाक।
7. मांसपेशियों में दर्द: शरीर के विभिन्न हिस्सों में मांसपेशियों में दर्द।
8. दस्त के साथ उल्टी होना: कुछ मामलों में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (पेट से संबंधित) लक्षण भी देखे जा सकते हैं।
9. आंखों में जलन या पानी आना: आंखों से संबंधित कुछ लक्षण भी हो सकते हैं।
10. गले में अक्सर कुछ चुभन सी महसूस होना: गले में खराश के साथ-साथ एक अजीब सी चुभन का एहसास।
11. नींद की समस्या और बैचेनी: कुछ रोगियों को नींद आने में परेशानी और सामान्य बेचैनी का अनुभव हो सकता है।
बचाव ही सबसे अच्छा उपाय
भले ही JN.1 वैरिएंट ज़्यादा खतरनाक न लग रहा हो, लेकिन सावधानी बरतना बेहद ज़रूरी है। भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनना, हाथों को बार-बार धोना या सैनिटाइज़ करना, और सामाजिक दूरी बनाए रखना अभी भी प्रभावी बचाव के तरीके हैं। यदि आपमें कोई लक्षण दिखाई दें, तो घर पर रहें और तुरंत चिकित्सा सलाह लें। टीकाकरण और बूस्टर खुराक भी इस वायरस से लड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सतर्क रहें, सुरक्षित रहें।
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