Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

COVID-19 जैसे HMPV वायरस की नहीं है कोई वैक्सीन, जानें कैसे करें खुद की सुरक्षा?

Advertiesment
हमें फॉलो करें HMPV

विकास सिंह

, सोमवार, 13 जनवरी 2025 (13:04 IST)
कोरोना जैसे HMPV वायरस के चीन में आउटब्रेक होने के बाद अब भारत में लगातार सामने आते मामलों के बाद लोगों की चिंताएं बढ़ने लगी है। HMPV के संक्रमण से बचाव के लिए कोई वैक्सीन नहीं उपलब्ध होने के कारण क्या यह एक बड़ा खतरा हो सकता  है वहीं HMPV  के संक्रमण से कैसे बचा जा सकता है, यह सवाल भी लोगों के जेहन में आने लगा है।
ALSO READ: HMPV को लेकर मध्यप्रदेश सरकार अलर्ट, नई रिसर्च में दावा, बच्चों को अधिक खतरा
HMPV का कैसे होता हैं संक्रमण?- HMPV वायरस श्वसन संबंधी बीमारियों का कारण है, जो अपर और लोअर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट को प्रभावित करता है, यानि HMPV संक्रमित व्यक्तियों को अधिक खांसी के साथ सर्दी औऱ हल्का बुखार आएगा। वहीं HMPV पाँच वर्ष से कम आयु के स्वस्थ बच्चों में तीव्र श्वसन की बीमारी का तीसरा सबसे आम कारण माना जाता है। श्वसन संक्रमण दुनिया भर में बच्चों में बीमारी और मृत्यु दर का एक प्रमुख कारण है, विशेष रूप से निम्न और मध्यम आय वाले देशों में जहाँ पाँच वर्ष से कम आयु के बच्चे सबसे अधिक असुरक्षित हैं। वहीं हालिया एक शोध से पता चलता है कि दुनिया भर में पाँच वर्ष से अधिक आयु के लगभग हर व्यक्ति को कम से कम एक बार इस वायरस से संक्रमित होने की संभावना है।

HMPV की वैक्सीन नहीं होना क्या चुनौती?- HMPV वायरस से बचाव के लिए कोई वैक्सीन नहीं होना क्या एक चुनौती है, इस पर एक्सपर्ट कहते हैं कि HMPV का अब तक संक्रमण बहुत माइल्ड देखे गए है और अब तक कोई ऐसा मामला नहीं आया है कि वायरस से संक्रमित व्यक्ति की मुत्यु हुई हो। यहीं कारण है कि इसे पब्लिक हेल्थ प्रॉब्लम नहीं माना जाता है। इसलिए इसकी वैक्सीन नहीं बनी है और न इसकी  वैक्सीन बनाने के  कोई प्रयास किए गए है। वहीं वायरस से संक्रमित व्यक्ति एक हफ्ते में ठीक हो जाता है HMPV के बार-बार इंफेक्शन से एंटीबॉडी बनने से वैक्सीन जैसा प्रोटेक्शन मिलता है।
ALSO READ: चीन की तरह HMPV वायरस के भारत में आउटब्रेक होने का कितना डर, कोरोना की तरह क्या फेफड़ों के संक्रमण का खतरा?
HMPV से बच्चों और बुजुर्गों को अधिक खतरा?-चीन में HMPV के आउटब्रेक होने और  भारत में लगातार इसके के सामने आने के बाद अब यह सवाल खड़ा होने लगा है कि HMPV वायरस से भारत में किसको अधिक खतरा है। एक्सपर्ट की मानें तो HMPV लंबे समय में मनुष्यों को संक्रमित कर चुका है इसलिए ऐसे लोग जो स्वस्थ्य है और पांच साल से उपर है और ऐसे लोग जिनको कोई कोमार्बिट नहीं है यानि अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित नहीं हैं उनको कोई गंभीर रुप से खतरा नहीं है।

-पांच साल से कम उम्र के बच्चों को संक्रमण का खतरा।
-65 साल से अधिक उम्र के लोगों को संक्रमण की संभावना।
-कोमार्बिटी (comorbidities)  यानि ऐसे व्यक्ति जो पहले से गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं, उनको संक्रमण का खतरा। 

HMPV के संक्रमण से कैसे करें अपना बचाव?-HMPV, कोविड-19 जैसे घातक वायरस नहीं है, इसलिए सावधानी बरत कर आसानी से इसके संक्रमण से बचा जा सकता है।
-मास्क पहनें, और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें।
-भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर जानें से बचें।
-अगर सर्दी या बुखार जैसी कोई समस्या महसूस हो रही है तो डॉक्टर की सलाह पर दवा लें, घर पर आराम करें।
-कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए जो सावधानी हमने रखी थी वहीं सावधानी HMPV वायरस से बचाव के लिए रखनी होगी।
ALSO READ: HMPV वायरस, कोरोना वायरस नहीं, भारत में वैक्सीन भी नहीं, 8 सवालों में जानें वायरस से जुड़े आपके हर सवाल का जवाब
HMPV का टेस्ट कराना कितना जरूरी?- देश में लगातार HMPV वायरस से संक्रमित लोगों  की संख्या के बाद इससे बचाव के कई प्रयास किए जा रहे है। अगर HMPV का इंफेक्शन यानि सर्दी जुकाम हुआ है तो HMPV के टेस्ट करना जरूरी नहीं है। संक्रमण होने पर कोविड एप्रोपियट बिहेवियर फॉलो करना है। संक्रमित व्यक्ति एक हफ्ते में ठीक हो जाता है। जहां तक भारत में HMPV के केस आने की बात है तो जितना टेस्टिंग बढ़ाएंगे उतनी संख्या बढ़ेगी।
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Delhi : आवासीय फ्लैट में लगी आग, एक महिला की मौत, 2 अन्य घायल