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अशुभ मुहूर्त क्या होता है, जानिए

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अनिरुद्ध जोशी

मुहूर्त को लेकर मुहूर्त मार्तण्ड, मुहूर्त गणपति, मुहूर्त चिंतामणि, मुहूर्त पारिजात, धर्म सिंधु, निर्णय सिंधु आदि शास्त्र हैं। इसमें मुहूर्त के बारे में विस्तार से बताया गया है। मुहूर्त देखने के लिए पंचांग देखते हैं। पंचांग में तिथि, वार, नक्षत्र, योग और करण होते हैं परंतु मुहूर्त क्या होता है?। लोग तो मुहूर्त देखकर ही कोई वाहन, स्वर्ण, गृह आदि खरीदते हैं। किसी भी कार्य का प्रारंभ करने के लिए शुभ लग्न और मुहूर्त को देखा जाता है। परंतु यहां पर जानिए कि अशुभ मुहूर्त कौन कौन से होते हैं और उनके कौन से कार्य नहीं करना चाहिए।
 
 
क्या है मुहूर्त : एक मुहूर्त 2 घड़ी अर्थात 48 मिनट के बराबर होता है। 24 घंटे में 1440 मिनट होते हैं। कुल 30 मुहूर्त होते है। मुहूर्त सुबह 6 बजे से शुरू होता है:- यथाक्रम 1.रुद्र, 2.आहि, 3.मित्र, 4.पितॄ, 5.वसु, 6.वाराह, 7.विश्वेदेवा, 8.विधि, 9.सतमुखी, 10.पुरुहूत, 11.वाहिनी, 12.नक्तनकरा, 13.वरुण, 14.अर्यमा, 15.भग, 16.गिरीश, 17.अजपाद, 18.अहिर, 19.बुध्न्य, 20.पुष्य, 21.अश्विनी, 22.यम, 23.अग्नि, 24.विधातॄ, 25.कण्ड, 26.अदिति जीव/अमृत,27.विष्णु, 28.युमिगद्युति, 29.ब्रह्म और 30.समुद्रम।
 
अशुभ मुहूर्त : मुहूर्त दो तरह के होते हैं शुभ मुहूर्त और अशुभ मुहूर्त। शुभ को ग्राह्य समय और अशुभ को अग्राह्‍य समय कहते हैं।  इसमें से 15 मुहूर्त शुभ है और 15 मुहूर्त अशुभ। शुभ मुहूर्त कुल 15 है। शुभ मुहूर्त में श्‍वेत, मित्र, सारभट, सावित्र, वैराज, विश्वावसु, अभिजित, रोहिण, बल, विजय, नैरऋत, वरुण सौम्य और भग ये 15 मुहूर्त हैं। अमृत/जीव मुहूर्त और ब्रह्म मुहूर्त बहुत श्रेष्ठ होते हैं। इन्हें छोड़कर बाकी सभी मुहूर्त अशुभ माने गए हैं। रवि के दिन 14वां, सोमवार के दिन 12वां, मंगलवार के दिन 10वां, बुधवार के दिन 8वां, गुरु के दिन 6टा, शुक्रवार के दिन 4था और शनिवार के दिन दूसरा मुहूर्त कुलिक शुभ कार्यों में वर्जित हैं।

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