Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

वृश्चिक संक्रांति आज, जानिए महत्व, मंत्र, फल, दान और सूर्य को अर्घ्य देने का समय

हमें फॉलो करें Vrishchik sankranti
Scorpio Sankranti 2023: सूर्य के राशि परिवर्तन को संक्रांति कहते हैं। संक्रांति का सम्बन्ध कृषि, प्रकृति और ऋतु परिवर्तन से भी है। 17 नवंबर 2023 शुक्रवार को दोपहर 01 बजकर 07 मिनट पर सूर्य तुला राशि से निकलकर वृश्‍चिक राशि में गोचर करने लगेगा। वैसे मेष, मकर, मिथुन और कर्क संक्रांति का ज्यादा महत्व बताया गया है। वृश्‍चिक संक्रांति भी कई अन्य मामलों में महत्वपूर्ण है।
 
वृश्‍चिक संक्रांति का महत्व:-
वृश्चिक राशि सभी राशियों में सबसे संवेदनशील राशि है जो शरीर में तामसिक ऊर्जा, घटना-दुर्घटना, सर्जरी, जीवन के उतार-चढ़ाव को प्रभावित और नियंत्रित करती है। यह जीवन के छिपे रहस्यों का प्रतिनिधित्व भी करती है। वृश्चिक राशि खनिज और भूमि संसाधनों जैसे कि पेट्रोलियम तेल, गैस और रत्न आदि के लिए कारक होती है। वृश्‍चिक राशि में सूर्य अनिश्चित परिणाम देता है। इस दिन श्राद्ध और तर्पण करने से पितरों को मुक्ति मिलती है और पितृ दोष समाप्त होता है।
 
सूर्य पूजा का समय | Surya Dev Puja ka samay: हर संक्रांति पर भगवान सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है जिससे सूर्य दोष और पितृ दोष समाप्त होता है। 
 
सूर्य को अर्घ्य देने का समय- प्रात:काल 6 बजकर 45 मिनट के बाद।
दान देने का समय : सुबह 11:44 से दोपहर 02:36 तक।
 
सूर्यदेव सूर्य पूजा के मंत्र | Surya Dev Mantra:
ॐ घृ‍णिं सूर्य्य: आदित्य:
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणाय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा.
ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घ्य दिवाकर:
ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः
ॐ सूर्याय नम:
ॐ घृणिं सूर्याय नम:
webdunia
वृश्‍चिक संक्रांति का दान : संक्रांति के दिन दान पुण्य का खास महत्व होता है। इसलिए इस दिन गरीब लोगों को भोजन, वस्त्र आदि दान करना चाहिए। संक्रांति के दिन पूजा-अर्चना करने के बाद गुड़ और तिल का प्रसाद बांटा जाता है। मान्यता के अनुसार वृश्‍चिक संक्रांति के दिन गाय दान करना सबसे बड़ा पुण्य माना गया है।
 
संक्रांति का स्नान : संक्रांति के दिन तीर्थों में स्नान का भी खास महत्व होता है। संक्रांति, ग्रहण, पूर्णिमा और अमावस्या जैसे दिनों पर गंगा स्नान को महापुण्यदायक माना गया है। ऐसा करने पर व्यक्ति को ब्रह्मलोक की प्राप्ति होती है। देवीपुराण में यह कहा गया है- जो व्यक्ति संक्रांति के पावन दिन पर भी स्नान नहीं करता वह सात जन्मों तक बीमार और निर्धन रहता है।
 
वृश्‍चिक संक्रांति 2023 का फल : 
क्रूर, पापी, भ्रष्ट लोग और अपराधी लोग एक माह सजा तक बच सकते हैं। वस्तुओं के दाम स्थिर रहेंगे। लोगों की सेहत और संबंध में सुधार होगा। जीवन में स्थिरता आएगी। दो राष्ट्रों के बीच सम्बन्ध मधुर होंगे और अनाज भण्डारण में वृद्धि होगी।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

छठ पर्व प्रारंभ: नहाय खाय पूजा के शुभ मुहूर्त और सांध्य अर्घ्य