ज्योतिष में शनि ग्रह को न्यायाधीश माना जाता है। शनि की साढ़ेसाती, ढैया, पनौती जैसे नामों को सुनकर ही लोग घबराने लगते हैं। शनि जातक को उसके कर्मों का फल देते हैं। शनि के फल का निर्णय कुंडली में उनके स्थान से भी किया जाता है, लेकिन हम आपको बता रहे हैं कुछ ऐसे लक्षण जो आप स्वयं में देखें तो जान लीजिए आपकी कुंडली में शनि कमजोर हैं....
* कुछ लोग जब चलते हैं तो कदम पूरा उठाने की बजाय पांव को जमीन पर घसीट कर चलते हैं। ऐसे लोगों के चलने पर आवाज होती है। अगर आसपास कोई दूसरी आवाज नहीं है तो उसके चलने की आवाज से आप अनुमान लगा सकते हैं कि वह व्यक्ति आ रहा है। यह आवाज भी शनि कमजोर होने की निशानी है।
* अगर जातक का शनि कमजोर है तो उसके बनते काम बिगड़ने लगते हैं। अगर कुंडली में शनि की स्थिति कमजोर है तो व्यक्ति को अपनी मेहनत का पूरा प्रतिफल नहीं मिलता, उसे बार-बार लगता है कि जिंदगी उसके हाथ से यूं ही निकलती जा रही है और दोस्तों व साझेदारों से झगड़े होते हैं।
* शनि कमजोर होने के कुछ और लक्षण भी हैं जो जीवन में कभी भी सामने आ जाते हैं, लेकिन पता न होने के कारण व्यक्ति कुछ कर नहीं पाता। उदाहरण के लिए घर की ट्यूबलाइट, बल्ब, टीवी, फ्रिज आदि बिजली के उपकरण जल्दी-जल्दी खराब होने लगते हैं। इसके लिए आप उस प्रोडक्ट को जिम्मेदार ठहराएंगे या फिर बिजली के वोल्टेज के उतार-चढ़ाव को। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि के कमजोर या रुष्ट होने पर ऐसी घटनाएं घटित होती हैं। ज्योतिषियों के मुताबिक गले में बलगम का जमना भी शनि कमजोर होना दर्शाता है। शनि न्याय के देवता हैं।
ऐसे कर सकते हैं शनि को मजबूत : यौगिक क्रिया शीतली और कपालभाति करने पर शनि मजबूत हो जाते हैं। इससे कमर दर्द और पिंडलियों का दर्द भी ठीक हो जाता है। सबसे सीधा सा उपाय है कि आप अपनी चाल को ठीक रखें। पांव जमीन पर घसीटने की बजाय उठाकर रखें। कोशिश करें कि जूते, चप्पल नीचे से घिसें नहीं। अपना आचरण, कर्म पवित्र रखें तो शनि की कुदृष्टि आप पर नहीं रहेगी। किसी विद्धान ज्योतिष को कुंडली दिखाकर ही शनि के उपाय करने चाहिए। (प्रस्तुति : सुधीर शर्मा)