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मंगल सा पराक्रमी बनना है तो उसे शुभ बनाएं, पढ़ें 6 उपाय और 1 मंत्र

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पं. हेमन्त रिछारिया

नवग्रहों की शांति उपायों के क्रम में आज हम वेबदुनिया के पाठकों हेतु मंगल ग्रह की शांति की जानकारी प्रदान करेंगे। मंगल का स्वभाव क्रूर व मारणात्मक है वहीं दूसरी तरफ वह पराक्रम का भी प्रतीक है। ज्योतिष शास्त्र में केतु को मंगल के सदृश माना गया है। मांगलिक योग व अंगारक योग भी मंगल के कारण ही बनता है।

जन्मपत्रिका के लग्न, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम, द्वादश भाव में स्थित मंगल मांगलिक योग का कारण बनता है। यदि आपकी जन्मपत्रिका में मंगल अशुभ भावों का स्वामी है तब मंगल के शांति उपाय कर आप लाभ प्राप्त कर सकते हैं। 
 
मंगल-
-मंगल का एकाक्षरी मंत्र- ॐ अं अंगारकाय नम:
 
-मंगल के दान सामग्री : लाल वस्त्र,गुड़,मूंगा,लाल पुष्प,तांबा, रक्त चंदन, मसूर की दाल।
 
-मंगल के दान का समय: सूर्योदय से 48 मिनट पश्चात पूरा दिन
 
-मंगल के दान का दिन: मंगलवार
 
उपाय:
 
-250 ग्राम बताशे मंगलवार के दिन बहते जल में प्रवाहित करें।
-मंगलवार को हनुमान जी को सिन्दूर (चोला) अर्पण करें।
-लाल वस्त्रों का प्रयोग ना करें।
-प्रति मंगलवार सुंदरकांड का पाठ करें।
-मंगलवार को किसी से कुछ भेंट इत्यादि ना लें।
-ताम्रपत्र पर मंगल यंत्र उत्कीर्ण करा कर नित्य पूजा करें।
 
 
 
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केन्द्र
सम्पर्क: [email protected]
 

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