Saturn transit in Aquarius 2022 : 29 अप्रैल 2022 को 30 साल बाद शनि मकर से कुंभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे। इस परिवर्तन से शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या की स्थिति भी बदलेगी। इस दौरान शनि मंत्र का जाप आपको अनुकूलता और शीतलता देगा।
शनिदेव : शनि भगवान के शीश पर स्वर्ण मुकुट, गले में माला तथा शरीर पर नीले रंग के वस्त्र सुशोभित हैं। शनिदेव गिद्ध पर सवार रहते हैं। हाथों में क्रमश: धनुष, बाण, त्रिशूल और वरमुद्रा धारण करते हैं।
शनिदेव के अचूक मंत्र-
वैदिक मंत्र-
ॐ शं नो देवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये। शं योरभि स्त्रवन्तु न:।
पौराणिक मंत्र-
नीलांजनसमाभासं रविपुत्र यमाग्रजम, छायामार्तंड सम्भूतं नं नमामि शनैश्चरम।
बीज मंत्र-
ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:
सामान्य मंत्र-
ॐ शं शनैश्चराय नम:
इनमें से किसी एक मंत्र का श्रद्धानुसार नित्य एक निश्चित संख्या में जप करना चाहिए। जप का समय संध्याकाल तथा कुल संख्या 23 हजार होना चाहिए।