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शनि का मीन राशि में परिवर्तन, जानें 12 राशियों पर प्रभाव, करें ये उपाय

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पं. हेमन्त रिछारिया

, शनिवार, 29 मार्च 2025 (14:01 IST)
Surya grahan 29 march 2025: शनि ग्रह का नवग्रहों में महत्वपूर्ण स्थान है। ज्योतिष शास्त्र के फलित में शनि की महती भूमिका होती है। शनि को शास्त्रानुसार सूर्यपुत्र एवं दंडाधिकारी माना गया है। शनि न्यायाधिपति भी हैं जो जीव को अपने कर्मानुसार कर्मफल या कर्मदंड देने जीवन में शनि दशा के रूप में आते हैं। इन दशाओं को शनि की साढ़ेसाती व ढैय्या के नाम से जाना जाता है। शनि मन्द गति से चलने वाले ग्रह है उनकी इस धीगी गति के कारण उनका एक नाम शनैश्चर भी है।ALSO READ: 30 साल बाद 29 मार्च 2025 को है 4 महासंयोग, 5 कार्य अवश्य करेंगे तो होगा फायदा ही फायदा
 
शनि एक राशि में सर्वाधिक ढाई वर्षों तक रहते हैं। शनि का नाम सुनते ही जनमानस के मन-मस्तिष्क में एक भय व्याप्त होने लगता है। जब भी शनि का राशि परिवर्तन होता है लोग यह जानने को उत्सुक होते हैं कि उनके लिए यह राशि परिवर्तन क्या फ़ल देने वाला है। दिनांक 29 मार्च 2025 को शनि रात्रि लगभग 09 बजकर 46 मिनट पर अपनी राशि परिवर्तन करते हुए मीन राशि में प्रवेश करेंगे। 
 
शनि के इस राशि परिवर्तन का विश्व एवं समस्त 12 राशियों पर व्यापक शुभाशुभ प्रभाव होगा। आइए जानते हैं कि शनि का मीन राशि में संचरण द्वादश राशियों के लिए कैसा रहेगा-
 
1. मेष- मेष राशि वाले जातकों को शनि के गोचर अनुसार कार्यक्षेत्र में बाधाएं आएंगी। व्यापार में नुकसान होगा। कार्यों में असफ़लता प्राप्त होगी। स्वजनों से विरोध होगा। जीवनसाथी से मतभेद के कारण कलह होगी। ह्रदय रोग के कारण कष्ट होगा। मानसिक अवसाद रहेगा। भूमि-भवन से हानि होगी। वाहन से हानि होगी। माता को कष्ट होगा।
 
2. वृषभ- वृषभ राशि वाले जातकों को शनि के गोचर अनुसार लाभ में वृद्धि होगी। धार्मिक कार्यों में मन लगेगा। धार्मिक पर्यटन होगा। बंधु-बांधवों का सहयोग प्राप्त होगा। आय व लाभ में वृद्धि होगी। राजसत्ता का सहयोग प्राप्त होग। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। नौकरीपेशा लोगों की पदोन्नति के योग बनेंगे। छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त होगी। 
 
3. मिथुन- मिथुन राशि वाले जातकों को शनि के गोचर अनुसार धन हानि होगी। सम्पत्ति से नुकसान होगा। कार्यों में असफ़लता प्राप्त होगी। मान-प्रतिष्ठा की हानि होगी। राजदंड का भय होगा। जीवनसाथी का स्वास्थ्य खराब रहेगा। पुत्र सुख में कमी आएगी। लॉटरी इत्यादि से हानि होगी। गुप्त शत्रुओं के कारण कष्ट होगा।
 
4. कर्क- कर्क राशि वाले जातकों को शनि के गोचर अनुसार जीवनसाथी के स्वास्थ्य को लेकर मानसिक चिन्ता रहेगी। दाम्पत्य सुख में कमी आएगी। धन हानि होगी। गुप्त रोग के कारण कष्ट रहेगा। यात्रा में परेशानी व दुर्घटना होने की संभावना है। घर से दूर प्रवास करना पड़ेगा। व्यापार व आजीविका में विघ्न आएंगे।
 
5. सिंह- सिंह राशि वाले जातकों को शनि के गोचर अनुसार धन लाभ नहीं होगा। शत्रुओं से कष्ट होगा। भूमि-भवन से अपेक्षित लाभ नहीं होगा। स्वास्थ्य खराब रहेगा। जीवनसाथी का सहयोग प्राप्त नहीं होगा। शल्य चिकित्सा के योग बनेंगे। दुर्घटनाओं के कारण कष्ट होगा। मन अवसादग्रस्त रहेगा। शेयर बाजार, लॉटरी इत्यादि में निवेश से हानि होगी। बंधु-बांधवों का सहयोग प्राप्त नहीं होगा। नौकरीपेशा लोगों को कार्यक्षेत्र में बाधाएं आएंगी। विद्यार्थी वर्ग को परीक्षाओं में अपेक्षित सफलता प्राप्त नहीं होगी।ALSO READ: 29 मार्च 2025 को होने वाला है सबसे बड़ा परिवर्तन, 3 राशियां रहें बचकर
 
6. कन्या- कन्या राशि वाले जातकों को शनि के गोचर अनुसार गलत निर्णयों के कारण हानि होगी। धन हानि होगी। योजनाएं असफ़ल होंगी। पुत्र सुख में कमी आएगी। स्त्री जाति से कष्ट होगा। व्यापार में हानि होगी।
 
7. तुला- तुला राशि वाले जातकों को शनि के गोचर लाभ में वृद्धि होगी। आर्थिक मामलों में सफलता के योग बनेंगे। राज्य की ओर से लाभ होगा। भूमि, भवन एवं वाहन की प्राप्ति होगी। लोहा, पेट्रोलियम एवं खनन व्यापारियों को लाभ होगा। विद्यार्थी वर्ग को परीक्षाओं में सफलता प्राप्त होगी। नौकरीपेशा लोगों को अधीनस्थों का सहयोग प्राप्त होगा। न्यायिक सेवा से सम्बद्ध व्यक्तियों की पदोन्नति के योग बनेंगे। तेल व्यापारियों को अतीव लाभ होगा। स्वास्थ्य उत्तम रहेगा। कोर्ट-कचहरी के मामलों में सफलता प्राप्त होगी। साहस व पराक्रम में वृद्धि होगी।
 
8. वृश्चिक- वृश्चिक राशि वाले जातकों को शनि के गोचर अनुसार साहस-पराक्रम में कमी होगी। प्रत्येक कार्य में सफ़लता में कमी होगी। मानसिक चिन्ता रहेगी। मन अवसादग्रस्त रहेगा। जीवनसाथी का सहयोग प्राप्त नहीं होगा। पेट दर्द एवं गर्भहानि जैसी समस्याएं आएंगी। विद्यार्थी वर्ग को प्रतियोगी परीक्षाओं एवं उच्च शिक्षा में अपेक्षित सफलता प्राप्त नहीं होगी। प्रेम सम्बन्ध सफल नहीं होंगे। आर्थिक क्षेत्र में हानि होगी। संचित धन का व्यय होगा।
 
9. धनु- धनु राशि वाले जातकों को शनि के गोचर अनुसार पारिवारिक कलह का वातावरण रहेगा। धन हानि होगी। स्वजनों से विवाद होगा। कार्यों में असफ़लता प्राप्त होगी। शारीरिक कष्ट होगा। जीवनसाथी से मतभेद के कारण मन खिन्न रहेगा। घर से दूर निवास करना पड़ेगा।
 
10. मकर- मकर राशि वाले जातकों को शनि के गोचर अनुसार मानसिक सुख प्राप्त होगा। स्वास्थ्य उत्तम रहेगा। साहस व पराक्रम में वृद्धि होगी। आर्थिक क्षेत्र में सफलता प्राप्त होगी। तीर्थस्थानों की यात्रा होगी। धन संचय होगा। भूमि,भवन एवं वाहन की प्राप्ति होगी। अचल सम्पत्ति की प्राप्ति की संभावना है। विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त होगी। नौकरीपेशा लोगों की पदोन्नति होगी। अधीनस्थों एवं पारिवारिक सदस्यों का सहयोग प्राप्त होगा। जीवनसाथी का सहयोग प्राप्त होगा। राजनीतिक क्षेत्र से जुड़े व्यक्तियों को बड़ा पद मिलने के योग बनेंगे। शत्रु परास्त होंगे। मुकदमों में सफलता प्राप्त होगी। धनागम व आय में वृद्धि होगी।
 
11. कुम्भ- कुम्भ राशि वाले जातकों को शनि के गोचर अनुसार पारिवारिक सुख में कमी आएगी। व्यर्थ व्यय के कारण धन हानि होगी। स्वास्थ्य खराब रहेगा। कष्टप्रद यात्राएं होंगी। भाग्य का साथ प्राप्त नहीं होगा। सन्तान को कष्ट होगा।
 
12. मीन- मीन राशि वाले जातकों को शनि के गोचर अनुसार मानसिक व शारीरिक पीड़ा होगी। निर्णय गलत होने से असफलताएं प्राप्त होंगी। मन खिन्न व अवसादग्रस्त रहेगा। स्वास्थ्य खराब रहेगा। पैरों में पीड़ा रहेगी। जीवनसाथी व बंधु-बांधवों का सहयोग प्राप्त नहीं होगा। मित्रों व साझेदारों से धोखा मिलेगा। राज्य से सहयोग प्राप्त नहीं होगा। राजदंड का भय रहेगा। कोर्ट-कचहरी के मामलों में असफलता प्राप्त होगी। शत्रु पक्ष हावी रहेगा। आर्थिक स्थिति खराब रहेगी। संचित धन का अपव्यय होगा। जीवनसाथी से अलगाव की संभावना है। जीवनसाथी का स्वास्थ्य खराब रहेगा।
 
(विशेष-उपरोक्त फलित ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि के गोचर पर आधारित है। जातक की जन्मपत्रिका में शनि की स्थिति एवं अन्य ग्रह-योगों के आधार पर इसमें न्यूनाधिक परिवर्तन होना संभव है।)
 
इन राशि वाले जातकों पर रहेगी साढ़ेसाती व ढैय्या-
 
शनि के मीन राशि में प्रवेश के साथ ही निम्न राशि वाले जातकों पर शनि की साढ़ेसाती व ढैय्या का प्रभाव रहेगा।
 
1. साढ़ेसाती (दीर्घकल्याणी)- कुम्भ (अन्तिम चरण), मीन (द्वितीय चरण), मेष (प्रथम चरण)
2. ढैय्या (लघुकल्याणी)- सिंह व धनु
 
शनि के अशुभ प्रभाव को कम करने हेतु आवश्यक उपाय-
 
1. प्रत्येक शनिवार शनि का दान करें।
(दान सामग्री: काला वस्त्र, उड़द, काले तिल, सुगन्धित तेल, लोहा, छाता, कम्बल, चमड़ा, नीलम आदि)
2. प्रत्येक शनिवार छाया दान करें।
(छाया दान-प्रात:काल लोहे की कटोरी तेल भरकर उसमें अपना मुख देखकर उस तेल को कटोरी सहित दान करें।)
3. सात शनिवार 7 बादाम मंदिर में चढ़ाएं।
4. शनिवार को भंडारे में कोयला दान करें।
5. शनिवार को सवा किलो काले चने, सवा किलो उड़द, काली मिर्च व सरसों का तेल दान करें।
6. शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक प्रज्वलित करें।
7. प्रतिदिन चींटियों को आटा व शकर का बूरा डालें।
8. अधीनस्थों से प्रेमपूर्व व्यवहार करें।
9. काले व नीले वस्त्रों को धारण ना करें।
10. शनिवार को भूमि में सुरमा दबाएं।
11. नित्य महामृत्युंजय मंत्र एवं दशरथकृत शनि स्तोत्र का पाठ करें।
 
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केन्द्र
सम्पर्क: [email protected]
 

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