Saturn in Aquarius 2022 : शनि ग्रह आज यानी 29 अप्रैल 2022 शुक्रवार से मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में गोचर कर रहा है। शनि के कुंभ में प्रवेश से खासकर 2 राशियों का इसपर होगा जबरदस्त प्रभाव। आओ जानते हैं कि कौनसी हैं वे 2 राशियां।
कुंभ को रहना होगा सतर्क (Shani effect on kumbha rashi 2022) : कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती 24 जनवरी 2020 से शुरू हुई थी। कुंभ राशि वालों को शनि की साढेसाती से मुक्ति का प्रारंभ 3 जून 2027 से होगा। कुंभ राशि वालों को शनि क साढ़ेसाती से पूर्णत: मुक्ति 23 फरवरी 2028 को मिलेगी। साढ़ेसाती के तीन चरण होते हैं। कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती का प्रथम चरण सामान्यत: अशुभ रहता है।
दूसरे चरण का प्रभाव : इस चरण के दौरान आपको मानसिक, शारीरिक और आर्थिक कष्टों का सामना करना पड़ सकता है। इस चरण में शनि जातक के उदर भाव में होते हैं, तो पेट, हार्ट, किडनी से संबंधित रोग होने की संभावना बनती है। साथ ही किसी अपने से धोखा मिलने की संभावना भी बनती है। रिश्तों में दरार और अनावश्यक भय बढ़ जाता है। हालांकि यदि आप अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखते हैं तो बाकी सभी बातें गौण हैं।
मीन राशि पर प्रारंभ हो गई है शनि की साढ़े साती (Shani effect on Meen rashi 2022) : शनि ग्रह के कुंभ राशि में आने से मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी जो 17 अप्रैल 2030 तक रहेगी। मीन पर साढ़ेसाती का प्रथम चरण प्रारंभ होगा।
प्रथम चरण का प्रभाव : साढ़ेसाती का प्रथम चरण मीन राशि वालों के लिए भारी रहेगा। इस लिए उन्हें सावधान रहने की जरूरत है। कहते हैं कि इस चरण में जातक के मस्तक पर असर होता है और इसमें आर्थिक स्थिति एवं सेहत पर बुरा असर पड़ता है। चिंता और तनाव के साथ ही नींद से जुड़ी समस्या उत्पन्न हो जाती है। पति-पत्नी के बीच संबंधों पर बुरा असर पड़ता है। शनि के कुंभ में गोचर के दौरान कुछ आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है चूंकि इस अवधि में आपके खर्चे आपकी आमदनी से ज़्यादा हो सकते हैं। आपको घटना और दुर्घटनाओं से बचकर रहना होगा। हालांकि छात्रों के लिए यह गोचर अनुकूल है।