shani ki vakri chal ka prabhav 2025: 13 जुलाई 2025 को रविवार सुबह 09:36 पर शनि मीन राशि में वक्री हो रहे हैं, शनि देव यहां पर 28 नवंबर 2025 को सुबह 09:20 तक वक्री अवस्था में रहेंगे। शनि ने मीन राशि में 29 मार्च 2025 को प्रवेश किया था। इस राशि में शनिदेव 3 जून 2027 तक रहकर लोगों के कर्मों की सजा तय कर रहे हैं। इसके बाद सजा का दौर चलेगा। वक्री शनि का 12 राशियों पर क्या प्रभाव रहेगा जानते हैं।
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1. मेष राशि: 29 मार्च से आपकी राशि पर शनि की साढ़ेसाती प्रारंभ हुई है। हालांकि साढ़ेसाती का आप पर प्रभाव अच्छा रहेगा लेकिन वक्री चाल में यदि आपके कर्म अच्छे हैं तो फल अच्छा मिलेगा और यदि बुरे हैं तो बुरा। फिर भी आपको इस दौरान सतर्क रहने की जरूरत है क्योंकि वर्तमान में यह आपके द्वादश भाव में वक्री हो रहे हैं। नौकरी में अपने व्यवहार और वाणी पर संयम रखें। आपको अपने रिश्तों को लेकर भी सावधानी रखना होगी।
2. वृषभ राशि: आपकी कुंडली में नवम और दशम भाव के स्वामी का एकादश भाव में वक्री गोचर होगा। यह लाभ का भाव है जहां वक्री गोचर सामान्य तौर पर शुभ नहीं माना जाता। हालांकि मिलेजुले परिणाम प्राप्त होंगे। लाभ मिलने में समय लग सकता है, लेकिन कार्य सभी पूर्ण होंगे। अपनी सेहत को लेकर सतर्क रहें।
3. मिथुन राशि: दसवें भाव में शनि का गोचर आमतौर पर अच्छा नहीं माना जाता लेकिन यह वक्री हुआ है तो मिश्रित परिणाम दे सकता है। इसलिए आपको संभलकर कार्य करना होगा। खासकर नौकरी और व्यापार में सोच समझकर रहना होगा। दशम भाव में शनि नौकरी या व्यवसाय में व्यवधान देने वाला माना गया है। यह आपके सुख में कमी ला सकता है।
4. कर्क राशि: आपकी कुंडली के सातवें और आठवें भाव स्वामी का नवम भाव में वक्री गोचर हो रहा है। इसके परिणाम स्वरूप मिलेजुले परिणाम मिलेंगे। धर्म कर्म के कार्यों में शामिल होने के मौके मिलेंगे। यदि समझदारी से काम लेंगे तो अपने काम में सफल हो सकते हैं और आपके शत्रु परास्त होंगे। कार्यक्षेत्र में उन्नति होगी।
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5. सिंह राशि: आपकी कुंडली के छठे तथा सातवें भाव के स्वामी गुरु का आठवें भाव में वक्री गोचर होगा। जीवन में कठिनाइयां तो होगी लेकिन आप मार्ग को सुगम बनाने की क्षमता हासिल कर पाएंगे। यदि क्रोध रहा तो कुछ मामलों में समस्याएं बढ़ सकती हैं। पेट संबंधी परेशानी हो सकती है। आर्थिक और पारिवारिक मामलों में सतर्कता से काम लेना होगा।
6. कन्या राशि: सातवें भाव में शनि का गोचर आमतौर पर अच्छा नहीं माना जाता है। इसका यहां वक्री होना भी अच्छा नहीं माना गया है। इसलिए जीवनसाथी से संबंध को लेकर और साझेदारी के व्यापार को लेकर सतर्क रहें। यह नौकरी में भी समस्या पैदा कर सकता है। विवादों से दूर रहें। खान-पान पर संयम रखें।
7. तुला राशि: आपकी कुंडली के चौथे तथा पांचवें भाव के स्वामी गुरु का छठे भाव में वक्री गोचर होगा। छठे भाव में शनि ग्रह का गोचर अच्छे परिणाम दे सकता है। हालांकि सफलता प्राप्त करने के लिए आपको कड़ी मेहनत करना होगी। कहीं से अचानक धन या संपत्ति की प्राप्ति हो सकती है।
8. वृश्चिक राशि: आपकी कुंडली के पांचवे भाव में शनि का वक्री होना शुभ नहीं है। यह संतान और संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। यह इस अवधि में आपके सोचने की क्षमता कुछ हद तक बाधित कर सकता है। इसके कारण निर्णय लेने की क्षमता कमजोर होगी।। कारोबारी हैं या नौकरीपेशा आपको महत्वपूर्ण योजनाओं को बनाने में अधिक सावधानी रखना होगी। खानपान पर भी संयम रखना होगा।
9. धनु राशि: आपकी कुंडली के चौथे भाव में शनि का वक्री होना सुख और सुविधाओं में कमी ला सकता है। अत जीवन में थोड़े उतार-चढ़ाव आ सकते हैं। नौकरी में स्थान परिवर्तन के योग हैं। घर बदलने की नौबत आ सकती है। इस अवधि में वाहन सावधानी से चलाएं।
10. मकर राशि: आपकी कुंडली के लग्न और दूसरे भाव के स्वामी आपके तीसरे भाव में वक्री हो रहे हैं। सेहत अच्छी रहेगी। यात्राओं में सावधानी रखने की जरूरत है। धन लाभ होने में कठिनाई आ सकती है। भाई-बंधुओं और पड़ोसियों से संबंधों को लेकर सतर्क रहें। नौकरीपेशा हैं तो अपने व्यवहार में सुधार करें। कारोबारी हैं तो सोच समझकर निवेश करें।
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11. कुंभ राशि: आपकी कुंडली के लग्न और बारहवें भाव के स्वामी गुरु का दूसरे भाव में वक्री गोचर होगा। धन संबंधी परेशानी हो सकती है। घर-परिवार में अशांति रह सकती है। अधिक धन खर्च होगा और इसी के कारण तनाव भी रहेगा। इसलिए व्यर्थ का खर्च न करें। घर परिवार के लोगों से संबंध अच्छा बनाकर रखें।
12. मीन राशि: आपकी कुंडली के एकादश भाव और व्यय भाव यानी द्वादश भाव के स्वामी शनि आपके प्रथम भाव में वक्री हो रहे हैं। आपकी कुंडली में शनि का गोचर साढ़ेसाती का दूसरा चरण चल रहा है। सेहत का ध्यान रखें और खानपान पर ध्यान दें। शारीरिक तथा मानसिक रूप से स्वस्थ और प्रसन्न रहने का प्रयास करें। पारिवारिक मामले में जिम्मेदारी से काम करें। इन सावधानियों को अपनाने से शनि मीन राशि में वक्री के दौरान आपको मिलने वाले परिणाम यथावत बने रह सकते हैं।