तुला-स्वभावगत कमियां
तुला राशि के लोगों को कभी-कभी आलोचना का शिकार भी होना पड़ता है, क्योंकि अन्य लोगों के समक्ष वह स्वयं को छोटा अनुभव करते हैं, ताकि अन्य लोग उन्हें समझ सकें, अतः इनके व्यवहार का मानवीय दृष्टिकोण नीचे हो जाता है। तुला राशि के लोगों की भावुकता प्रायः उन्हें धोखा दे जाती है। वह असाधारण लोगों को आकर्षित कर लेते हैं, परन्तु एकरसता उसे नुकसान देती है। तुला राशि के लोग न्याय, जनस्वतंत्रता, जनाधिकार, समरसता तथा सौंदर्य से लगाव रखते हैं। इस कारण उन्हें कभी-कभी निराशाओं का सामना भी करना पड़ता है। तुला राशि अनिश्चय की दशा में कुछ निर्णय जरूर ले। ये चिंतामग्न रहते हैं। इस राशि में उत्पन्न जातक विद्वानों, वकीलों तथा धार्मिक क्षेत्र में प्रतिष्ठित लोगों से शत्रुता रखते हैं। ऐसे व्यक्ति अपने लिए स्वयं संकट उत्पन्न करते हैं तथा अपनी मृत्यु के कारण भी स्वयं ही बनते हैं। कमियों से बचने के उपाय तुला राशि वाले व्यक्ति की निराशा का उपचार नहीं हो सकता है। गलत साथी उसे अत्यधिक हानि पहुंचाते हैं। कष्ट के समय रामरक्षा, गायत्री जप, रामभजन या सत्संग करें अथवा माणिक या हीरे में कोई भी एक रत्न पहनें। शंकर, हनुमान, देवी, दत्त या कुल देवता की उपासना व स्मरण से दुःख दूर होंगे। प्रतिदिन देव मंदिर में दर्शन का नियम रखें। तुला राशि के जातकों के लिए सफेद वस्तुओं का दान एवं शुक्रवार का व्रत सदैव लाभकारी है। चावल, मिश्री, दूध, सफेद वस्त्र, सफेद पुष्प, सुगन्ध, दही, श्वेत चंदन आदि का दान शुभ एवं फलप्रद है। 'ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः'- इस मंत्र का 1600 जाप कर लेना मनोकामना पूर्ति के लिए सहायक है। जल्दी सफलता के लिए इस मंत्र का 6400 बार जाप बताया गया है।।