फ्यूचरिस्टिक कारें अब किसी साइंस फैंटेसी का हिस्सा नहीं बल्कि जल्दी ही एक से बढ़कर एक स्मार्ट और बैटरी से चलने वाली सुपरकार्स सड़कों पर दिखाई देने वाली हैं। इस बार ऑटो एक्सपो 2018 में वाहन निर्माता कंपनियों का पूरा फोकस इलेक्ट्रिक वाहनों पर है। यही वजह है कि इस बार ऑटो एक्सपो में हॉल नंबर 12 में 'एक्सपीरियंस जोन' नाम से अलग पैवेलियन बनाया गया है।
घरेलू कार कंपनियां जैसे मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्स और महिंद्रा के अलावा विदेशी कार कंपनियां के साथ-साथ टू-व्हीलर कंपनियां कम से कम 24 से ज्यादा इलेक्ट्रिक या हाइब्रिड वाहन शोकेस किए हैं। हर कंपनी ने अपने पैविलियन में इलेक्ट्रिक या हाईब्रिड कारों का डिस्प्ले रखा है। इनमें से कई कारें कॉन्सेप्ट हैं लेकिन कई कारें ऐसी भी हैं जो लगभग प्रॉडक्शन के लिए तैयार हैं यानी जल्द ही इन कारों को आप भारत की सड़कों पर देख व चला सकते हैं। इसका एक बड़ा कारण है कि भारत सरकार ने यह संकेत देने शुरू किए कि भारत में 2030 तक कार कंपनियों को जल्द से जल्द इलेक्ट्रिक कारों का प्रॉडक्शन शुरू करना होगा।
इसके बाद से ही टाटा, महिंद्रा, मारुति, हुंडई, टोयोटा, रेनॉ समेत ज्यादातर कंपनियां ने इस बात को ध्यान में रखते हुए अपनी प्रोडक्शन लाइन को आगे बढ़ाया और आने वाले वाहनों के डिजाइन को अंजाम देने में जुट गई हैं। लग्जरी कार कंपनिया मर्सिडीज बीएमडब्ल्यू ने भी अपनी इलेक्ट्रिकल कार पेश की, इस मायने इस बार के ऑटो एक्सपो में इलेक्ट्रिक कारों की भरमार है।
इसके अलावा इलेक्ट्रिक टू- व्हीलर भी लांच हुए जो न सिर्फ किफायती है बल्कि तेज रफ़्तार भी है। ऑटो एक्सपो 2018 में मोटरसाइकिल, स्कूटर, कार और कमर्शियल व्हीकल्स के कॉन्सेप्ट या प्रोडक्शन में जाने वाले वाहनों को दिखा रही हैं। सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सिआम) के डीजी विष्णु माथुर ने बताया कि ऑटो एक्सपो केवल इलेक्ट्रिक व्हीकल्स ही नहीं, इससे भी आगे जाने वाला है। यहां कई नई और भविष्य की टेक्नोलॉजी को दिखाया है।