नई दिल्ली। कोरोनावायरस महामारी के कारण देश का लक्जरी या महंगी कारों का बाजार 5 से 7 साल पीछे चला गया है। जर्मनी की वाहन क्षेत्र की कंपनी ऑडी के एक शीर्ष अधिकारी ने यह बात कही।
ऑडी इंडिया के प्रमुख बलबीरसिंह ढिल्लों ने पीटीआई से कहा कि लक्जरी कार के बाजार को फिर से 2014-15 के स्तर पहुंचने के लिए 2 से 3 साल लगेंगे।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 की वजह से आई दिक्कतों के बाद अब स्थिति सुधर रही है। हालांकि हमारी बिक्री में अगले साल ही निचले आधार प्रभाव पर वृद्धि देखने को मिलेगी।
ढिल्लों ने कहा कि हम सभी कह रहे हैं कि बिक्री बढ़ रही है और धारणा सकारात्मक हुई है। हम भी अगले साल वृद्धि दर्ज करेंगे। आधार प्रभाव काफी नीचे चला गया है।
उन्होंने कहा कि 2014-15 में हमने जितनी कारें बेची थीं, हम उस स्तर पर तत्काल अगले साल नहीं पहुंच पाएंगे। ऐसे में महामारी ने हमें 5 से 7 साल पीछे कर दिया है। 2014 में भारत में लक्जरी कारों की बिक्री 30,000 इकाई रही थी। 2015 में यह 31,000 इकाई रही थी।
यह पूछे जाने पर लक्जरी कार उद्योग की स्थिति कब तक सुधरेगी, ढिल्लों ने कहा कि निश्चित रूप से यह अगले साल नहीं होगा। हमें उस स्तर पर पहुंचने में 2 से 3 साल लगेंगे।
भारत के लक्जरी कार बाजार की शीर्ष 5 कंपनियों में मर्सिडीज, बीएमडब्ल्यू, ऑडी, जेएलआर और वोल्वो शामिल हैं। इन कंपनियों की बिक्री 2019 में 35,500 इकाई रही थी। 2018 में इन कंपनियों की बिक्री 40,340 इकाई रही थी। (भाषा)