नई दिल्ली। यात्री वाहन बनाने वाली कंपनी फोर्ड ने भारतीय बाजार में हो रहे घाटे से परेशान होकर अपने परिचालन को पुनगर्ठित करने की योजना के तहत घरेलू बाजार में बिक्री के लिए देश में वाहन निर्माण तत्काल बंद करने की आज घोषणा की।
कंपनी ने यहां जारी बयान में कहा कि पिछले 10 वर्षों में दो अरब डॉलर से अधिक का नुकसान हो चुका है और वर्ष 2019 में 80 करोड़ डॉलर के गैर परिचालन वाली संपत्ति हटाई गई थी। इस पुनर्गठन योजना से भारत में एक टिकाऊ लाभकारी बिजनेस तैयार करने में मदद मिलने की उम्मीद है।
उसने कहा कि उसकी भारतीय इकाई फोर्ड इंडिया घरेलू बाजार में बिक्री के लिए वाहन निर्माण तत्काल बंद कर रही है। चालू वर्ष की चौथी तिमाही में गुजरात के सांणद स्थित वाहन असेंबली संयंत्र में निर्यात वाले वाहनों का विनिर्माण भी बंद हो जाएगा।
इसी तरह से चेन्नई स्थित इंजन और असेंबली संयंत्र में भी अगले वर्ष की दूसरी तिमाही में उत्पादन बंद हो जाएगा। उसने कहा कि उसकी इस पहल से सीधे प्रभावित होने वाले कर्मचारियों, कर्मचारी संघों, डीलरों और आपूर्तिकर्ताओं के साथ वह इस दिशा में काम रही है।
इस अमेरिकी वाहन कंपनी ने कहा कि उसने भारतीय ग्राहकों की सेवा करने की योजना बनाई है जिसके तहत वह भारत में मुस्ताग कूपे सहित आइकॉनिक वाहनों को लांच करेगी। उसने कहा कि वैश्विक बाजार में उसकी 30 अरब डॉलर निवेश करने की योजना का लाभ दीर्घकाल में भारतीय ग्राहकों को भी होगा क्योंकि इसके तहत नई हाइब्रिड और मुस्ताग मैक ई जैसे इलेक्ट्रिक वाहन उतारे जाएंगे।
उसने कहा कि भारत फोर्ड के लिए कर्मचारियों के लिहाज से वैश्विक स्तर पर दूसरा सबसे बड़ा कार्यबल वाला देश बना रहेगा। उसने कहा कि फोर्ड बिजनेस सोल्यूशंस के साथ ही फोर्ड इंडिया निर्यात के लिए इंजन का निर्माण जारी रखेगी। इसके साथ ही भारत में ग्राहक सपोर्ट परिचालन को भी जारी रखा जाएगा, जिसमें सर्विस, आफ्टरमार्केट पार्ट्स और वारंटी सपोर्ट शामिल है।
कंपनी ने कहा कि भारत में उसकी योजना फोर्ड बिजनेस सोल्यूशंस को बढ़ाना और वैश्विक वाहनों को भारतीय बाजार में बेचने की है। वैश्विक स्तर पर फोर्ड के सहयोग के लिए भारत में कंपनी की योजना 11 हजार कर्मचारियों का बिजनेस सोल्यूशंस टीम बनाने की है। यह टीम इंजीनियरिंग, प्रौद्योगिकी और बिजनेस परिचालन उत्कृष्टता केन्द्र पर ध्यान केन्द्रित करेगी।(वार्ता)