देशभर में विभिन्न संयंत्रों द्वारा उत्पादित 19 मिलियन टन स्टील अपशिष्ट जो आमतौर पर कचरे में चला जाता है। इसके चलते देश में कई जगहों पर स्टील के कचरे के पहाड़ बन गए हैं। अब वैज्ञानिकों ने इसका हल निकाल लिया है।
स्टील प्लान से निकलने वाले इस कचरे से सड़के बनाई जा रही है। इन सड़कों को स्टील स्लैग रोड कहा जाता है। जो न सिर्फ आमतौर पर गिट्टी और तारकोल से बनने वाली सड़कों से मजबूत हैं बल्कि सस्ती भी हैं। लंबी रिसर्च के बाद गुजरात में देश की पहली स्टील सड़क का निर्माण किया गया है।
स्टील के कचरे से बनी सड़क 6 लेन की है।इस तरह की पहली परियोजना के तहत, गुजरात के सूरत शहर में हजीरा औद्योगिक क्षेत्र में स्टील कचरे से बनी एक सड़क बनाई गई है। यह वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) और केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (सीआरआरआई) द्वारा इस्पात और नीति आयोग और नीति आयोग की सहायता से प्रायोजित है।
स्लैग रोड के निर्माण से सरकार द्वारा चलाए जा रहे वेस्ट टू वैल्थ और स्वच्छ भारत मिशन दोनों अभियानों को मदद मिल सकेगी। जानकारी के अनुसार इस सड़क के बनने के बाद अब हर दिन करीब 1000 से ज्यादा ट्रक 18 से 30 टन का वजन लेकर इससे गुजरते हैं लेकिन सड़क को किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ है। सीआरआरआई के अनुसार इस रोड की थिकनेस 30 फीसदी तक कम की गई है। थिकनेस कम होने से कीमत कम होती है। इस तरह के मैटेरियल से निर्माण कर सड़क की लागत 30 फीसदी तक कम की जा सकती है।