पेट्रोल-डीजल के दामों के बढ़ने के साथ अब इलेक्ट्रिक गाड़ियां भी बड़ा विकल्प बन रही हैं। केंद्र सरकार के साथ राज्य सरकारें भी इनकी बिक्री को बढ़ावा देने के लिए इनमें सब्सिडी का ऐलान कर रही हैं। गुजरात सरकार ने अपनी इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी की घोषित कर दी है। इसमें राज्य सरकार ने इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने पर 1.50 लाख रुपए तक की सब्सिडी देने का ऐलान किया है। यह सब्सिडी DBT के जरिए सीधे ग्राहकों के खातों में ट्रांसफर कर दी जाएगी। यह पॉलिसी अगले 4 साल के लिए लागू रहेगी। इस पॉलिसी में सरकार ने 250 नए चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए भी सब्सिडी की भी घोषणा की है। गुजरात में 278 चार्जिंग स्टेशन हैं।
अगर आप गुजरात में इलेक्ट्रिक कार या बाइक खरीदते हैं तो आपको सस्ता पड़ेगा वह इसलिए क्योंकि गुजरात में इलेक्ट्रिक वाहन रजिस्टर्ड कराने पर रजिस्ट्रेशन फीस नहीं देनी पड़ेगी। राज्य सरकार अन्य किसी दूसरे राज्य के मुकाबले प्रति किलो वॉट डबल सब्सिडी देगी। राज्य सरकार इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने वाले को प्रोत्साहित करेगी और केंद्र सरकार की फेम-2 पॉलिसी के तहत मिलने वाले फायदे के साथ-साथ सब्सिडी देगी।
मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने 22 जून को इस पॉलिसी की घोषणा की थी। इसमें इलेक्ट्रिक फोर व्हीलर खरीदने पर 1.50 लाख रुपए, इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर पर 20,000 रुपए और थ्रीव्हीलर खरीदने पर 50,000 रुपए की सब्सिडी मिलेगी। यह सब्सिडी डीबीटी के जरिए सीधे बैंक अकाउंट में ट्रांसफर की जाएगी। सरकार के मुताबिक इस पॉलिसी से हमें 6 लाख टन कार्बन डाईऑक्साइड का उर्त्सजन कम करने में सहायता मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पॉलिसी लागू होने के पहले फेज में 75000 रिक्शा और 25000 इलेक्ट्रिक कारें चलेंगी। गुजरात इलेक्ट्रिक व्हीकल के प्रोडक्शन की दिशा में भी काम करेगा। टू-व्हीलर, थ्री व्हीलर और फोर व्हीलर ज्यादातर स्कूटर, बाइक, रिक्शा और ऑटोमोबाइल पर फोकस करेंगे। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के क्षेत्र में निवेशकों और स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित किया जाएगा।
गुजरात में पेट्रोल पंप पर चार्जिंग स्टेशन की सुविधा मिलेगी। राज्य सरकार की ईव्हीकल पॉलिसी के तहत पेट्रोल पंप ऑपरेटर को चार्जिंग स्टेशन खोलने की भी मंजूरी दी जाएगी। इसके अतिरिक्त हाउसिंग और कॉमर्शियल जगहों पर भी इलेक्ट्रिक कारों, बाइक के लिए चार्जिंग स्टेशन शुरू किए जा सकेंगे।