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ड्राइवर की खुद की गलती से हुई मौत तो मुआवजा देने के लिए बाध्य नहीं बीमा कंपनियां, SC का बड़ा फैसला

सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने और लापरवाही से गाड़ी चलाने वालों को सबक सिखाने के लिहाज से अहम माना जा रहा है।

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

नई दिल्ली , गुरुवार, 3 जुलाई 2025 (17:22 IST)
सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि अगर कोई ड्राइवर अपनी लापरवाही या तेज रफ्तार के कारण स्टंट करते हुए या गलत तरीके से गाड़ी चलाते हुए मर जाता है तो उसके परिवार को मुआवजा देने के लिए बीमा कंपनियां बाध्य नहीं होंगी। जस्टिस पीएस नरसिम्हा और आर. महादेवन की बेंच ने एक मामले में मृतक की पत्नी, बेटे और माता-पिता की मुआवजे की मांग को खारिज कर दिया।  
क्या था पूरा मामला 
सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला एक ऐसे व्यक्ति से जुड़े मामले में दिया जो तेज रफ्तार और लापरवाही से कार चलाते हुए हादसे का शिकार हो गया था। यह हादसा 18 जून 2014 को हुआ था जब एनएस रविश अपनी फिएट लिनिया कार से कर्नाटक में स्थित मल्लासांद्रा गांव से अरसीकेरे शहर जा रहे थे। रविश के साथ उनके पिता, बहन और बहन के बच्चे सवार थे। रविश ने तेज रफ्तार और लापरवाही से गाड़ी चलाई और ट्रैफिक नियम तोड़े। मायलानहल्ली गेट के पास उन्होंने गाड़ी पर नियंत्रण खो दिया, जिससे कार पलट गई। हादसे में रविश बुरी तरह चोटिल हो गए और उनकी मौत हो गई।
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फैमिली ने की थी 80 लाख रुपए की मांग 
रविश के परिवार ने उनकी मौत पर यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी से 80 लाख रुपए मुआवजे की मांग की थी। परिवार का कहना था कि ठेकेदार रविश हर महीने 3 लाख रुपए कमाते थे। लेकिन पुलिस की चार्जशीट में साफ कहा गया कि हादसा रविश की लापरवाही और तेज रफ्तार के कारण हुआ। मोटर एक्सीडेंट ट्रिब्यूनल ने परिवार की मांग को खारिज कर दिया था। 
 
सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को सही बताया 
कर्नाटक हाईकोर्ट ने भी 23 नवंबर 2024 को परिवार की अपील को ठुकराते हुए कहा कि जब हादसा मृतक की अपनी गलती से होता है तो परिवार बीमा मुआवजा नहीं मांग सकता। हाईकोर्ट ने कहा कि परिवार को यह साबित करना होगा कि हादसा मृतक की गलती से नहीं हुआ और वह बीमा पॉलिसी के दायरे में था। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के इस फैसले को सही ठहराया और परिवार की याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अगर मौत ड्राइवर की अपनी गलती से हुई हो और इसमें कोई बाहरी कारण शामिल न हो तो बीमा कंपनी मुआवजा देने के लिए बाध्य नहीं है।  इनपुट एजेंसियां  Edited by: Sudhir Sharma

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