समिक भट्टाचार्य को पश्चिम बंगाल में प्रदेश भाजपा का अध्यक्ष बनाया गया है। समिक भट्टाचार्य निर्विरोध चुने गए। बुधवार दोपहर निर्धारित समय सीमा तक किसी अन्य उम्मीदवार ने इस पद के लिए नामांकन दाखिल नहीं किया। वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद की मौजूदगी में साइंस सिटी ऑडिटोरियम में एक अभिनंदन समारोह के दौरान औपचारिक घोषणा की गई, जिन्होंने भट्टाचार्य को चुनाव का प्रमाण पत्र सौंपा। समिक ने बुधवार को साल्ट लेक स्थित पार्टी के राज्य मुख्यालय में निवर्तमान अध्यक्ष सुकांत मजूमदार और विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी की मौजूदगी में अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था।
कौन हैं पश्चिम बंगाल में भाजपा के नए अध्यक्ष
समिक भट्टाचार्य वर्तमान में भाजपा के राज्यसभा सांसद हैं। समिक भट्टाचार्य की राजनीतिक यात्रा 1970 के दशक के मध्य में शुरू हुई जब एक स्कूली छात्र के रूप में उन्होंने पहली बार हावड़ा के मंदिरतला इलाके में आरएसएस की शाखाओं में भाग लिया। वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) में शामिल हो गए, जिसने संघ परिवार के एक सिपाही के रूप में उनके पूर्णकालिक राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। धीरे-धीरे वे 1990 के दशक में तपन सिकदर के दौर में ABVP से BJYM तक पहुंचे और अगले तीन दशकों में उन्होंने अध्यक्ष पद को छोड़कर हर प्रमुख संगठनात्मक पद संभाला- जैसे राज्य महासचिव, उपाध्यक्ष और मुख्य प्रवक्ता। वे पश्चिम बंगाल में भाजपा के हाशिए पर रहने के वर्षों से ही इसके सदस्य रहे हैं।
2014 में जीता पहला चुनाव
2014 में भट्टाचार्य ने अपना पहला विधानसभा चुनाव जीता था और तृणमूल कांग्रेस द्वारा शासित सदन में भाजपा के एकमात्र विधायक थे। उन्होंने उपचुनाव में भाजपा के टिकट पर बशीरहाट दक्षिण विधानसभा सीट जीती थी। 2018 के बाद इसकी सफलता से बहुत पहले जब पार्टी की संगठनात्मक उपस्थिति या चुनावी प्रासंगिकता बहुत कम थी, तब भी वे इसके प्रति प्रतिबद्ध रहे।
अध्यक्ष बनने के बाद क्या बोले
अध्यक्ष बनने के बाद भट्टाचार्य ने कहा कि बंगाल की भाजपा यूनिट अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं है, लेकिन हिंसा और सांप्रदायिकता की राजनीति का विरोध करती है। उन्होंने कहा कि बंगाल में हमने ऐसी स्थिति से शुरुआत की थी, जहां हमें अस्तित्वहीन माना जाता था। लेकिन हमने अपनी विचारधारा से कभी समझौता नहीं किया। आज इस राज्य के लोगों ने हमें एक स्थान दिया है। टीएमसी की हार निश्चित है। उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों ने अगले विधानसभा चुनाव में इस भ्रष्ट टीएमसी सरकार के कुशासन को खत्म करने का मन बना लिया है।
ममता के गढ़ को ढहाना सबसे बड़ी चुनौती
समित भट्टाचार्य को पश्चिम बंगाल में भाजपा की कमान देना 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले पश्चिम बंगाल में आरएसएस के फोकस का संकेत है। भट्टाचार्य ने अब एक महत्वपूर्ण मोड़ पर कार्यभार संभाला है, क्योंकि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में एक साल से भी कम समय बचा है। भट्टाचार्य पुराने और नए भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच व्यापक स्वीकार्यता के लिए जाने जाते हैं। विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी का किला भेदना भट्टाचार्य के लिए बड़ी चुनौती होगा। Edited by: Sudhir Sharma