अयोध्या। श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के लिए धन एकत्र करने के लिए ट्रस्ट के नेतृत्व में कार्यकर्ता मकर संक्रांति से जनसंपर्क का कार्य प्रारंभ करेंगे और करोड़ों घरों में भगवान के मंदिर का चित्र पहुंचाएंगे। इसे माघ पूर्णिमा तक पूरा कर लिया जाएगा।
मंदिर निर्माण के लिए देशभर में घरों से सहयोग लेने के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने 10 रुपए, 100 रुपए और एक हजार रुपए के कूपन व रसीदें छापी हैं। ट्रस्ट महासचिव एवं विश्व हिंदू परिषद के उपाध्यक्ष चंपत राय ने बताया कि श्री जन्मभूमि मंदिर से जुड़ी इतिहास की सच्चाइयों को सर्वोच्च अदालत ने स्वीकार किया।
भारत सरकार ने न्यायालय के निर्देश पर श्रीराम जन्मभूमि के लिए 'श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र' नाम से ट्रस्ट गठित किया। उन्होंने कहा कि मंदिर के वास्तु का दायित्व अहमदाबाद के चंद्रकान्त सोमपुरा पर है। वे वर्ष 1986 से ही जन्मभूमि मंदिर निर्माण की देखभाल कर रहे हैं। संपूर्ण मंदिर पत्थरों से बनेगा
मंदिर के आकार-प्रकार के विषय में उन्होंने बताया कि प्रत्येक मंज़िल की ऊंचाई 20 फुट होगी, मंदिर की लंबाई 360 फुट तथा चौड़ाई 235 फुट है, भूतल से 16.5 फुट ऊंचा मंदिर का फर्श बनेगा, भूतल से गर्भ गृह के शिखर की ऊंचाई 161 फुट होगी। धरती के नीचे 200 फीट गहराई तक मृदा परीक्षण तथा भविष्य के संभावित भूकंप के प्रभाव का अध्ययन हुआ है।
उन्होंने कहा कि कम से कम आधी आबादी को श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की ऐतिहासिक सच्चाई से अवगत कराने के लिए देश के प्रत्येक कोने में घर-घर जाकर संपर्क करेंगे। अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, अंडमान निकोबार, रणकच्छ, त्रिपुरा सभी कोनों पर जाएंगे, समाज को राम जन्मभूमि के बारे में पढ़ने के लिए साहित्य दिया जाएगा। जब जनसंपर्क होगा लाखों कार्यकर्ता गांव और मोहल्लों में जाएंगे तो समाज स्वेच्छा से कुछ न कुछ निधि समर्पण करेगा।
मंदिर निर्माण के लिए धन के प्रबंध पर उन्होंने बताया कि भगवान का काम है। मंदिर भगवान का घर है, भगवान के कार्य में धन बाधा नहीं हो सकता, समाज का समर्पण कार्यकर्ता स्वीकार करेंगे, हालांकि आर्थिक विषय में पारदर्शिता बहुत आवश्यक है। पारदर्शिता बनाए रखने के लिए हमने 10 रुपए, 100 रुपए, 1000 रुपए के कूपन व रसीदें छापी गई हैं।
राजू होगें निर्माण समिति के अध्यक्ष : दूसरी ओर, श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने निर्माण समिति का गठन किया है। ट्रस्ट ने अयोध्या में श्रीराम मंदिर के लिए नींव डिजाइन की समीक्षा और सिफारिशों के लिए संबंधित क्षेत्र में प्रतिष्ठित इंजीनियरों की एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया है। आईआईटी दिल्ली के पूर्व निदेशक प्रो. वीएस राजू को अध्यक्ष सीबीआरआई, रुड़की के निदेशक प्रो. एन. गोपालकृष्णन को कन्वेयर बनाया गया है।
समिति के सदस्यों में एनआईटी सूरत के निदेशक प्रो. एसआर गांधी, आईआईटी गुवाहाटी के निदेशक प्रो. टीजी सीताराम, आईआईटी दिल्ली के एमेरिटस-प्रोफेसर प्रो. बी. भट्टाचार्जी, टीसीई सलाहकार एपी मुल, आईआईटी मद्रास के प्रो. मनु संथानम, आईआईटी, मुंबई के प्रो. प्रदीप्ता बनर्जी को सदस्य बनाया गया है।