प्रयागराज। साधु-संतों की जानी मानी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी ने राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय के विवादित बयान पर नाराजगी व्यक्त करते हुए उन्हें अहंकारी बयान बताया।
महंत गिरी ने मंगलवार को यहां कहा कि चंपत राय के विवादित बयान से प्रतीत होता है कि उन्हें अहंकार हो गया है। उन्होंने कहा कि राय को इस प्रकार के बयानबाजी से गुरेज करना चाहिए। वे विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के पुराने नेता हैं और उनका सम्मान भी है।
उन्होंने कहा कि राय महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के समर्थन में 'किसी की मां ने पिलाया है इतना दूध जो उद्धव ठाकरे को अयोध्या आने से रोक सके', बयान देकर विवाद में फंस गए हैं। अयोध्या के साधु-संत समेत अखाड़ा परिषद भी उनके इस बयान से इत्तेफाक नहीं रखता। उनका यह बयान सर्वदा अनुचित है।
महंत ने कहा कि चंपत राय ने हमेशा संत-महात्माओं का सम्मान किया है और आगे भी सम्मान करते रहें तो अच्छा, बाकी उनकी इच्छा। उन्होंने कहा कि व्यक्ति को सदैव किसी भी प्रकार के विवादित बयानों से बचने का प्रयास करना चाहिए। विवादित बयान सदैव महत्वपूर्ण व्यक्ति की प्रतिष्ठा को धूमिल करते हैं।
परिषद अध्यक्ष ने कहा कि उद्धव ठाकरे से साधु-संत पालघर की घटना के समय से ही नाराज हैं। पालघर में जूना अखाड़ा के दो साधुओं और उनके ड्राइवर की हुई नृशंस हत्याकांड पर महाराष्ट्र सरकार ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की इसी कारण हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने आवेश में आकर गलत बयान दिया, जबकि उनका ऐसा कोई अभिप्राय नहीं था।
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष ने कहा कि उद्धव ठाकरे से उन्होंने स्वयं टेलीफोन पर पालघर के दोनों साधुओं और उनके चालक की हत्या के दोषियों को दंडित करने के लिए बातचीत की था। ठाकरे ने वादा भी किया था, लेकिन किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई।
उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति का मंदिर में दर्शन करने जाने का पूरा अधिकार है। किसी सनातन धर्मी को किसी व्यक्ति को मंदिर जाने से रोकने का अधिकार नहीं है। (वार्ता)