नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या पर बड़ा फैसला देते हुए विवादित जमीन रामलला को देने के निर्देश दिए हैं। साथ ही अदालत ने मुस्लिम पक्ष को 5 एक भूमि अलग से उपलब्ध करवाने का आदेश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट के इस ऐतिहासिक फैसले के बाद अयोध्या में राम मंदिर बनाने का रास्ता साफ हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी भी पक्ष ने अयोध्या में राम के अस्तित्व का विरोध नहीं किया।
अदालत में फैसला पढ़ते हुए कहा गया कि यात्रियों के वृत्तांत और पुरातात्विक सबूत हिन्दुओं के पक्ष में है, जबकि मुस्लिम पक्ष जमीन पर अपना एकाधिकार साबित नहीं कर पाए। अदालत ने कहा कि मुस्लिम पक्ष कब्जा साबित करने में नाकाम रहा।
अदालत ने तीन माह के भीतर मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाने की बात कही है। शीर्ष अदालत ने कहा कि एएसआई ने अपनी रिपोर्ट में मंदिर होने की बात कही है। यह मंदिर 12वीं सदी का होने का बताया गया। फैसले में कहा गया कि खुदाई में जो मिला वह इस्लामिक ढांचा नहीं। एएसआई ने मस्जिद और ईदगाह का जिक्र नहीं किया।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हिन्दुओं की आस्था गलत होने के कोई प्रमाण नहीं हैं। हालांकि यह भी कहा कि आस्था और विश्वास के आधार पर फैसला नहीं है। कोर्ट ने कहा कि एएसआई रिपोर्ट में सीता रसोई, सिंहद्वार और वेदी का जिक्र किया गया है।