अयोध्या। सुप्रीम कोर्ट अयोध्या भूमि विवाद को लेकर शनिवार सुबह 10.30 बजे अपना फैसला सुनाएगा। इस फैसले से पहले बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा कि फैसला जो भी आएगा, हम उसका सम्मान करेंगे।
उन्होंने कहा कि सभी वर्ग वाले यही संदेश दे रहे हैं कि अदालत का फैसला स्वीकार्य होगा और उस फैसले को लेकर कोई भी ऐसी बात न की जाए जिससे किसी को तकलीफ हो।
अयोध्या समेत पूरे प्रदेश में यूपी सरकार ने फैसले के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है और राज्य के सभी स्कूल-कॉलेजों सहित सभी शिक्षण संस्थान 9 से 11 नवंबर तक बंद रखे जाएंगे और इस संबंध में सभी डीएम को सूचना भेजी जा रही है और 12 नवंबर को गुरुनानक जयंती के उपलक्ष्य में छुट्टी होने के कारण स्कूल-कॉलेज अब 13 नवंबर को ही खुल पाएंगे। आवश्यकता पड़ने पर छुट्टी बढ़ाई भी जा सकती है।
सुप्रीम कोर्ट में सन् 2017 में चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने सुनवाई की थी। दीपक मिश्रा के बाद रंजन गोगोई सीजेआई हुए। रंजन गोगोई ने ये मामला 5 जजों की एक खंडपीठ के सुपुर्द कर दिया था। 8 मार्च 2019 को अदालत ने सभी मुख्य पक्षों को 8 हफ़्ते का समय देते हुए कहा था कि वे मध्यस्थता की कोशिश करें।
अयोध्या जमीन विवाद पर 3 जजों की खंडपीठ जस्टिस एसयू खान, जस्टिस सुधीर अग्रवाल और जस्टिस डीवी शर्मा ने 2-1 की मेजॉरिटी से फैसला सुनाया। कोर्ट ने 2.77 एकड़ की विवादित जमीन में रामलला विराजमान, निर्मोही अखाड़ा और UP सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड तीनों का मालिकाना हक मानकर इन तीनों के बीच जमीन का बंटवारा करने का निर्देश दिया था।