अश्वगंधा को आयुर्वेद में अहम स्थान दिया गया है, इसे एक ऐसा चमत्कारी पौधा माना गया है जो कई तरह की बीमारियों को दूर करने में सक्षम है। आइए, जानते हैं आयुर्वेद के अनुसार अश्वगंधा के गुण -
अश्वगंधा एक चमत्कारी हर्ब है। इसे आयुर्वेद में अहम स्थान प्राप्त है। इसकी जड़ों और पत्तियों से दवा बनाई जाती है।
तनाव, चिंता, थकावट, नींद की कमी जैसी कई सेहत समस्याओं का इलाज अश्वगंधा से किया जा सकता है। यह स्ट्रेस हार्मोन यानी कि कॉर्टिसोल के स्तर को कम करने में सहायक होता है।
अगर कोई डिप्रेशन से पीड़ित हो, तो उसका इलाज भी अश्वगंधा से संभव है।
कई एंटी इंफ्लामेट्री और एंटी बैक्टीरियल गुण होते है जिस वजह से ये इंफेक्शन से बचाने में मदद करता है, साथ ही हृदय को स्वस्थ रखने में भी मददगार होता है।
अश्वगंधा कैंसर के मरीजों के लिए भी फायदेमंद है। एक रिसर्च के अनुसार ये कीमोथेरेपी से होने वाले बुरे प्रभाव को कम करने में सहायक होता है।
इसकी जड़ों को पीसकर घाव पर लगाने से घाव जल्दी भर जाता है। साथ ही ये रोग प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत करता है।
त्वचा के रोगों को दूर करने, झुर्रियों को कम करने और चर्म रोग को ठीक करने में भी ये सहायक होता है।
नोट : अगर आपकी अन्य दवाएं चल रही हो या आप गर्भवती हो तो इसका सेवन नहीं करना चाहिए। डॉक्टर की सलाह के बाद ही इसका सेवन करें।