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'अपने पति के अफ़ेयर से मुझे खुशी हुई'

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, मंगलवार, 24 अक्टूबर 2017 (09:22 IST)
जब स्टेसी ने सेक्स की अनिच्छा यानी 'एसेक्सुआलिटी' के बारे में अपने अनुभव साझा किए तो दर्जनों पाठकों ने उन्हें ईमेल भेजकर अपने अनुभव बताए। इनमें से अधिकांश का कहना था कि वे खुद को अलग थलग महसूस करती हैं। इसकी वजह ये भी है कि उन्हें किसी के साथ, बल्कि अपने पति के साथ भी, शारीरिक संबंध बनाने की इच्छा नहीं होती। इनमें से कुछ के अनुभवों को यहां दिया जा रहा है।
 
गिल, लंदन
मेरी उम्र 60 से ऊपर हो रही है। दो बार मेरा विवाह असफल रहा। लेकिन सेक्स को लेकर मैंने कभी अपनी ओर से पहल नहीं की। जब मैं किशोरवस्था में थी तो इस तरह की बातों के लिए इनकार का मतलब होता था 'अच्छी लड़की' होना। लेकिन जब घरवालों के दबाव में 21 साल की उम्र में मेरी शादी हुई, इसके बाद तो कोई बहाना ही नहीं बचा।
 
मैं अपने पति को बहुत प्यार करती थी और उन्हें खुश रखना चाहती थी, लेकिन मैंने कभी सेक्स की इच्छा महसूस नहीं की और शारीरिक संबंध से नफ़रत करती थी। इससे मुझे अपराधबोध भी होता था। आखिरकार जब मैंने अपने पति की अफ़ेयर की बातें सुनीं तो काफ़ी खुशी हुई क्योंकि अब उन्हें खुश रखने का दबाव ख़त्म हो गया था।
 
दस साल पहले मैंने एक उम्रदराज़ आदमी से शादी की। उस वक्त उसने भी बताया कि उसकी सेक्स की इच्छा चुक गई है, लेकिन उसने मेरी अनिच्छा का फ़ायदा उठाते हुए संबंध बनाए और मैं उससे नफ़रत करने लगी। हमारे बीच तलाक का मामला चल रहा है और मैं दोबारा शादी नहीं करने जा रही।
 
मैट
मैं 35 साल का नौजवान हूं और अभी-अभी मुझे एहसास हुआ है कि मैं एसेक्सुअल हूं। मैं हमेशा ही रोमांटिक एहसास के साथ जल्द ही लोगों की ओर आकर्षित होता रहा हूं। स्पर्श और 'किस' तक तो सबकुछ ठीक रहता है, लेकिन जैसे ही सेक्स की बात आती है तो मैं उदासीन हो जाता हूं।
 
इस वजह से सालों तक मेरा आत्मविश्वास हिला रहा। अब जब एसेक्सुआलिटी के बारे में पता चला है तो मैं बता नहीं सकता कि मुझे कितनी राहत मिली है। मैं अपनी ही तरह के किसी व्यक्ति का साथ पसंद करूंगा जो इसे समझ सके।
 
डेवी, केंट
अभी कुछ ही महीने पहले एक थेरेपिस्ट ने मुझे बताया कि मैं एसेक्सुअल हूं। इससे पहले मैं नहीं जानती थी कि इस भावना को क्या कहा जाए। जब मैं 17 साल की थी तबसे सेक्स को लेकर सक्रिय रही हूं।
 
मेरी दोस्ती एक लड़के से थी, लेकिन कभी भी मैंने उसके प्रति शारीरिक आकर्षण अनुभव नहीं किया। कभी-कभी मुझे लगता था कि मैं लेस्बियन हूं। जब हमारे बीच ब्रेकअप हुआ तो अपनी सेक्सुआलिटी को लेकर तरह तरह के ख़्याल आने लगे।
 
मुझे सेक्स में कोई दर्द नहीं होता था और ना ही कोई परेशानी थी, लेकिन इसमें मुझे खुशी नहीं मिलती थी। एक बार मुझे फ़ेसबुक पर एसेक्सुअल मिला। मुझे खुशी हुई कि कोई तो इस तरह की भावना को समझता है।
 
टैबिथा, ब्रिस्टल
मैं जब 13 साल की थी तभी से जानती थी कि मैं औरों जैसी नहीं हूं। जब मैं 15 साल की हुई तब एसेक्सुअल शब्द से परिचय हुआ और मैंने जाना कि असल में मैं क्या हूं।
 
कभी भी मैंने अपने घरवालों से इस बारे में बात नहीं की। पीढ़ी के अंतर के चलते वो समझते भी नहीं। हालांकि ये बहुत लंबे समय से हमारे समाज में मौजूद है, लेकिन पुराने लोग कह रहे हैं कि 'लो, ये एक नई सनक है।'
 
लोग पहली बार इंटरनेट की वजह से इस बारे में सुन रहे हैं। लेकिन सच्चाई है कि आप ऐसे लोगों के समूह से परिचित हो सकते हैं जो आपको इस बात का एहसास दिलाएंगे कि आप ख़ास हैं।
 
जॉन, रनकॉर्न
मैं 52 साल का व्यक्ति हूं और जहां तक मुझे याद है, सेक्स में मेरी कोई दिलचस्पी नहीं रही है। नौजवानी के दिनों में मैं सेक्स के लिहाज से सक्रिय रहा हूं, लेकिन कभी भी मुझे इससे संतुष्टि नहीं मिली, बल्कि नफ़रत ही हुई।
 
अपने पूरे जीवन में कई बड़े गाढ़े संबंधों में मैं रहा हूं और एक बार शादी भी हुई, लेकिन सेक्स के प्रति मेरी अनिच्छा के चलते ये सारे रिश्ते असफल रहे। मैं पिछले 11 साल से एकाकी जीवन जी रहा हूं, क्योंकि अपने जैसे लोगों का मिलना थोड़ा मुश्किल है। उम्मीद करता हूं कि युवा लोग इस भावना के प्रति जागरूक होंगे ताकि वो अपने जैसे साथी को पा सकें।
 
लूसी, कॉर्नवाल
मैं 28 साल की हूं और एसेक्सुआलिटी के बारे में पांच साल पहले से जानती हूं और ये भी जानती हूं कि मैं भी ऐसी ही हूं। लेकिन अभी भी ये स्वीकार नहीं कर पा रही हूं। इसकी वजह ये भी रही है कि जब भी मैंने लोगों को अपने बारे में बताने की कोशिश की लोगों ने कहा, 'अरे, अभी तुम्हें मनमाफ़िक दोस्त नहीं मिला या तब तो तुम बन रही हो।'
 
इस कारण, आधुनिक दुनिया में एसेक्सुअल होना मुझे भारी पड़ने लगा और मेरा आत्मविश्वास जाता रहा। आज जब मीडिया की ओर से सेक्स के बारे में इतना अंधाधुंध प्रचार हो रहा है तो मैं खुद को अलग-थलग और पिछड़ा महसूस करती हूं। मैं इस डर के साथ जी रही हूं कि सेक्स में अक्षम होने की वजह से कहीं अकेली न मर जाऊं। जो मैं हूं, उससे खुश हूं लेकिन हमारे आसपास के लोग खुश नहीं हैं।
 
इयन, नॉटिंघमशायर
मैं 42 साल का हूं और मुझे हाल ही में एसेक्सुआलिटी के बारे में पता चला है। किशोरवय से ही डायरी लिखने की मुझे आदत रही है। लेकिन ये दिलचस्प बात है कि लड़कियों के साथ मेरे विचार हमेशा रोमांटिक रहे हैं। मैं आम लड़कों की तरह सेक्स के बारे में नहीं सोचता था।
 
मेरे लिए सेक्स कभी आनंददायक नहीं रहा, बल्कि इसमें जानने-समझने का भाव ज़्यादा रहा। जितने भी संबंध बने, उसने मुझे कोई संतुष्टि नहीं दी। मैंने कई आसन आजमाए, लेकिन ऐन वक्त पर पूरी तरह उदासीनता का भाव पैदा हो जाता था। कोई उपाय कारगर नहीं रहा।
 
वर्तमान में मैं लंबे समय से एक संबंध में रहा हूं। मैं उसे पार्टनर कहता हूं क्योंकि सामान्य तौर पर 'लवर' या 'गर्लफ्रेंड' के खांचे में हमारा रिश्ता नहीं आता। हमलोग आम तौर पर एक साथ सोते हैं, लेकिन हम एक-दूसरे को किस तक नहीं करते और मुझे नहीं लगता कि मेरी पार्टनर मुझे गे समझती है।

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