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चंद्रग्रहण भारत में कब और कहां दिखेगा?

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BBC Hindi

, मंगलवार, 8 नवंबर 2022 (08:17 IST)
ग्रहण दोपहर 14.39 बजे शुरू होगा जिसकी पूर्णावस्था 15.46 बजे शुरू होगी। भारत में अगला चंद्र ग्रहण 28 अक्टूबर 2023 को होगा जो कि आंशिक चंद्र ग्रहण होगा। अगला पूर्ण चंद्रग्रहण अब तीन साल बाद मार्च 2025 में होगा।
 
ये चंद्रग्रहण दक्षिण अमरीका, उत्तर अमरीका, ऑस्ट्रेलिया, एशिया, उत्तर अटलांटिक महासागर तथा प्रशांत महासागर के क्षेत्रों में भी दिखाई देगा।
 
मंगलवार, 8 नवम्बर, 2022 को पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा। भारत सरकार के पृथ्‍वी विज्ञान मंत्रालय के मुताबिक यह चंद्रग्रहण चंद्रोदय के समय से ही भारत के सभी स्थानों से दिखाई देगा।
 
ये साल 2022 का अंतिम पूर्ण चंद्रग्रहण भी होगा। नासा के मुताबिक ये चंद्रग्रहण ब्लडमून भी होगा और इस दौरान चंद्रमा लाल दिखाई देगा।
 
नासा के मुताबिक ये ना सिर्फ़ इस साल का अंतिम ब्लडमून होगा बल्कि अगला पूर्ण चंद्रग्रहण अब तीन साल बाद मार्च 2025 में होगा।
 
पृथ्‍वी विज्ञान मंत्रालय के मुताबिक, "ग्रहण की आंशिक एवं पूर्णावस्था का आरम्भ भारत के किसी भी स्थान से दिखाई नहीं देगा क्योंकि यह घटना भारत में चंद्रोदय के पहले ही प्रारम्भ हो चुकी होगी। ग्रहण की पूर्णावस्था एवं आंशिक अवस्था दोनों ही का अंत देश के पूर्वी हिस्सों से दिखाई देगा। देश के बाकी हिस्सों से आंशिक अवस्था का केवल अंत ही दिखाई देगा।"
 
ये चंद्रग्रहण दक्षिण अमरीका, उत्तर अमरीका, ऑस्ट्रेलिया, एशिया, उत्तर अटलांटिक महासागर तथा प्रशांत महासागर के क्षेत्रों में भी दिखाई देगा।
 
भारत के सभी क्षेत्रों से दिखेगा
ये चंद्रग्रहण भारत के अधिकतर हिस्सों से दिखाई देगा, हालांकि पूर्ण चंद्रग्रहण सभी जगह से दिखाई नहीं देगा। ग्रहण भारतीय समय के अनुसार दोपहर 14.39 बजे शुरू होगा जिसकी पूर्णावस्था भारतीय समयानुसार अनुसार 15.46 बजे शुरू होगी।
 
पृथ्‍वी विज्ञान मंत्रालय के मुताबिक, "ग्रहण की पूर्णावस्था का अंत शाम 17.12 बजे पर होगा तथा आंशिक अवस्था का अंत शाम 18.19 बजे होगा।" देश के पूर्वी भाग में स्थित शहरों यथा कोलकाता एवं गुवाहाटी में चंद्रोदय के समय ग्रहण की पूर्णावस्था चल रही होगी।
 
विज्ञान मंत्रालय के मुताबिक, "कोलकाता में चंद्रोदय के समय से लेकर पूर्णावस्था के अंत तक की अवधि 20 मिनट की होगी तथा चंद्रोदय के समय से लेकर ग्रहण की आंशिक अवस्था के अंत तक की अवधि 1 घंटा 27 मिनट की होगी। गुवाहाटी में चंद्रोदय के समय से लेकर पूर्णावस्था के अंत तक की अवधि 38 मिनट की होगी जबकि वहां चंद्रोदय के समय से लेकर ग्रहण की आंशिक अवस्था के अंत तक की अवधि 1 घंटा 45 मिनट की होगी।"
 
भारत के अन्य शहरों जैसेकि दिल्ली, मुम्बई, चेन्नई एवं बंगलुरू में पूर्णावस्था के अंत के उपरांत चंद्रोदय होगा एवं उस समय आंशिक ग्रहण चल रहा होगा तथा उपर्युक्त शहरों में चंद्रोदय के समय से लेकर ग्रहण की आंशिक अवस्था के अंत तक की अवधि क्रमश: 50 मिनट, 18 मिनट, 40 मिनट एवं 29 मिनट तक की होगी।
 
अगले साल होगा अगला चंद्रग्रहण
भारत में दृश्य अगला चंद्र ग्रहण 28 अक्टूबर 2023 को होगा जो कि आंशिक चंद्र ग्रहण होगा। इससे पहले भारत में 19 नवम्बर 2021 चंद्रग्रहण घटित हुआ था जो कि आंशिक चंद्र ग्रहण था। ये दुनिया में 580 सालों में सबसे लंबा आंशिक चंद्र ग्रहण कहा गया था।
 
15-16 मई को भी दुनिया के कई हिस्सों में चंद्रग्रहण हुआ था लेकिन ये भारत में दिखाई नहीं दिया था। इसे ब्लडमून भी कहा गया था क्योंकि चांद लाल रंग का दिखाई दिया था।
 
नासा के मुताबिक़, एक साल में अधिकतम तीन चंद्र ग्रहण हो सकते हैं। नासा का अनुमान है कि 21वीं सदी में कुल 228 चंद्र ग्रहण होंगे।
 
कैसे होता है चंद्रग्रहण?
सरल शब्दों में कहें तो चंद्र ग्रहण पूर्णिमा को घटित होता है जब पृथ्वी सूर्य एवं चंद्रमा के बीच आ जाती है तथा ये तीनों एक सीधी रेखा में अवस्थित हो जाते हैं।
 
पूर्ण चंद्र ग्रहण तब घटित होता है जब चंद्रमा पूरी तरह से पृथ्वी की प्रच्छाया से आवृत हो जाता है। आंशिक चंद्र ग्रहण तब घटित होता है जब चंद्रमा का एक हिस्सा ही पृथ्वी की प्रच्छाया से ढक पाता है।
 
कब लगता है चंद्रग्रहण?
चंद्रमा को प्रकाश सूर्य से मिलता है। लेकिन, सूर्य की परिक्रमा के दौरान पृथ्वी, चांद और सूर्य के बीच में इस तरह आ जाती है कि चांद धरती की छाया से छिप जाता है। यह तभी संभव है जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा अपनी कक्षा में एक दूसरे की बिल्कुल सीध में हों।
 
पूर्णिमा के दिन जब सूर्य और चंद्रमा की बीच पृथ्वी आ जाती है तो उसकी छाया चंद्रमा पर पड़ती है। इससे चंद्रमा का छाया वाला भाग अंधकारमय रहता है और इस स्थिति में जब हम धरती से चांद को देखते हैं तो वह भाग हमें काला दिखाई पड़ता है। इसी वजह से इसे चंद्र ग्रहण कहा जाता है।
 
कैसे देख सकते हैं चंद्रग्रहण?
चंद्र ग्रहण सूर्य ग्रहण के मुक़ाबले ज़्यादा व्यापक स्तर पर दिखाई देता है और इसे पृथ्वी पर रात में कहीं भी देखा जा सकता है।
 
सूर्य ग्रहण को देखने के लिए खास उपकरणों की ज़रूरत होती है लेकिन चंद्र ग्रहण के साथ ऐसा नहीं है। आप नग्न आंखों से भी चांद को देख सकते हैं। इसे देखने के लिए टेलीस्कोप का इस्तेमाल भी किया जा सकता है।
 
नासा समेत कई संस्थान इस चंद्रग्रहण का लाइवस्ट्रीम और फिर रिकार्डेड वीडियो भी चलाएंगे। आप अपनी सुविधा के अनुसार इन्हें देख सकते हैं।

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