फ़ेसबुक ने कहा है कि उसने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से जुड़े 687 पेज को अपने प्लेटफ़ॉर्म से हटा दिया है। देश में लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान से ठीक दस दिन पहले फ़ेसबुक ये क़दम उठाया है।
फ़ेसबुक का कहना है कि इन पन्नों पर 'चलाई जा रहीं गतिविधियां अप्रमाणिक' पायी गई हैं। देश में फ़ेसबुक की ओर से किसी मुख्य राजनीतिक पार्टी से जुड़े पन्नों पर ऐसी कार्रवाई पहले शायद ही कभी की गयी हो।
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक देश में 30 करोड़ यूज़र्स वाली कंपनी फ़ेसबुक ने सोमवार को बताया है कि उसकी जांच में पाया गया कि कई फ़ेक अकाउंट वाले यूज़र्स इन ग्रुप का हिस्सा थे। इन अकाउंट ने कई अन्य ग्रुप से भी खुद को जोड़ रखा था ताकि इस ग्रुप की सामग्री का प्रसार कर सकें।
फ़ेसबुक ने बताया कि इस पन्ने पर कई स्थानीय समाचार और सत्ता पक्ष के नेता नरेंद्र मोदी की आलोचनाओं से भरे पोस्ट शेयर किए जा रहे थे। फ़ेसबुक के साइबर सेक्योरिटी नीतियों के प्रमुख नेथेनील ग्लेइशेर ने कहा, ''इस पन्ने पर एक्टिव यूजर्स ने अपनी पहचान छुपाए रखा था, साथ ही हमारी समीक्षा में हमने पाया कि ये अकाउंट कांग्रेस के आईटी सेल से ही जुड़े लोगों के थे।''
उन्होंने आगे कहा कि फ़ेसबुक ने इस सभी अकाउंट को इनकी गतिविधियों के आधार पर अपने प्लेटफ़ॉर्म से हटा दिया है। भारत में 11 अप्रैल से 19 मई तक सात चरणों में मतदान किया जाएगा और 23 मई को नतीजे आएंगे।
नमूने को तौर पर फ़ेसबुक इन पन्नों के कुछ स्क्रीनशॉट भी शेयर किए हैं जिनमें मोदी सरकार की नीतियों की आलोचना की गई, साथ ही पाकिस्तान की प्रशंसा करते हुए भी पोस्ट शेयर की गई थी।
इसके अलावा फ़ेसबुक ने बताया कि उसने 103 पेज, ग्रुप और अकाउंट को भी हटाया है जो ऐसी ही अप्रमाणिक गतिविधियों से भरे हुए थे। इनमें से कुछ पन्ने पाकिस्तान से चलाए जा रहे थे जो पाकिस्तानी सेना के जनसंपर्क विभाग की ओर से चलाए जा रहे थे।
दुनिया भर में फे़सबुक पर कंटेंट को लेकर बीते कुछ वक़्त से दबाव बनाया जा रहा है। भारत सरकार ने भी फ़ेसबुक से आश्वस्त करने को कहा था कि इस प्लेटफ़ॉर्म का इस्तेमाल किसी भी राजनैतिक फ़ायदे के लिए ना किया जाए।
इसे देखते हुए फ़ेसबुक ने प्लेटफ़ॉर्म पर राजनैतिक गतिविधियों को लिए नियम कड़े कर दिए हैं। फे़सबुक ने ये भी बताया है कि उसने 227 अन्य पेजों को भी नीतियों का उल्लंधन करने के कारण प्लेटफ़ॉर्म से हटाया है।