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परमाणु हथियारों पर ईरान और इसराइल में ठनी

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, बुधवार, 2 मई 2018 (11:33 IST)
इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने सोमवार को कहा था कि इसराइल को मिले हज़ारों दस्तावेज़ों से इस बात का पता चलता है कि ईरान ने पूरी दुनिया से झूठ कहा है कि उसने कभी परमाणु हथियार बनाने की कोशिशें नहीं कीं।
 
ईरान ने अपने जवाब में इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू को एक बदनाम झूठा कहा है। ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बेहराम गेसेमी ने कहा कि नेतन्याहू के आरोप 'पुराने, बेकार और शर्मनाक हैं'।
 
इससे पहले ईरान के विदेश मंत्री जावेद ज़रीफ़ ने नेतन्याहू पर आरोप लगाया कि वो "लोगों को बेवकूफ़ बना रहे हैं।" एक ट्वीट में उन्होंने लिखा, "उन्होंने अपना रोना फिर शुरू कर दिया है। आप कुछ ही लोगों को हमेशा बेवकूफ बना सकते हैं।"
 
उन्होंने कहा कि ये दस्तावेज़ पुराने आरोपों को दोबारा नया बनाकर दिखाने की कवायद है। इन आरोपों को अंतरराष्ट्रीय परमाणु उर्जा एंजेसी (आईएईए) पहले ही जांच चुकी है।
 
आरोपों को लेकर पश्चिम नहीं है एकमत
नेतन्याहू के आरोपों को लेकर पश्चिमी देशों में मतभेद है। ये आरोप उस वक्त सामने आए हैं जब अमेरिका 2015 के ईरान परमाणु समझौते को तोड़ने की बात कर रहा है।
 
फ्रांस का कहना है कि 2002 में भी इससे संबंधित खबरें आईं थीं लेकिन इस समझौते को बरक़रार रखना चाहिए। वहीं अमेरिका का कहना है कि ये आरोप सबूत हैं कि ये समझौता सही नीयत से नहीं किया गया था। लेकिन ब्रिटेन सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि वे इस समझौते को बनाए रखेंगे।
 
यूरोपीय संघ की विदेश नीति की मुखिया फ़ेडेरिका मोगेरिनी ने कहा कि इन दस्तावेज़ों से ये नहीं पता चलता कि ईरान ने समझौता तोड़ा है। अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप 12 मई को इस समझौते पर फ़ैसला लेंगे।
 
क्या था दस्तावेज़ों में
नेतन्याहू ने इन दस्तावेज़ों को लेकर कहा था कि इनसे पता चलता है कि ईरान ने दुनिया की नज़रों से छिप कर परमाणु हथियार बनाने की कोशिश की थी। नेतन्याहू के मुताबिक ये "गुप्त परमाणु फाइलें" हैं।
 
साल 2015 में ईरान ख़ुद पर लगाए गए प्रतिबंधों को हटाने के बदले ऊर्जा के लिए बने अपने परमाणु कार्यक्रम पर रोक लगाने की बात पर राज़ी हुआ था। ईरान कहता रहा है उसका परमाणु कार्यक्रम देश में ईंधन की ज़रूरतों को पूरा करने में मदद करता है।
 
नेतन्याहू ने बताया कि उनके पास तेहरान में एक गुप्त स्टोरेज से इसराइली ख़ुफ़िया विभाग को मिली डेटा की "प्रतियां" हैं। उन्होंने कहा कि उनके पास 55 हज़ार पन्नों के सबूत हैं, साथ ही 183 सीडी हैं जिनमें 55 हज़ार फाइलें हैं, ये तमाम फाइलें परमाणु हथियार कार्यक्रम 'प्रोजेक्ट अमाद' से संबंधित हैं।
 
नेतन्याहू ने आगे कहा कि इस प्रोजेक्ट का लक्ष्य पांच मिसाइलों के लिए वॉरहैड बनाने और उनका परीक्षण करने का था, जिसमें प्रत्येक वॉरहैड में 10 किलोटन परमाणु विस्फोटक लगाने की योजना थी।
 
एक पावरप्वाइंट प्रेजेंटेशन के ज़रिए अपनी बातें सामने रख रहे नेतन्याहू ने कहा कि ये फ़ाइलें दर्शाती हैं कि ईरान ने परमाणु हथियार कार्यक्रम से जुड़े सामान जैसे परमाणु हथियारों की डिज़ाइनिंग और परमाणु परीक्षण से जुड़ी जानकारी को इकट्ठा करके रखना शुरू कर दिया था। हालांकि नेतन्याहू ने इस बात के सबूत नहीं दिए कि ईरान ने 2016 से लागू हुए इस समझौते को तोड़ा है।
 
अमेरिका की प्रतिक्रिया
अमेरिका राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने कहा है कि इस स्थिति को "स्वीकार नहीं किया जा सकता" और ईरान के साथ परमाणु समझौते पर 12 मई से पहले वो अपना फ़ैसला बताएंगे। वो इस परमाणु समझौते को रद्द करने की धमकी देते रहे हैं।
 
ट्रंप ने कहा, "वो शांत नहीं बैठे हैं, वो मिसाइलें तैयार कर रहे हैं और बता रहें हैं कि ये सिर्फ दिखावे के लिए हैं। लेकिन मुझे ऐसा नहीं लगता।"... इधर यूरोपीय देशों का कहना है वो ईरान के साथ परमाणु समझौते को बरकरार रखना चाहते हैं।

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