जॉर्ज राइट, विटैली शेवचेंको और पॉल किर्बी, बीबीसी न्यूज
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को कहा है कि यूक्रेन के साथ शांति तब ही संभव है जब रूस अपने लक्ष्यों को हासिल कर लेगा। फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद पहली प्रेस वार्ता का सामना कर रहे पुतिन ने पत्रकारों के सवालों के जवाब में ये टिप्पणी की है।
चार घंटे की इस प्रेस वार्ता में पुतिन ने यूक्रेन पर हमले को विशेष सैन्य अभियान बताया। उन्होंने दावा किया कि युद्धक्षेत्र में हालात रूस के लिए बेहतर हो रहे हैं।
रूस के प्रमुख चैनलों पर प्रसारित हॉटलाइन कार्यक्रम की शुरुआत में पुतिन ने रूस के नागरिकों को संबोधित करते हुए कहा, 'बिना संप्रभुता के हमारे देश का अस्तित्व असंभव है। हमारा देश रहेगा ही नहीं। उन्होंने दावा किया कि युद्ध के समय में भी रूस की अर्थव्यवस्था मज़बूत बनीं हुई है।
पुतिन ने कहा कि जब हमारा मक़सद पूरा हो जाएगा तब यूक्रेन में शांति हो जाएगी। हमारा मक़सद है, "डीना ज़िफिकेशन, विसैन्यीकरण, और यूक्रेन की तटस्थ स्थिति।”
यूक्रेन में लड़ रहे हैं 617000 रूसी सैनिक
पुतिन ने दावा किया कि इस समय रूस के 617000 सैनिक यूक्रेन में लड़ाई में शामिल हैं। उन्होंने बताया कि बीते साल तीन लाख लोगों को सेना की सेवा में बुलााय गया था। इसके अतिरिक्त 486000 लोगों ने अपनी मर्ज़ी से स्वयं को पेशेवर कांट्रेक्ट सॉल्जर के रूप में पंजीकृत कराया है।
उन्होंने कहा, “देश के हितों और मातृभूमि की रक्षा करने वाले लोगों की तादाद में कोई कमी नहीं आ रही है। इस साल के अंत तक कुल पांच लाख के क़रीब सैनिक होंगे। हमें मोबिलाइज़ेशन की ज़रूरत ही क्या है?”
हालांकि उन्होंने यूक्रेन युद्ध के दौरान मारे गए रूसी सैनिकों की संख्या की जानकारी नहीं दी है। हालांकि उन्होंने कहा कि उनके क़रीबी लोगों के बच्चे भी निजी सैन्य कंपनियों के साथ काम कर रहे हैं और उनके कई क़रीबी लोगों की इस युद्ध में मौत हुई है।
इसी सप्ताह एक गुप्त अमेरिकी ख़ुफ़िया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यूक्रेन युद्ध में अब तक 315000 रूसी सैनिक या तो मारे गए हैं या घायल हुए हैं। ये आक्रमण की शुरुआत की रूसी सेना का 90 प्रतिशत हैं।
सरकार के मुताबिक़ राष्ट्रपति की इस प्रेस वार्ता के लिए पत्रकारों के सवालों के अलावा रूस के आम लोगों ने क़रीब बीस लाख सवाल भेजे थे। इनमें से चुनिंदा का जवाब भी दिया गया।
ख़त्म हो रहे हैं यूक्रेन को पश्चिम से मिले तोहफ़े
एक पत्रकार ने नाइपर नदी के पूर्व में यूक्रेन के सैनिकों की मौजूदी से जुड़ा सवाल पूछा तो पुतिन ने इसे एक छोटे इलाक़े में मिली सैन्य सफ़लता बताया।
उन्होंने कहा कि ये यूक्रेन की क्राइमिया में दाख़िल होने की अंतिम कोशिशें में से एक है। पुतिन ने कहा कि रूसी सैन्य बल पीछे हटकर जंगल की तरफ़ गए ताकि अपने लोगों को बचा सकें।
उन्होंने कहा कि यूक्रेन पश्चिमी देशों को ये बताना चाहता है कि उसे युद्ध जारी रखने के लिए और अधिक पश्चिमी पैसों की ज़रूरत है।
पुतिन ने कहा, “मैं नहीं जानता कि वो ये क्यों कर रहे हैं। वो अपने लोगों को मरने के लिए मजबूर कर रहे हैं। ये यूक्रेन के सैन्यबलों के लिए इकतरफ़ा यात्रा है। इसके कारण राजनीतिक हैं। यूक्रेन के नेता बाहरी देशों से मदद मांग रहे हैं।”
पुतिन ने ये भी कहा कि यूक्रेन के लिए पश्चिमी देशों में समर्थन कमज़ोर हो रहा है।
उन्होंने कहा, “आज यूक्रेन में कोई उत्पादन नहीं हो रहा है। मेरी भाषा के लिए मुझे माफ़ करें, लेकिन वहां सब कुछ मुफ्त का आ रहा है। लेकिन एक समय ऐसा आएगा जब ये मुफ़्त की चीज़ें मिलना बंद हो जाएंगी। और ऐसा लग रहा है कि धीरे-धीरे ये ख़त्म हो रही हैं।”
पुतिन ने दावा किया कि युद्धक्षेत्रों में रूस की सेना मज़बूत स्थिति में हैं। उन्होंने कहा, “व्यवहारिक रूप से, समूची संघर्ष रेखा पर हमारी सेना अपनी स्थिति को बेहतर कर रही है।”
हाल के महीनों में संघर्ष रेखा पर स्थिति बहुत अधिक नहीं बदली है लेकिन रूस दोनेत्स्क क्षेत्र में दो नए शहरों पर हमले कर रहा है। ये हैं मारिंका और अवदीव्का। पुतिन ने दावा किया कि पश्चिम के आर्थिक प्रतिबंधों के बावजूद रूस आगे बढ़ेगा।
वहीं जिस समय पुतिन ये प्रेस वार्ता कर रहे थे उसी समय नेटो के महासचिव येंस स्टोलटेनबर्ग ने एक बयान में कहा कि अगर पुतिन यूक्रेन में जीत जाता है तो पुतिन की
अमेरिका के बारे में क्या कहा
पुतिन ने अमेरिका के साथ रूस के रिश्तों पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि अमेरिका एक अहम देश है। हालांकि उन्होंने अमेरिका के साम्राज्यवादी होने के आरोप भी लगाए। उन्होंने कहा कि अमेरिका को दूसरे लोगों और देशों का भी सम्मान करना चाहिए। रूस अमेरिका के साथ संबंध फिर से स्थापित करने के लिए तैयार है।
न्यू यॉर्क टाइम्स के पत्रकार ने रूस की जेलों में बंद दो अमेरिकी नागरिकों की रिहाई से जुड़ा सवाल पूछा।
अमेरिका ये मानता है कि वॉल स्ट्रीट जर्नल के सम्मानित पत्रकार इवान गर्शकोविच और पूर्व सैनिक पॉल व्हेलन को ग़लत तरीक़े से हिरासत में लिया गया है।
गर्शकोविच पर जासूसी के आरोप लगाये हैं। उन्होंने और उनके दोस्तों ने इन आरोपों को सिरे से ख़ारिज किया है।
पुतिन ने कहा, “संभावित अदला-बदली के लिए…। हम समझौते पर पहुंचना चाहते हैं और ये समझौता ऐसा हो दोनों पक्षों को स्वीकार्य है और सुविधाजनक हो।”
उन्होंने बताया कि इस मुद्दे को लेकर वार्ता चल रही है। पुतिन ने कहा कि ये एक मुश्किल वार्ता है और मैं इस बारे में और अधिक नहीं बताउंगा।
पुतिन ने और क्या कहा
पुतिन ने साल 2024 पेरिस ओलंपिक में रूस के खिलाड़ियों को बिना रूस के झंडे के साथ खेलने की अनुमति पर भी अपनी बात रखी और कहा कि वो रूस के एथलीटों के खेलों में भाग लेने का समर्थन करते हैं।
लेकिन देश को इस बात पर विचार करना चाहिए कि क्या उसे भाग लेना चाहिए अगर इस आयोजन को रूसी खेल को "मृतप्राय के रूप में चित्रित करने के लिए" डिज़ाइन किया गया है।
पुतिन ने ग़ज़ा के हालात पर भी बात की और कहा कि यहां त्रासदी इस बड़े पैमाने पर हो रही है जिसके सामने यूक्रेन के हालात कुछ भी नज़र नहीं आते हैं।
पुतिन ने आर्टीफ़ीशियल इंटेलिजेंस के बारे में बोलते हुए कहा कि वो चाहते हैं कि रूस इस क्षेत्र में विश्व का नेतृत्व करे। उन्होंने साल 2022 में नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइन को बर्बाद करने के लिए हुए धमाके के लिए फिर से अमेरिका को ज़िम्मेदार भी ठहराया।