Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

अमेरिका का सैन फ्रांसिस्कोः यहां 80 लाख रुपए कमाने वाला भी गरीब है

हमें फॉलो करें अमेरिका का सैन फ्रांसिस्कोः यहां 80 लाख रुपए कमाने वाला भी गरीब है
, बुधवार, 11 जुलाई 2018 (12:29 IST)
"यार... तुम्हारी सैलरी तो लाखों में है", "भाई... करते क्या हो इतने पैसों का?", "तेरी तो ऐश है यार..."
 
भारत में आश्चर्य भरे भाव से इस तरह की बातें अक्सर सुनने को मिल जाती हैं। फ्रेंड सर्किल में जिन दोस्तों की सैलरी लाख रुपए महीना होती है, उन्हें सफल समझा जाता है। समाज और परिवार में भी उसे सफलता के प्रतीक के तौर पर पेश किया जाता है।
 
 
पर दुनिया में एक शहर ऐसा भी है जहां 80 लाख रुपए कमाने वाले को भी गरीब समझा जाता है। ये शहर है अमेरिका का सैन फ्रांसिस्को। अमेरिका की आवासीय और शहरी विकास विभाग की हालिया रिपोर्ट इस बात की ओर इशारा करती है।
 
 
रिपोर्ट कहती है कि सैन फ्रांसिस्को, सैन माटियो और उसके आस-पास रहने वाला चार सदस्यों का परिवार अगर 80 लाख रुपए कमाता है तो वो 'कम वेतन' पाने वाला परिवार माना जाएगा। वहीं अगर कोई परिवार 50 लाख रुपए कमाता है तो वो और गरीब है। देश के अन्य इलाकों के मुकाबले इन शहरों में ग़रीबी का यह पैमाना कहीं अधिक है।
 
 
अमेरिका में कौन गरीब, कौन अमीर
ब्रूकिंग इंस्टीट्यूट की वेबसाइट द हैमिल्टन प्रोजेक्ट का एक सर्वे यह दर्शाता है कि अमेरिका में लोगों की कमाई में काफी अंतर है। अमेरिका की लगभग दो-तिहाई परिवारों की कमाई सैन फ्रांसिस्को के 80 लाख रुपए कमाने वाले 'ग़रीब परिवार' से कम है।
 
 
अमेरिका में चार सदस्यों के परिवार की औसत कमाई करीब 62 लाख रुपए है। वहीं, इससे ज्यादा सदस्यों वाले परिवारों की औसत कमाई करीब 41 लाख रुपए है। 32.6 करोड़ की आबादी वाले अमेरिका में चार करोड़ से ज्यादा लोग ग़रीबी रेखा से नीचे हैं। ऐसे चार सदस्यों वाले परिवार की कमाई करीब 17 लाख रुपए है। कुछ बड़े शहरों की तुलना में देश के अन्य भागों की कमाई कहीं कम है।
 
 
सैन फ्रांसिस्को दूसरे शहरों से अलग कैसे
इस श्रेणी में सैन फ्रांसिस्को भी है। इस शहर में आईटी और टेक्नोलॉजी उद्योगों की भरमार है। जिससे यहां रहने वाले लोगों की कमाई भी अच्छी-खासी होती है। बेहतर कमाई की चाहत रखने वाले लोगों के लिए यह शहर उनके सपनों का ठिकाना बन चुका है।
 
 
सैन फ्रांसिस्को के शहरी इलाकों में साल 2008 से 2016 के बीच 25 से 64 साल उम्र वाले नौकरीपेशा लोगों की कमाई 26 प्रतिशत तक बढ़ी है। दूसरे शहरी इलाकों के मुकाबले यह काफी अधिक है। साल 2016 तक यहां की लोगों की औसत कमाई करीब 43 लाख रुपए हो चुकी थी।
 
 
बेशक, अमेरिका के अन्य क्षेत्रों में लोगों को ज्यादा सैलरी दी जाती है। सैन जोस में 25 से 64 साल के नौकरीपेशा लोगों की औसत कमाई करीब 45 लाख रुपए, वॉशिंगटन डीसी में करीब 42 लाख रुपए और बॉस्टन में करीब 38 लाख रुपए है।
 
webdunia
किस पेशे में सबसे ज्यादा कमाई
ज्यादा कमाई वाले ऐसे इलाकों में अन्य नौकरियों में भी लोगों को अच्छी सैलरी दी जाती है। सैन फ्रांसिस्को में डॉक्टर सबसे अधिक कमाई करने वाला होता है। डॉक्टरों की औसतन कमाई एक करोड़ 32 लाख रुपए से अधिक होती है। सरकारी अधिकारियों की औसतन कमाई एक करोड़ 15 लाख रुपए होती है। वहीं सॉफ्टवेयर डेवलपर करीब 80 लाख रुपए औसतन कमाते हैं।
 
 
हालांकि, यहां वैसे लोग भी होते हैं जो कम कमाते हैं। सैन फ्रांसिस्को में सबसे कम कमाई करने वाला किसान होता है। यहां किसान औसतन करीब 13 लाख रुपए कमाता है, वहीं बच्चों की देख-रेख करने वालों की औसतन कमाई करीब 15 लाख रुपए होती है।
 
 
आमदनी अठन्नी, खर्चा रुपैया
कमाई अधिक ज़रूर है पर यहां रहन-सहन के ख़र्च भी कम नहीं हैं। सबसे ज्यादा खर्च यहां रहने पर होता है। सैन फ्रांसिस्को में रहन-सहन पर देश के औसत खर्च के मुक़ाबले 25 प्रतिशत अधिक खर्च करना पड़ता है।
 
 
हालांकि राष्ट्रीय औसत से यहां के लोगों की कमाई 45 प्रतिशत अधिक है। सैन फ्रांसिस्कों में 2 बीएचके अपार्टमेंट का किराया हर महीने करीब 2 लाख रुपए से ज़्यादा होता है। 2008 में यह करीब एक लाख रुपए था।
 
 
ओहियो जैसे राज्यों में यह किराया 58 हज़ार के करीब होता है। इन शहरों के मुकाबले सैन फ्रांसिस्को में कमाई के अनुपात में किराए पर खर्च कहीं अधिक है। दूसरे शहरों के मुकाबले यहां कमाई दोगुनी ज़रूर होती है पर किराए पर 270 प्रतिशत अधिक खर्च करना होता है।
 
 
ऐसे में सैन फ्रांसिस्को में रहना किसी आर्थिक चुनौती से कम नहीं है। अमेरिकी सरकार यह मानती है कि अगर समान क्षेत्र में, समान सदस्यों वाला परिवार औसत कमाई से 80 प्रतिशत या उससे कम कमाता है तो वो गरीब है।
 
 
सैन फ्रांसिस्को की सरकार ने अधिक किराए के चलते 80 लाख रुपए की आमदनी को 'कम आय' माना है। यहां चार सदस्यों वाले परिवार की औसत कमाई करीब 81 लाख रुपए है। हालांकि 80 लाख से कम कमाने वाले सरकार की तरफ से दिए जाने वाले किराया भत्ता या फिर सहायता के हक़दार नहीं माने जाते हैं।
 
 
सैन फ्रांसिस्को एक महंगी जगह है ज़रूर है पर यहां का अच्छा मौसम और समृद्ध संस्कृति लोगों को आकर्षित करती है। अच्छी ज़िंदगी जीने की चाहत रखने वाले यहां रहने आते हैं। भारत में लाखों की सैलरी पाने वाले को भले ही अमीर समझा जाता हो पर सैन फ्रांसिस्को में मंहगाई इतनी है कि 80 लाख कमाने वाला भी गरीब होता है।
 

हमारे साथ WhatsApp पर जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें
Share this Story:

वेबदुनिया पर पढ़ें

समाचार बॉलीवुड ज्योतिष लाइफ स्‍टाइल धर्म-संसार महाभारत के किस्से रामायण की कहानियां रोचक और रोमांचक

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

मछली या सी-फ़ूड खाने से पहले ज़रा रुकिए