Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

शिवांगी सिंह: बनारस की लड़की, जो वायुसेना में राफेल उड़ाएगी

हमें फॉलो करें शिवांगी सिंह: बनारस की लड़की, जो वायुसेना में राफेल उड़ाएगी
, शुक्रवार, 9 अक्टूबर 2020 (13:02 IST)
कई लोग ऊंचाई देख कर डरने लगते हैं। यहां हम ख़ुद डरने लगते हैं लेकिन वो तो आसमान की ऊंचाई छूना चाहती थी। उसे बहुत शौक था और वो तय कर चुकी थी कि पायलट ही बनेगी। इतना कहकर फ़्लाइट लेफ़्टिनेंट शिवांगी सिंह की माँ सीमा सिंह खिलखिलाकर हंस देती हैं।
 
फ़्लाइट लेफ़्टिनेंट शिवांगी सिंह भारतीय वायु सेना के राफेल स्क्वाड्रन की पहली महिला पायलट बताई जा रही हैं। उत्तर प्रदेश के बनारस से ताल्लुक़ रखने वाली शिवांगी सिंह साल 2017 में वायु सेना में शामिल हुईं और मिग-21- बाइसन उड़ा रही हैं।
 
माँ सीमा सिंह बताती हैं कि जब शिवांगी सिंह नौंवी कक्षा में थीं तब वो अपने नाना के साथ दिल्ली स्थित एयर फ़ोर्स म्यूज़ियम देखने गईं थीं।
 
वहाँ वो वायु सेना में काम करने वाले अधिकारियों की वर्दी देखकर इतना प्रभावित हुईं कि उसी दिन उन्होंने ठान लिया था कि वायु सेना में जाएंगी और वो भी सिर्फ़ पायलट बनकर।
 
शिवांगी को वायु सेना में और कोई काम मंजूर नहीं था। जब वो बीएससी कर रहीं थीं तब नेशनल कैडेट कोर यानी एनसीसी की एयर विंग में भी हिस्सा लिया करती थी। बीएससी के दूसरे साल में इन्होंने एयर फ़ोर्स में भर्ती के लिए परीक्षा दी। मेहनत और लगन की वजह से उनका चयन भी हो गया।
 
हालाँकि जब उनका चयन हुआ तो नाना ने वायु सेना में 'नॉन फ़्लाइट स्ट्रीम' लेने की नसीहत दी और कहा कि पायलट का काम छोड़ दो।
 
इस पर शिवांगी ने कहा था, 'मेरा सपना है पायलट बनने का है। अगर नॉन फ्लाइंग स्ट्रीम लेना होगा तो मैं ख़ुद ही वायु सेना छोड़ दूंगी।'
 
सीमा सिंह बताती है शिवांगी शुरू से ही काफ़ी बोल्ड रही हैं। खेल-कूद में भी उनकी काफ़ी दिलचस्पी थी। वो बास्केटबॉल में नेशनल लेवल तक गईं हैं और चैंपियन रह चुकी हैं। एथलेटिक्स में शिवांगी दो बार सिल्वर और गोल्ड मेडल पा चुकी हैं।
 
सीमा याद करती हैं, 'शिवांगी खेलने के लिए कोई भी कपड़े पहनकर निकल जाती थी। जैसे कि ट्रैकसूट। मेरा भतीजा कहता था कि चाची तुम जानती हो, जब घर लेकर स्कूल तक शिवांगी दीदी को कोई लड़का आँख उठा कर भी नहीं देखता। क्या किसी की मजाल है कि उनको नज़र उठा के भी देख ले? और मैं कहती थी कि तो ये अच्छी बात है न।'
 
सीमा सिंह भी सैन्य पृष्ठभूमि वाले परिवार से आती हैं। उनके पिता यानी शिवांगी के नाना सेना में कर्नल थे लेकिन सीमा ने कभी ये सपना नहीं देखा कि शिवांगी सशस्त्र बल का हिस्सा बनें। शिवांगी के पिता कारोबारी हैं और वो बहुत ख़ुश हैं कि उनकी बेटी अपने सपने को पूरा कर पाई
 
ज़िद ने पहुंचाया मंज़िल तक
सीमा बताती हैं कि शिवांगी बचपन से ही शरारती और जिद्दी थीं। उन्हें समझाया जाता कि पतंग नहीं उड़ानी है लेकिन वो किसी की सुनती नहीं थीं।
 
दिवाली पर पटाखे फूट रहे होते थे तो उन्हें दूर रहने की हिदायत दी जाती थी लेकिन वो अपनी शरारतों से बाज नहीं आती थी। एक बार उनके साथ हादसा होते-होते बचा था।
 
सीमा याद करती हैं, 'शिवांगी को एक दो-बार उन्हें मार भी पड़ी। पढ़ाई में हमेशा से ठीक रही हैं लेकिन लेकिन एक बात की अगर ज़िद ठान लेती थी तो मनवा कर ही दम लेती थी। ये भी ज़िद ही है कि वो आज इस मुक़ाम पर पहुंची है।'
 
अब ऐसी ख़बरें आ रही हैं कि वो राफेल उड़ाएंगी। ऐसे में एक माँ का मन क्या कहता है? इसके जवाब में सीमा सिंह ने कहा, ''पायलट बनने के बाद ख़तरा तो बना ही रहता है। मैं ख़ुश भी हूं और डरी हुई भी हूं। लेकिन जिसे उड़ाना है, उसे डर नहीं है''
 
शिवांगी सिंह फ़िलहाल राफेल उड़ाने के लिए कन्वर्सन ट्रैनिंग ले रही हैं और ख़बरें हैं कि वो जल्द ही वायुसेना के गोल्डन ऐरो स्क्वाड्रन में शामिल हो जायेंगी।
 
भारतीय सेना में महिलाएं
सरकारी वेबसाइट पीआईबी पर चार मार्च 2020 को छपी जानकारी के मुताबिक़ भारतीय सेना में 6892, वायुसेना में 1878 और नौसेना में 685 महिलाएं अधिकारी हैं। भारतीय वायु सेना में किसी भी ब्रांच या स्ट्रीम में महिलाएं शामिल हो सकती हैं।
 
'इंडक्शन एंड एम्पावरमेंट ऑफ़ विमेन इन आर्म्ड फ़ोर्सेस' की नीति के तहत महिलाओं को वायुसेना में करियर बनाने के लिए प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से विज्ञापन दिए जाते हैं।
 
सरकार ने साल 2015 में महिलाओं के लिए शॉर्ट सर्विस कमीशन के ज़रिए फ़ाइटर विंग में महिलाओं को जगह देने शुरुआत भी की थी और इन महिलाओं को फ़ाइटर विंग में पर्मानेंट कमीशन देने की तैयारी भी चल रही है।
 
जिस राफेल को शिवांगी सिंह उड़ाएंगी, उसे दुनिया के सबसे शानदार और बेहतरीन हथियारों को इस्तेमाल करने वाला बताया जाता है। राफेल परमाणु मिसाइल डिलीवर करने में भी सक्षम है।
 
इसी साल फ्रांस से 5 राफेल भारत पहुंचे हैं और उन्हें वायुसेना में शामिल किया गया है। अंबाला पहुँचे राफेल विमानों के लिए भारत 60-70 किलोमीटर की दूरी तक सटीक मार करने वाली हैमर मिसाइल भी ख़रीद रहा है।

हमारे साथ WhatsApp पर जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें
Share this Story:

वेबदुनिया पर पढ़ें

समाचार बॉलीवुड ज्योतिष लाइफ स्‍टाइल धर्म-संसार महाभारत के किस्से रामायण की कहानियां रोचक और रोमांचक

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

कोरोना ने भारत के डायमंड शहर की चमक मिटाई