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रफाह क्रॉसिंग क्या है जिसे इसराइली बमबारी ने फिलिस्तीनियों की लाइफलाइन बना दिया

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BBC Hindi

, मंगलवार, 17 अक्टूबर 2023 (07:57 IST)
इसराइल के जमीनी हमले की आशंकाओं के बीच फिलिस्तीनी नागरिक गाजा पट्टी से सुरक्षित बच निकलने के लिए रफाह क्रॉसिंग पहुंच रहे हैं।
 
अमेरिकी मीडिया में प्रकाशित खबरों के मुताबिक, ये क्रॉसिंग दोहरी नागरिकता वाले लोगों को गाजा से बाहर निकालने के साथ-साथ गाजा में मदद सामग्री पहुंचाने के लिए खोली जा सकती है। हालांकि, इन खबरों में क्रॉसिंग के खुलने का संभावित समय नहीं बताया गया है। लेकिन सोमवार शाम तक ये क्रॉसिंग बंद रही।
 
रफाह क्रॉसिंग क्या है?
रफाह क्रॉसिंग गाजा पट्टी के दक्षिण में स्थित एक बॉर्डर क्रॉसिंग है। यह गाजा पट्टी को मिस्र के सिनाई रेगिस्तान से जोड़ती है। गाजा पट्टी क्षेत्र में इसके अतिरिक्त इरेज़ और केरेम शलोम नामक दो अन्य बॉर्डर क्रॉसिंग हैं।
 
इनमें से इरेज क्रॉसिंग उत्तरी गाजा को इसराइल से जोड़ती है। केरेम शलोम भी इसराइल और गाजा के बीच स्थित क्रॉसिंग है लेकिन इसका इस्तेमाल सिर्फ़ व्यापारिक गतिविधियों के लिए किया जाता है। ये दोनों बॉर्डर क्रॉसिंग बंद हैं।
 
रफाह क्रॉसिंग इतनी अहम क्यों?
फिलिस्तीनी चरमपंथी संगठन हमास ने बीती सात अक्टूबर को इरेज क्रॉसिंग पर हमला करके इसे बुरी तरह नुक़सान पहुंचाया था। हमास की ओर से ये एक अभूतपूर्व हमला था जिसमें 1300 से ज़्यादा इसराइली नागरिकों की मौत हुई है।
 
इस हमले के कुछ दिन बाद ही इसराइल ने घोषणा की थी कि इरेज़ और केरेम शलोम क्रॉसिंग अगली सूचना मिलने तक बंद रहेगी।
 
ऐसे में रफाह क्रॉसिंग आम फिलिस्तीनी लोगों के लिए गाजा पट्टी से बाहर निकलने का एक मात्र रास्ता बनकर रह गई है।
 
गाजा पट्टी में मानवीय मदद पहुंचाने की जुगत लगा रही अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां भी अपने ट्रकों को इस क्रॉसिंग के ज़रिए ही गाजा के अंदर ले जा सकती हैं।
 
मिस्र के विदेश मंत्रालय ने पिछले हफ़्ते कहा है कि वह अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं की ओर से गाजा के लिए भेजी जा रही मदद सामग्री को लेकर आ रही उड़ानों को उत्तरी सिनाई में स्थित अल-अरिश हवाई अड्डे की ओर भेज रहा है।
 
ऐसे में गाजा पट्टी में ईंधन और मदद सामग्री पहुंचाने के लिए दर्जनों ट्रक रफाह क्रॉसिंग के बाहर कतार में खड़े हैं।
 
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रफाह क्रॉसिंग पर क्या चल रहा है?
इसराइल पर हमास के ताज़ा हमले के बाद रफाह क्रॉसिंग से जुड़ी खबरों में विरोधाभास देखा जा रहा है। पहले इस क्रॉसिंग पर हमास और मिस्र का नियंत्रण हुआ करता था।
 
इस क्रॉसिंग से आने-जाने पर भी मिस्र और हमास ही नियंत्रण किया करते थे। लेकिन इसराइल की ओर से ताबड़तोड़ बमबारी के बाद रफाह क्रॉसिंग पर कामकाज बंद हो गया है।
 
मिस्र की मीडिया में छपी ख़बरों के मुताबिक, इसराइल की ओर से बीती 9-10 अक्टूबर को हुए तीन हमलों के बाद से क्रॉसिंग बंद है। इस हमले में मिस्र और फिलिस्तीन दोनों ओर मौजूद लोग घायल हुए हैं।
 
मिस्र सरकार ने बीती 12 अक्टूबर को इसराइल से कहा था कि वह रफाह क्रॉसिंग के क़रीब बमबारी रोके ताकि गाजा में मौजूद लोगों तक राहत पहुंचाई जा सके।
 
लेकिन इसके साथ ही मिस्र ने ये स्पष्ट किया है कि वह तब तक ये क्रॉसिंग नहीं खोलेगा जब तक उसके कर्मचारियों की सुरक्षा की गारंटी नहीं दी जाती।
 
पश्चिमी देश भी ये सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि रफाह क्रॉसिंग गाजा में मौजूद विदेशी पासपोर्ट धारकों के साथ-साथ मानवीय मदद पहुंचाने के लिए सुरक्षित मार्ग बन सके।
 
ब्रितानी विदेश मंत्री जेम्स क्लेवरली और अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा है कि वे इसराइल और मिस्र के साथ-साथ इस क्षेत्र की प्रमुख राजनीतिक आवाज़ों के साथ काम कर रहे हैं ताकि इस क्रॉसिंग को खुलवाया जा सके।
 
पिछले हफ़्ते अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि उनके नागरिकों से कहा जा रहा है कि वे रफाह क्रॉसिंग की ओर बढ़ें क्योंकि “अगर ये क्रॉसिंग खुली तो काफ़ी सीमित समय के लिए खुलेगी और वहां तक पहुंचने के लिए काफ़ी कम वक़्त मिलेगा।”
 
इन अफ़वाहों की वजह से गाजा में रहने वाले क्रॉसिंग खुलने की उम्मीद लिए रफाह क्रॉसिंग की ओर बढ़ रहे हैं।
 
बीते सोमवार कुछ ख़बरें आई थीं जिनमें दावा किया गया था कि संघर्ष विराम के लिए समझौता होने के बाद रफाह क्रॉसिंग को कुछ समय के लिए खोला जाएगा। ये ख़बरें सुनकर सोमवार को लोगों की भीड़ इस क्रॉसिंग के पास जुटती देखी गई थी।
 
बंद क्यों है रफाह क्रॉसिंग?
इसराइल चाहता है कि हमास के चरमपंथी किसी तरह गाजा से भागने में कामयाब न हों। ऐसा करने के लिए वह गाजा में घुसने वाले सभी ट्रकों की तलाशी लेना चाहता है ताकि उनके ज़रिए गाजा में हथियार न पहुंच सकें।
 
इस सबके बीच मिस्र एक तरफ़ तो रफाह क्रॉसिंग खोलने के लिए दूसरे देशों के साथ बातचीत में सहयोग करता दिख रहा है।
 
लेकिन मिस्र सरकार इस बात से भी चिंतित है कि कहीं फिलिस्तीनी नागरिक गाजा पट्टी से भागकर सिनाई रेगिस्तान में पनाह न ले लें। इस बात की संभावना नहीं है कि मिस्र सरकार किसी या सभी फिलिस्तीनी नागरिकों के लिए अपनी सीमा खोलेगी।
 
इसके साथ ही मिस्र सरकार इस्लामिक चरमपंथियों के आने की संभावनाओं को लेकर भी चिंतित है।
 
सामान्य दिनों में कैसे चलती है रफाह क्रॉसिंग?
सामान्य दिनों में भी फिलिस्तीनियों के लिए रफाह क्रॉसिंग के ज़रिए गाजा पट्टी से बाहर निकलना आसान नहीं होता है।
 
फिलिस्तीनियों को इसके लिए दो से चार हफ़्ते पहले स्थानीय फिलिस्तीनी संस्था को आवेदन देकर पंजीकरण कराना होता है।
 
इस तरह के आवेदन फिलिस्तीनी या मिस्र के अधिकारियों की ओर से हल्की चेतावनी या स्पष्टीकरण के साथ रद्द किए जा सकते हैं।
 
संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक़ साल 2023 में मिस्र ने गाजा से 19608 लोगों को बाहर निकलने की इजाज़त दी है। वहीं, 314 लोगों को बाहर निकलने से रोका है।

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