अमेरिका में मंगलवार 3 नवंबर को मतदाता ये तय कर देंगे कि व्हाइट हाउस में डोनाल्ड ट्रंप टिके रहेंगे या वो अब जो बिडेन का नया ठिकाना होगा। मगर अमेरिका में जब मतदान अपने परवान पर होगा उस वक़्त भारत में रात हो चुकी होगी। भारत और अमेरिका के समय में लगभग 12 घंटे का अंतर है और इसलिए अमेरिका में जब सुबह मतदान शुरू होगा तो भारत में मंगलवार को शाम हो चुकी होगी। ऐसे में भारत के हिसाब से देखा जाए तो अमेरिका में जब मतदान ख़त्म होगा तब तक भारत में बुधवार हो जाएगा।
नतीजे कब आएंगे?
आमतौर पर अमेरिका में मतदान वाली रात को ही तस्वीर साफ़ हो जाती है, लेकिन कोरोना महामारी की वजह से इस बार वहां बहुत सारे मतदाताओं ने पहले ही मतदान कर दिया है जिससे मतगणना में देर हो सकती है। अमेरिका में अलग-अलग राज्यों में मतदान का अलग-अलग समय होता है। सबसे पहले पूर्वी तटीय प्रदेशों में मतदान होता है। वहां इस बार जब शाम 7 बजे मतदान बंद होगा तब तक भारत में बुधवार सुबह का 5.30 बज रहा होगा।
मतदान ख़त्म होने के बाद अलग-अलग राज्यों में मतों की गिनती शुरू होती है। मतदान वाली रात को कभी भी मतगणना ख़त्म नहीं हो पाती, मगर इतने वोटों की गिनती हो जाती है जिससे निश्चित तौर पर पता चल जाता है कि विजेता कौन है। हालांकि, मतों की गिनती ख़त्म नहीं होती, इसलिए इसे प्रोजेक्शन या रूझान ही कहा जाता है।
इस साल क्या अलग है?
इस साल कोरोना महामारी की वजह से पहले की तुलना में बहुत ज़्यादा लोगों ने पहले ही या तो डाक से या ख़ुद जाकर मतदान कर दिया है। डाक से डाले गए पोस्टल मतों की गिनती में ज़्यादा वक़्त लगता है क्योंकि उनमें मतदाताओं की पहचान करने की प्रक्रिया पूरी करनी होती है।
फ़्लोरिडा और ओहियो जैसे कुछ राज्यों में पहचान की ये प्रक्रिया कई हफ़्ते पहले से शुरू हो जाती है इसलिए वहां पोस्टल मतों की गिनती मतदान के फ़ौरन बाद शुरू हो जाती है और पता चल जाता है कि कौन जीत रहा है। मगर पेन्सिल्वेनिया और विस्कोन्सिन जैसे राज्यों में मतदान के दिन से पहले ये जांच प्रक्रिया शुरू करने की अनुमति नहीं होती।
ऐसे में ये राज्य नतीजों के लिए अहम हो जाते हैं और इस बार चुनाव अधिकारियों ने कह दिया है कि वहां मतों की गिनती में कई दिन लग सकते हैं।