Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

युवराज-रैना को बाहर करने वाला 'यो-यो'?

हमें फॉलो करें युवराज-रैना को बाहर करने वाला 'यो-यो'?
, शुक्रवार, 18 अगस्त 2017 (14:25 IST)
- आदेश कुमार गुप्त (खेल पत्रकार)
श्रीलंका के ख़िलाफ जब एकदिवसीय सीरीज़ के लिए भारतीय क्रिकेट टीम का एलान हुआ तो उसमें युवराज सिंह और सुरेश रैना का नाम नहीं था। पहली नज़र में लगा कि शायद युवा खिलाड़ियों को अवसर देने के लिए इन्हें टीम से बाहर किया गया है।
 
लेकिन दो दिन बाद ख़बर आई कि दोनो खिलाड़ी फिटनेस टेस्ट में नाकाम रहे और वह भी यो-यो टेस्ट में। ऐसे में आम लोगों की दिलचस्पी ये जानने की होगी कि'यो-यो' परिक्षण क्या है।
 
दरअसल कई कोण की मदद से 20 मीटर की दूरी पर दो पंक्तियां बनाई जाती हैं। एक खिलाड़ी रेखा के पीछे से शुरुआत करता है और निर्देश मिलते ही दो लाइनों के बीच दौड़ता है। इसी बीच म्यूज़िक भी बजता रहता है। म्यूज़िक की आवाज़ पर ही मुड़ना होता है।
 
हर मिनट में तेज़ी बढ़ती जाती है, अगर खिलाड़ी दो छोर पर तेज़ नहीं रहता तो परिक्षण रोक दिया जाता है। कहा जा रहा है कि इस टेस्ट में ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी 21 का स्कोर बनाते है।
 
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत के विराट कोहली भी इतना ही स्कोर बनाते हैं। उनके अलावा रविंद्र जडेजा और मनीष पांडेय भी 21 का स्कोर बनाने में कामयाब रहते हैं।
 
जबकि इस परीक्षण में युवराज और रैना 16-16 अंक का स्कोर कर पाए, तो क्या यह माना जाए कि युवराज सिंह और सुरेश रैना अब एकदिवसीय और ट्वेंटी-ट्वेंटी क्रिकेट में भारतीय टीम में आने के हकदार नहीं रहे।
इस सवाल के जवाब में भारत के सलामी बल्लेबाज़ शिखर धवन के कोच मदन शर्मा कहते हैं कि युवराज सिंह तो अपनी पिछली बीमारी के कारण इस टेस्ट में नाकाम हो सकते हैं, लेकिन अपने समय में युवराज सिंह ने शानदार प्रदर्शन किया है।
 
सुरेश रैना को लेकर उनका मानना है कि जब वह फ़ॉर्म में होते हैं तो उनका कोई जवाब नहीं है। उनके पास अभी भी समय है। शिखर धवन को बचपन से ही क्रिकेट सिखाने वाले मदन शर्मा ने बीबीसी को बताया कि शिखर तो श्रीलंका सिरीज़ में एकदम नाम आने से पहले भी ट्रेनिंग करके गए थे।
 
वहीं भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली के कोच राजकुमार शर्मा जो ख़ुद दिल्ली रणजी ट्रॉफी खिलाड़ी रह चुके हैं, वह यो-यो की अहमियत से इंकार नहीं करते। उनके अनुसार जितने भी खिलाड़ी अंडर-19, रणजी ट्रॉफी और यहां तक कि अंडर-17 भी क्रिकेट खेल रहे हैं, वह भली भांति यो-यो को जानते हैं।
 
आम जनता के लिए यो-यो नया शब्द हो सकता है। खिलाड़ियों के लिए यह अनिवार्य है जिसे नेशनल क्रिकेट अकादमी में कराया जाता है। उन्होंने कहा वह इस बात पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकते कि युवराज सिंह और सुरेश रैना को यो-यो परिक्षण में नाकाम रहने के कारण टीम से बाहर किया गया है।
 
राजकुमार शर्मा ने बताया कि यो-यो परिक्षण किसी भी खिलाड़ी की तेज़ी और योग्यता को मांपने का पैमाना है।
इसमें 20 मीटर के स्प्रिंट होते हैं। शुरुआत धीमी गति से होती है, बाद में गति बढ़ती जाती है, अंत में लैंडिंग तेज़ गति से ही होती है। इस टेस्ट को बेहद सोच विचार कर और शोध कर बनाया गया है।
 
राजकुमार शर्मा के अनुसार इन दिनों तीसरे अंपायर और रिव्यूज़ का ज़माना है। कुछ सेंटीमीटर से खिलाड़ी रन आउट हो जाते हैं, या रन आउट मिल जाता है। इसके लिए ज़रूरी है कि खिलाड़ी सुपर फ़िट हो। इसीलिए यह टेस्ट है जिससे खिलाड़ी को ख़ुद पता चलता है कि उसमें कितना दम-ख़म है। बीसीसीआई और नेशनल क्रिकेट अकादमी ने यह अच्छा मापदंड बनाया है।
 
राजकुमार शर्मा का मानना है कि इससे खिलाड़ी जागरूक रहेंगे। फ़िटनेस का ध्यान रखेंगे। और अब तो भारत के कोच रवि शास्त्री भी कह चुके हैं कि जो फ़िट होगा वही 2019 का विश्व कप खेलेगा। ऐसे में यो-यो परिक्षण में तो पास होना ही होगा।

हमारे साथ WhatsApp पर जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें
Share this Story:

वेबदुनिया पर पढ़ें

समाचार बॉलीवुड ज्योतिष लाइफ स्‍टाइल धर्म-संसार महाभारत के किस्से रामायण की कहानियां रोचक और रोमांचक

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

‘योगी’ फरमान पर भारी मदरसों की हठधर्मी