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भाई दूज पर होने वाले रीति रिवाज और विधि

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When is Bhai Dooj 2023: भाई दूज या भैया दूज पर्व को भाई टीका, यम द्वितीया, भ्रातृ द्वितीया आदि नामों से मनाया जाता है। भाई दूज के दिन मृत्यु के देवता यमराज का पूजन भी होता है। मान्यता है कि इसी दिन यम देव अपनी बहन यमुना के बुलावे पर उनके घर भोजन करने आए थे। इसी कारण भाई दूज मनाया जाता है। भाई दूज 15 नवंबर 2023 बुधवार को मनाया जाएगा।
 
द्वितीया तिथि प्रारम्भ- 14 नवम्बर 2023 को दोपहर 02:36 से प्रारंभ।
द्वितीया तिथि समाप्त- 15 नवम्बर 2023 को दोपहर 01:47 पर समाप्त।
 
भाई दूज तिलक का शुभ समय- Bhai Dooj Tilak Time: 15 Nov Wednesday 01:09:56 PM to 01:49:20 PM.
 
  • इस दिन बहनें प्रात: स्नान कर, अपने ईष्ट देव और विष्णु एवं गणेशजी का व्रत-पूजन करें।
  • फिर चावल के आटे से चौक तैयार करने के बाद इस चौक पर भाई को बैठाएं और उनके हाथों की पूजा करें।
  • फिर भाई की हथेली पर चावल का घोल लगाएं, उसके ऊपर थोड़ा सा सिन्दूर लगाकर कद्दू के फूल, सुपारी, मुद्रा आदि हाथों पर रखकर धीरे-धीरे हाथों पर पानी छोड़ें।
  • फिर हाथों में कलवा बांधे। कहीं-कहीं पर इस दिन बहनें अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाकर उनकी आरती उतारती हैं और फिर कलाइयों में कलावा बांधती हैं।
  • इसके बाद माखन-मिश्री से भाई का मुंह मीठा करें। फिर भोजन कराएं। भोजन के बाद पान खिलाएं।
  • इस दिन बहुत से भाई अपनी बहनों के घर जाकर भोजन भी करते हैं और उन्हें कुछ उपहार भी भेंट करते हैं।
  • अंत में संध्या के समय बहनें यमराज के नाम से चौमुख दीया जलाकर घर के बाहर दीये का मुख दक्षिण दिशा की ओर करके रखें।
  • मान्यता है कि इस दिन बहनें आसमान में उड़ती हुई चील देखकर अपने भाईयों की लंबी आयु के लिए जो प्रार्थना करती हैं, वह पूर्ण हो जाती है और साथ ही वह अखंड सौभाग्यवती रहती हैं।
  • इसके साथ ही इस दिन भाई और बहन यमुना नदी में स्नान कर इसके तट पर यम और यमुना का पूजन करते हैं जिससे दोनों ही अकाल मृत्यु से छुटकारा पाकर सुखपूर्वक जीवनयापन करते हैं।

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