पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के तीसरे और अंतिम चरण के तहत 78 विधानसभा क्षेत्रों में शनिवार को मतदान होगा, जहां सभी की निगाहें राज्य में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) और विपक्षी महागबंधन के बीच कांटे के मुकाबले पर टिकी हैं। चुनाव में राजग जहां सरकार विरोधी कारक (एंटी इन्कम्बेंसी फैक्टर) को टालने के लिए पूरा जोर लगा रहा है, वहीं राजद नीत महागठबंधन भी पूरे जोश में है।
बिहार राज्य निर्वाचन आयोग के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, निर्वाचन आयोग के निर्देशन में निर्वाचन विभाग निष्पक्ष व पारदर्शी चुनाव कराने के लिए कृतसंकल्प है। जिलों में मतदान कर्मियों की प्रतिनियुक्ति तथा कोविड-19 संक्रमण से बचते हुए समस्त गतिविधियां संचालित की जा रही हैं।
आयोग ने बताया कि तीसरे चरण के तहत कुल 78 विधानसभा क्षेत्रों और बाल्मिकीनगर लोकसभा सीट पर उपचुनाव के लिए प्रशासनिक स्तर पर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। आयोग के मुताबिक, सभी 78 विधानसभा क्षेत्रों में 33,782 मतदान केंद्रों के लिए इतनी ही संख्या में इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) सेट तथा वीवीपीएटी के प्रबंध किए गए हैं।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के मुताबिक, इसके साथ ही सभी मतदान केंद्रों पर चाकचौबंद सुरक्षा व्यवस्था के तहत अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है तथा चुनिंदा मतदान केंद्रों पर लाइव वेबकास्टिंग की भी व्यवस्था होगी।
राज्य की 243 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव के तीसरे और अंतिम चरण के तहत 15 जिलों के 78 विधानसभा क्षेत्रों में शनिवार को मतदान होगा, जिसमें करीब 2.34 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे और 1204 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे। इन उम्मीदवारों में विधानसभा अध्यक्ष और राज्य मंत्रिमंडल के 12 सदस्य शामिल हैं।
बाल्मिकीनगर लोकसभा सीट पर उपचुनाव जद (यू) सांसद वैद्यनाथ महतों के निधन के कारण कराया जा रहा है। जद (यू) ने दिवंगत वैद्यनाथ महतों के पुत्र सुनील कुमार को टिकट दिया है, जिनका मुकाबला कांग्रेस उम्मीदवार तथा पत्रकारिता से राजनीति में आए प्रवेश कुमार मिश्रा से है।
बाल्मिकीनगर की तरह ही जिन 78 विधानसभा सीटों पर मतदान होने वाला है, उनमें से कई सीटें उत्तर बिहार में और गंगा नदी के उत्तर में स्थित हैं। इनमें से कुछ सीटें कोसी-सीमांचल क्षेत्र में हैं, जहां राजग और महागठबंधन की लड़ाई के बीच एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी का अच्छा खासा प्रभाव माना जाता है।
कुछ महीने पहले तक सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के लिए आसान दिख रहे चुनाव को 'चुनावी पंडितों' ने अब अब 'कांटे की टक्कर' बताना शुरू कर दिया है। इसे लेकर वे सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार की मतदाताओं से भावनात्मक अपील को रेखांकित कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार विधानसभा चुनाव के प्रचार के क्रम में 12 रैलियों को संबोधित किया। बिहार की जनता के नाम अपने पत्र में मोदी ने गुरुवार को कहा कि बिहार का विकास निर्बाध रूप से जारी रखने के लिए उन्हें नीतीश कुमार की जरूरत है।
दूसरी ओर, बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड के नेता नीतीश कुमार ने गुरुवार को पूर्णिया के धमदाहा में भावनात्मक अपील करते हुए कहा कि राज्य में हो रहा विधानसभा चुनाव उनका अंतिम चुनाव है। कभी अपराजेय माना जाने वाला राष्ट्रीय जनता दल इस चुनाव में जीत के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहा है।
विधानसभा चुनाव में राजद का कांग्रेस, भाकपा, माकपा और भाकपा-माले से गठबंधन है। भाजपा ने विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए अपने कई दिग्गजों को मैदान में उतारा जिसमें रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शामिल हैं।
तीसरे चरण के चुनाव में पश्चिम चम्पारण, पूर्वी चम्पारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया, किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार, मधेपुरा, सहरसा, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, वैशाली तथा समस्तीपुर जिलों की विधानसभा सीटों पर मतदान होगा।
इस चरण में कुल 1,204 प्रत्याशी मैदान में हैं, जिनमें 110 महिलाएं हैं। गायघाट में सबसे अधिक (31) प्रत्याशी हैं, वहीं चार विधानसभा क्षेत्रों ढाका, त्रिवेणीगंज, जोकीहाट और बहादुरगंज में सबसे कम प्रत्याशी (9) हैं। इस चरण में भाजपा के 35, जद (यू) के 37 और राजद के 44 उम्मीदवार मैदान में हैं।(भाषा)