नई दिल्ली। चुनाव आयोग (Election Commission) ने मंगलवार को बताया कि बिहार विधानसभा चुनाव की मतगणना में सामान्य से अधिक समय लगेगा और यह देर रात तक चलेगी, क्योंकि इस बार 63 प्रतिशत अधिक ईवीएम का इस्तेमाल किया गया है। बिहार विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना सुबह से जारी है।
चुनाव आयोग के अधिकारियों ने राष्ट्रीय राजधानी में पत्रकारों को बताया कि 3 चरणों में हुए चुनाव में करीब 4.16 करोड़ मत पड़े थे, जिनमें से अपराह्न डेढ़ बजे तक 1 करोड़ से अधिक मतों की गिनती हो गई थी। बिहार में कुल करीब 7.3 करोड़ मतदाताओं में से 57.09 प्रतिशत लोगों ने मताधिकार का प्रयोग किया। एक अधिकारी ने बताया कि मतगणना में अभी तक कोई तकनीकी परेशानी नहीं आई है।
कोविड-19 वैश्विक महामारी के मद्देनजर सामाजिक दूरी बनाए रखने के नियम के पालन के लिए आयोग ने 2015 विधासनसभा चुनाव की तुलना में इस बार मतदान केन्द्रों की संख्या बढ़ा दी थी। इससे पहले 2015 चुनाव में करीब 65,000 मतदान केन्द्र स्थापित किए गए थे, जिन्हें बढ़ाकर इस बार 1.06 लाख कर दिया गया था। इसके चलते इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) भी अधिक इस्तेमाल करनी पड़ीं।
इस बार हर मतदान केंद्र पर मतदाताओं की संख्या 1,000 से 1,500 तक तय की गई थी ताकि सामाजिक दूरी सुनिश्चित की जा सके। इसके लिए मतदान केंद्रों की संख्या बढ़ानी पड़ी। बिहार के प्रभारी उप निर्वाचन आयुक्त बिहार चंद्र भूषण कुमार ने कहा कि हमें उम्मीद है कि प्रक्रिया के अनुसार मतगणना आज देर रात समाप्त हो जाएगी।
उन्होंने बताया कि 2015 के विधानसभा चुनाव में मतगणना 38 स्थलों पर हुई थी, लेकिन इस बार सामाजिक दूरी सुनिश्चित करने के लिए 55 स्थलों पर मतगणना हो रही है। इस बार हर हॉल में मेजों की संख्या 14 से कम करके सात कर दी गई है। भूषण ने बताया कि विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में 19 से 51 दौर में मतगणना होगी।
ईवीएम के प्रभारी उप निर्वाचन आयुक्त सुदीप जैन ने ईवीएम की विश्वसनीयता के संबंध में कुछ लोगों के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि मशीन से कोई छेड़छाड़ नहीं हो सकती और हाईकोर्ट ने कई बार इस उपकरण के इस्तेमाल को सही बताया है। (भाषा)