बिहार विधानसभा चुनाव के शंखनाद के साथ एक बार बाहुबलियों को लेकर चर्चा तेज है। बाहुबली सूरजभान सिंह बिहार की सियासत में एक ऐसा नाम है जिसने अपना सियासी सफर बाहुबली अनंत सिंह के मंत्री भाई को हरा कर शुरु किया था। बाहुबली सूरजभान ने साल 2000 के बिहार चुनाव में मोकामा विधानसभा सीट से बाहुबली अनंत सिंह के बड़े भाई दिलीप सिंह को निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर हराया था। इसे बाद बाहुबली सूरजभान 2004 के लोकसभा चुनाव में रामविलास पासवान की पार्टी एलजेपी से मुंगेर से चुनाव जीत कर पटना से दिल्ली पहुंचा। वहीं सूरजभान की पत्नी वीणा देवी भी मुंगेर से सांसद चुनी जा चुकी है।
विधानसभा चुनाव में अनंत सिंह को चुनौती- बिहार विधानसभा चुनाव में एक बार सूरजभान ने मकोमा से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे बाहुबली अनंत सिंह को चुनौती दे रहे है। सूरजभान ऐलान कर दिया है कि मोकामा से वह अनंत सिंह को जीतने नहीं देंगे। वहीं अब विधानसभा चुनाव की तारीखों के एलान के बाद पूर्व सांसद राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी केंद्रीय संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष सूरजभान सिंह ने अपने तेवर साफ कर दिए है। उन्होंने कहा कि चिराग पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के उम्मीदवार होंगे उन सभी सीटों पर राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी और सूरजभान सिंह के मजबूत उम्मीदवार मजबूती से चुनाव लड़ेंगे। बिहार विधानसभा चुनाव में मकोमा विधानसभा सीट से सूरजभान सिंह अपने परिवार के किसी सदस्य को मकोमा से चुनावी मैदान में उतार सकते है।
बाहुबली अनंत सिंह से पुरानी सियासी अदावत- मोकमा के रहने वाले बाहुबली सूरजभान सिंह की बाहुबली अनंत सिंह से पुरानी सियासी अदावत रही है। 2000 के बिहार विधानसभा चुनाव में सूरजभान सिंह ने मोकामा विधानसभा सीट से बाहुबली अनंत सिंह के बड़े भाई दिलीप सिंह को हराया था। इसके बाद 2005 के विधानसभा चुनाव में जब अनंत सिंह की सियासी एंट्री हुई तो सूरजभान सिंह का सियासी सफर के बढ़ते ग्राफ पर ब्रेक लग गया।
मंत्री की हत्या से बिहार में खौफ- बाहुबली सूरजभान सिंह का नाम बिहार में उस वक्त चर्चा में आया था जब उसने 13 जून 1998 को तत्कालीन मंत्री बृज बिहारी प्रसाद को पटना में इंदिरा गांदी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस कैंपस में दिनदहाड़े AK-47 से भूनकर मौत के घाट उतार दिया था। घटना के वक्त मंत्री बृजबिहारी प्रसाद इलाज के अस्पातल आए थे। मंत्री के हत्याकांड के बाद बाहुबली सूरजभान सिंह का खौफ पूरे बिहार में छा गया।
इसके बाद साल 2000 में सूरजभान सिंह ने अपराधी से खादी पहने का सफर शुरु किया औऱ विधानसभा चुनाव मकोमा से दिलीप सिंह को हराया और फिर नीतीश कुमार को समर्थन देकर उनके मुख्यमंत्री बनने की राह आसान की। हलांकि बाद में सूरजभान सिंह की नजदीकियां एलजेपी नेता रामविलास पासवान से बढ़ी औऱ पासवान ने उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाने के साथ उनकी पत्नी वीणा देवी और भाई चंदन सिंह को सांसद बनवाया। हलांकि रामविलास पासवान के निधन के बाद जब पासवान परिवार में दरार आई थी तो सूरजभान सिंह चिराग पासवान के चाचा पशुपति पारस के साथ हो लिए। इस बार फिर विधानसभा चुनाव में मकोमा मे दो बाहुबलियों अनंत सिंह और सूरजभान सिंह की बीच सियासी वर्चस्व की जंग देखी जा रही है।