बेलबॉटम ट्रेलर रिव्यू : एक मिशन की कहानी
अक्षय कुमार की फिल्म बेलबॉटम के ट्रेलर में पकड़ नजर आती है। एक अच्छी फिल्म की उम्मीद जगाने में ट्रेलर कामयाब है।
अक्षय कुमार की बेलबॉटम का ट्रेलर रिलीज हो गया है। इस फिल्म की पूरी शूटिंग कोरोनाकाल में ही हुई है। इस तरह से यह बड़े स्टार की कोरोनाकाल में शूट की गई पहली फिल्म है। साथ ही इसे सिनेमाघर में रिलीज किया जा रहा है। एक बड़े स्टार की लंबे समय बाद सिनेमाघर में रिलीज होने वाली यह पहली फिल्म बनने वाली है।
ट्रेलर में लगभग पूरी कहानी दिखा दी गई है। शुरुआत में बताया गया है कि यह सत्य घटनाओं से प्रेरित है, लेकिन स्थान/पात्र/प्रसंग काल्पनिक हैं। ट्रेलर देख समझ आता है कि कल्पना वाला हिस्सा बहुत ज्यादा है।
दरअसल यह एक मिशन की कहानी है जिसका नाम बेलबॉटम है। यह मिशन किस तरह पूरा होता है इसी बात का रोमांच है। यानी मंजिल सामने है, सफर कितना मजेदार होता है इसी बात पर फिल्म की सफलता टिकी है।
ट्विस्ट यह है कि कहानी अस्सी के दशक में सेट है। सुरक्षा सिस्टम इतने मजबूत नहीं थे और इनमें कई खामी हुआ करती थी। जब तकनीक इतनी हावी नहीं थी इसलिए उस दौर में 'चोर-पुलिस' का यह खेल मजेदार हुआ करता था।
फिल्म कितनी जबरदस्त होगी इसका पता तो फिल्म देखने के बाद पता चलेगा, लेकिन ट्रेलर दमदार फिल्म की ओर इशारा जरूर करता है। ये फिल्म से जुड़े लोगों का आत्मविश्वास ही है कि उन्होंने ट्रेलर में ही कई पत्ते खोल दिए हैं।
अक्षय कुमार ने चिर-परिचित स्टाइल में ही अपनी भूमिका निभाई है। उन्हें वन लाइनर और सीन भी जोरदार मिले होंगे। वाणी कपूर की झलक भी ट्रेलर में नजर आती है। लारा दत्ता को ट्रेलर में जगह नहीं मिली है।
कुल मिलाकर ट्रेलर फिल्म देखने के प्रति उत्सुकता पैदा करने में सफल है।