Dharma Sangrah

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

बॉक्स ऑफिस पर बेलबॉटम का कमजोर प्रदर्शन, क्या दर्शक सिनेमाघर में लौटने को तैयार नहीं!

Advertiesment
हमें फॉलो करें बेलबॉटम

समय ताम्रकर

, मंगलवार, 24 अगस्त 2021 (18:51 IST)
अक्षय कुमार की फिल्म बेलबॉटम पिछले सप्ताह रिलीज हुई और इस पर सिनेमा व्यवसाय से जुड़े लोग आंख गढ़ाए बैठे थे। सिनेमाघर खुलने के बाद किसी बड़े सितारे की रिलीज होने वाली यह पहली हिंदी फिल्म थी। मुंबई सागा, रूही जैसी फिल्में पहले रिलीज हुई थीं, लेकिन कुछ खास नहीं कर पाईं। बेलबॉटम में अक्षय कुमार जैसा सितारा है जो अपने दम पर दर्शकों को सिनेमाहॉल में खींचने का माद्दा रखता है इसलिए इस फिल्म से बहुत ज्यादा आशाएं थीं, लेकिन फिल्म का बिज़नेस उम्मीद से कम रहा। पांच दिन में फिल्म ने साढ़े चौदह करोड़ रुपये का कलेक्शन सिनेमाघरों से किया। 
 
1) देश के कुछ प्रदेशों में सिनेमाघर खोलने की इजाजत नहीं है। 
2) महाराष्ट्र में सिनेमाघर बंद हैं जहां से हिंदी फिल्मों का कुल व्यवसाय में से 35 से 40 प्रतिशत कलेक्शन होता है। 
3) कई जगह 50 प्रतिशत कैपिसिटी से सिनेमाघर खोलने की इजाजत है। 
4) अधिकांश प्रदेशों/ शहरों में नाइट शो चलाने की इजाजत नहीं है। 
5) कोरोना से लोग अभी भी डरे हुए हैं। बच्चों को सिनेमाघर ले जाने में कतरा रहे हैं। 
 
ये सारे पाइंट्स बिलकुल सही हैं। लेकिन टेस्ट क्या था जिसके परिणाम का फिल्म इंडस्ट्री को इंतजार था। टेस्ट ये था कि किसी बड़े सितारे की फिल्म रिलीज कर देखा जाए कि दर्शक सिनेमाघर में लौटना पसंद कर रहे हैं या नहीं? 
 
यदि इस प्रश्न का जवाब बेलबॉटम के परफॉर्मेंस में ढूंढा जाए तो जवाब निराशाजनक है। दर्शक सिनेमाघर में आए जरूर, लेकिन इनकी संख्या बहुत कम रही। जो भी फिल्म पहले शो में भीड़ जुटाती है उसके आधार पर ही अंदाजा लगाया जाता है कि वह कितना व्यवसाय कर सकती है। बेलबॉटम के पहले शो में दर्शकों की संख्या 10, 15 या 25 रही। जो कि अक्षय जैसे स्टार को देखते हुए बहुत कम है। 

webdunia

 
माना कि अधिकांश जगह शो चलाने की इजाजत नहीं है, लेकिन जहां पर इजाजत है वहां तो दर्शक सिनेमाघर में आते। ठीक है, 50 प्रतिशत कैपिसिटी से फिल्म को चलाने की इजाजत है, तो यह कैपिसिटी का भी तो पूरा उपयोग होता। 50 प्रतिशत सीटें भी तो फुल होती। लेकिन ये नजारा देखने में नहीं आया।
 
ये बात भी ठीक है कि फिल्म की पब्लिसिटी न के बराबर की गई। दर्शकों को पता ही नहीं चला कि इस नाम की फिल्म सिनेमाघर में आई है, लेकिन दूसरे-तीसरे दिन तो पता चल गया था। रविवार तो भीड़ जुटनी थी। राखी के त्योहार पर सिनेमाघर फुल हो जाते हैं, लेकिन बेलबॉटम के बिज़नेस में कोई तेजी नजर नहीं आई। 
 
तो इसका क्या मतलब है? किसी नतीजे पर पहुंचना तो मुश्किल है, लेकिन ये बात मानी जा सकती है कि दर्शक फिलहाल डरे हुए हैं। वे भले ही बाजारो या रेस्तरां में जा रहे हों, लेकिन सिनेमाघर में फिल्म देखने का साहस नहीं जुटा पा रहे हैं। बॉलीवुड को यह प्रयास निरंतर करने होंगे। एक फिल्म रिलीज करने से ही काम नहीं चलेगा। लगातार बड़ी फिल्में रिलीज करनी होगी। इससे ही धीरे-धीरे दर्शकों का विश्वास सिनेमाघर के प्रति लौटेगा। 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

कंचना 3 फेम रूसी एक्ट्रेस की फंदे पर में मिली लाश, हत्या या आत्महत्या?