22 सितम्बर को छोटी-बड़ी सभी मिलाकर सात फिल्में प्रदर्शित हो रही हैं। संभव है कि एक-दो आगे-पीछे हो जाएं क्योंकि थिएटर की कमी हो सकती है। बड़ी फिल्मों की बाद की जाए तो भूमि, हसीना पारकर और न्यूटन प्रमुख हैं, लेकिन इन फिल्मों के प्रति दर्शकों में उत्साह नदारद है।
सजा काटने के बाद संजय दत्त वापसी के लिए बैचेन थे और लंबे समय तक उन्होंने अच्छी स्क्रिप्ट की तलाश करते हुए फिल्म साइन नहीं की। आखिरकार उमंग कुमार की फिल्म 'भूमि' के लिए उन्होंने रजामंदी दी। यह पिता-पुत्री की कहानी है जिसमें अदिति राव हैदरी पुत्री और संजय दत्त पिता की भूमिका में हैं। फिल्म को उमंग कुमार ने बनाया है जिन्होंने इसके पूर्व मैरी कॉम और सरबजीत बनाई थी। मैरी कॉम के साथ उन्होंने न्याय किया था, लेकिन सरबजीत पर अच्छी फिल्म बनाने से वे चूक गए।
भूमि को लेकर खास माहौल नहीं है। संजय दत्त की भी उम्र हो चली है और पहले जैसा स्टारडम उनका नहीं रहा है। देखना है कि वे अपने दम पर कितनी भीड़ खींच पाते हैं। फिल्म का ट्रेलर खास पसंद नहीं किया गया है।
दाऊद की बहन हसीना की जिंदगी पर आधारित 'हसीना पारकर' बनाई गई है। इस फिल्म का प्रदर्शन लगातार टलता रहा है और अब जाकर यह फिल्म रिलीज होने वाली है। श्रद्धा कपूर लीड रोल में हैं और जब बॉलीवुड की टॉप एक्ट्रेस अपने दम पर फिल्म को शानदार ओपनिंग नहीं दिला सकती तो श्रद्धा के लिए यह बात बहुत मुश्किल है। हसीना की बहन की कहानी में शायद ही दर्शकों की ज्यादा रूचि हो। फिल्म का निर्देशन अपूर्व लाखिया ने किया है और उनका ट्रेक रिकॉर्ड भी बहुत अच्छा नहीं है।
राजकुमार राव की 'न्यूटन' का प्रदर्शन भी पिछले कई दिनों से टल रहा है। फिल्म से वे जुड़े हैं, इसलिए कुछ अलग किस्म की फिल्म देखने वाले दर्शक फिल्म के प्रति आकर्षित हो सकते हैं। वैसे यह सिर्फ मल्टीप्लेक्स और बड़े शहर के दर्शकों के लिए ही है।
हॉलीवुड फिल्म 'किग्समैन: द गोल्डन सर्कल' भी इसी दिन प्रदर्शित हो रही है। फिल्म का प्रचार-प्रसार जोरदार तरीके से किया गया है और यह हिंदी फिल्मों को जोरदार टक्कर दे सकती है। इन फिल्मों के अलावा जेडी, द फाइनल एक्सिस्ट और उम्मीद भी रिलीज होने वाली हैं।