Strange Way Of Life: बुधवार को पेड्रो अल्माडोवार की फिल्म के पहले हुई गड़बड़ी का इतना हंगामा हुआ कि लगभग सभी जगह यह खबर छपी या लिखी गई। लोगों ने ट्विटर से लेकर सारे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस बात पर अपनी नाराजगी दिखाई कि भीड़ और टिकट के मैनेजमेंट में कितनी गड़बड़ियां हुई।
कलम की ताकत का एहसास तो तब हुआ जब शुक्रवार को सुबह-सुबह ही खबर मिली कि इस फिल्म की दो स्क्रीनिंग रखी गई हैं जो मीडिया के लिए हैं और शाम तक यह आलम था कि लगभग दस लोगों ने मुझसे कहा कि अगर टिकट चाहिए तो बताना हमने जानबूझ कर एक्स्ट्रा बुक कर लिए हैं।
पेड्रो अल्माडोवार इंटरनेशनल फिल्म के इलाके में इतना बड़ा नाम है कि उनकी फिल्म भले ही आधे घंटे की हो, लोग पूरी शाम उसके लिए खाली रखने के लिए तैयार हैं। हर फिल्मकार यह कहता है कि उसे इस बात से ज्यादा फर्क नहीं पड़ता कि उसकी फिल्म ने कितनी कमाई की, उन्हें तो बस अपनी फिल्म लोगों को दिखाना है, अपनी बात उन तक पहुंचानी है।
पिछले 48 घंटों में इस एक डायरेक्टर का नाम जितनी बार लिया गया है और जितने लोगों ने फकत आधे घंटे की फिल्म के लिए अपना वक़्त दिया है यह फिल्म की दुनिया का एक रिकॉर्ड ही होगा। 'स्ट्रेंज वे ऑफ लाइफ' फिल्म में ईथन हॉक और पेड्रो पास्कल हैं और कहानी पुराने ज़माने के टेक्सास की है।
वो पुराने दौर की काउ बॉय वाली फिल्में जहां लोग घोड़ों पर सवारी करते हुए एक कोने से दूसरे कोने का सफर करते थे। लेकिन यहां कहानी जेक और सिल्वा की है जो पिछले पच्चीस सालों से अलग हैं क्योंकि उनका प्यार समाज में अपनाया नहीं जाएगा। ऊंट के मुंह में जीरा वाली कहावत यहां सटीक है क्योंकि ऐसा लगता है फिल्म शुरू होते ही खत्म हो गई।
अगर यह फिल्म नौ दस मिनिट और लंबी होती तो अकादमी अवार्ड्स में बेस्ट फिल्म कैटेगरी में जाने लायक लंबाई हो जाती। यह दौर जहां फिर से लंबी फिल्में सामने आ रही हैं यह आधे घंटे का प्रयोग डायरेक्टर के लिए कितना सफल है यह तो वो खुद ही बता सकते है पर देखने वालों को यह टीजर की तरह ही महसूस होती है।