Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

देश में हो जाता था लॉकडाउन जब दिखाई जाती थी रामानंद सागर की रामायण

हमें फॉलो करें देश में हो जाता था लॉकडाउन जब दिखाई जाती थी रामानंद सागर की रामायण
, शुक्रवार, 27 मार्च 2020 (16:03 IST)
1982 के एशियाड खेलों की मेजबानी भारत को मिली तो इसके आयोजन के पहले तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भारत में टेलीविजन की पहुंच को व्यापक बनाने का फैसला लिया। टेलीविजन भारत के कई लोगों तक पहुंच गया। तब जरूरत पड़ी ऐसे कार्यक्रमों की जो मनोरंजक होने के साथ-साथ शिक्षाप्रद भी हों। 
 
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधिकारी एसएस गिल ने फिल्म निर्माता-निर्देशक रामानंद सागर से 'रामायण' और बीआर चोपड़ा से 'महाभारत' आधारित टेलीविजन धारावाहिक बनाने को कहा। 
 
रामानंद सागर अनेक सफल फिल्म बना चुके थे और उस दौर में उनकी कुछ फिल्में असफल रही थीं। तब दूरदर्शन के लिए काम करना अच्छा नहीं माना जाता था। फिल्मों के पिटने से संभवत: सागर निराश थे और उन्होंने दूरदर्शन पर रामायण दिखाने की बात को मान लिया। 
 
तय हुआ कि प्रति रविवार एक एपिसोड दिखाया जाएगा और 52 एपिसोड में पूरी रामायण को समेटना होगा। लेकिन रामायण इस कदर लोकप्रिय हुई कि 78 एपिसोड तक इसे दिखाया गया। 25 जनवरी 1987 को पहला एपिसोड प्रसारित हुआ और 31 जुलाई 1988 को अंतिम। 
 
रामायण ने रामानंद सागर का कायाकल्प कर दिया। उन्होंने इस सीरिज से न केवल धन कमाया बल्कि अपार लोकप्रियता हासिल की। 55 देशों में इसे टेलीकास्ट किया गया और 650 मिलियन से भी अधिक व्यूअरशिप इसे मिली। भारत में सबसे ज्यादा देखी जाने वाली यह सीरिज बनी। 
 
इसकी लोकप्रियता का यह आलम था कि रविवार सुबह जब इसका प्रसारण टेलीविजन पर होता था तब पूरा देश थम जाता था। सड़के सूनी हो जाती थी। रिक्शा वाले कहीं जाने को तैयार नहीं होते थे। दुकानदार दुकानें नहीं खोलते थे। एक तरह से देश में लॉकडाउन हो जाता था।  
पूरा परिवार नहा कर भक्ति भाव से इसे देखता था। इसे देखते समय चप्पल-जूते नहीं पहनते थे लोग। उस समय हर घर में टीवी नहीं हुआ करता था। टीवी घर में होना बहुत बड़ी बात हुआ करती थी। ऐसे में जिसके घर टीवी होता था उसके घर के आसपास रहने वाले लोग यह धारावाहिक देखने आया करते थे। एक घर में 40 से 50 लोग यह धारावाहिक देखते थे। 
 
कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु में हिंदी नहीं जानने वाले लोग भी इसे देखते थे। मुस्लिमों में भी यह धारावाहिक बहुत लोकप्रिय था। 
 
इस धारावाहिक में अरुण गोविल ने राम और दीपिका चिखलिया ने सीता की भूमिका निभाई थी। ये दोनों इतने लोकप्रिय हो गए कि लोग इन्हें ही राम और सीता मान कर पूजा किया करते थे। हनुमान, दारासिंह बने थे और रावण की भूमिका अरविंद त्रिवेदी ने अदा की थी। 
 
सोशल मीडिया पर मांग थी कि इसे फिर से दिखाया जाना चाहिए। कोरोना वायरस के आतंक के कारण लोग घर पर हैं इसलिए दूरदर्शन पर इसे पुर्नप्रसारित किया जा रहा है। 28 मार्च से सुबह 9 और रात 9 बजे इसे दूरदर्शन पर देखा जा सकता है। 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

अमिताभ के नाती अगस्त्य के साथ वायरल हुई शाहरुख की बेटी सुहाना की तस्वीर