फिल्मों में खासियत होती है कि वो जिंदगी से जुड़े हर पहलू को दर्शाती है। दोस्ती भी हमारी जिंदगी का बहुत अहम पहलू है। जिसकी जिंदगी में दोस्ती नहीं, वह व्यक्ति अधूरा होता है, क्योंकि हर एक फ्रेंड जरूरी होता है। फिल्म इंडस्ट्री में ऑनस्क्रीन और ऑफस्क्रीन कई दोस्त अपनी दोस्ती को लेकर बहुत मशहुर हैं इसलिए बॉलीवुड में भी दोस्ती को लेकर अब तक कई फिल्में बन चुकी हैं। चाहे फिल्म सिर्फ दोस्तों पर बनी हो या फिर किसी और विषय पर, हर फिल्म में एक अच्छी दोस्ती जरूर दर्शाई जाती है और इन फिल्मों में दिखाई गई दोस्ती आपकी जिंदगी के किसी दोस्त से जरूर मिलती होगी। तो आइए, आपको कुछ ऐसी ही फिल्मों के बारे में बताते हैं जिन्हें देखकर आप अपने दोस्त को, चाहे वह कितनी ही दूर क्यों न हो, जरूर याद करेंगे।
दोस्ती (1964)
1964 में आई दोस्ती फिल्म की अभी भी चर्चा होती है। इस ब्लैक एंड व्हाइट फिल्म में रामू और मोहन की दोस्ती है। दोनों ही अपंग हैं। लेकिन दोस्त मिलने के बाद अपनी काबिलियत को जानते हैं और साथ मिलकर गाने गाकर अपना गुजारा करते हैं। इस फिल्म में एक-दूसरे के लिए किए गए त्याग को बताया गया है।
आनंद (1971)
आनंद की कहानी अमिताभ बच्चन और राजेश खन्ना की दोस्ती पर है जिसमें राजेश खन्ना मरते हुए भी अमिताभ को जिंदगी जीना सिखा देते हैं। बहुत ही कम समय की दोस्ती में भी फिल्म ने हम सभी को दोस्ती और जिंदगी की अहमियत बताई थी।
हाथी मेरे साथी (1971)
राजेश खन्ना की इस फिल्म की सबसे खास बात यह थी कि इसमें इंसान की नहीं, बल्कि जानवरों से प्यार और दोस्ती को दर्शाया गया है। 4 हाथियों से राजू का प्रेम किसी इंसान से भी ज्यादा गहरा था और प्यारे हाथी भी अपनी दोस्ती बखूबी निभाते हैं।
शोले (1975)
शोले अब तक की सबसे ज्यादा देखी जाने वाली फिल्मों में से एक है। आज भी लोग दोस्ती को जय और वीरू की जोड़ी के नाम से ही जानते हैं। जिंदगी के हर मोड़ पर साथ देने वाले जय और वीरू का गाना 'ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे...' अब तक का सबसे फेमस गाना है।
याराना (1981)
फिल्म याराना का गाना 'तेरे जैसा यार कहां...' लोगों की आंखों में आंसू ले ही आता है। फिल्म में बिशन अपने बचपन के दोस्त किशन को बड़ा सिंगर बनने में मदद करता है। और किशन भी इस एहसान के बदले अपने दोस्त को मुसीबत से बचाता है।
अंदाज अपना-अपना (1994)
अमर और प्रेम की दोस्ती और चुलबुलेपन के लोग आज भी दीवाने हैं। उनकी मासूम लेकिन मजेदार हरकतों ने सभी को गुदगुदाया है। इस कॉमेडी फिल्म में अमर और प्रेम अपने प्यार को पाने के लिए एक-दूसरे की मदद करते हैं।
रॉकफोर्ड (1999)
इस फिल्म को बहुत ही कम लोगों ने देखा होगा, लेकिन इस फिल्म में शंकर एहसान लॉय के गाने बहूत प्रचलित हुए थे। फिल्म में एक टीचर और स्टूडेंट की दोस्ती दिखाई गई है और ये समझाया गया है कि दोस्ती उम्र की मोहताज नहीं। 'यारों दोस्ती बड़ी ही हसीं है...' गाना कॉलेज के स्टूडेंट्स में बहुत लोकप्रिय है।
दिल चाहता है (2001)
आमिर खान, सैफ अली खान और अक्षय खन्ना की इस फिल्म में दोस्ती के बहुत महत्वपूर्ण पहलुओं को दिखाया है। इन 3 युवा दोस्तों की कहानी में दोस्ती में हुई गलतफहमियां और एक-दूसरे के प्रति प्यार को इस फिल्म में बहुत ही बेहतरीन तरीके से दर्शाया गया है जिसके लिए 2001 में इस फिल्म को बेस्ट फीचर फिल्म इन हिन्दी के लिए नेशनल फिल्म अवॉर्ड भी मिला था।
मुन्ना भाई एमबीबीएस (2003)
मुन्ना और सर्किट की दोस्ती आज भी लोगों की जुबां पर है। दोस्त की बेहद इज्जत और हर काम, हर मुसीबत व हर खुशी में दोस्त का साथ देना कोई सर्किट से सीखे।
रंग दे बसंती (2006)
इस फिल्म में दोस्ती और देशप्रेम को मिलाया गया है। शहीद हो चुके अपने दोस्त को न्याय दिलाने के लिए कैसे ये सभी दोस्त अपनी जान की परवाह किए बिना लड़ते हैं, यह देखना काबिले तारीफ है। फिल्म 26 जनवरी 2006 को रिलीज हुई थी और सफल रह थी।
रॉक ऑन (2008)
4 दोस्तों की इस कहानी में दोस्ती में प्यार, तकरार सब है। एक बैंड बनाने को लेकर चारों दोस्त अपनी नौकरी और काम से समय निकालकर म्यूजिक को अपनी जिंदगी बनाते हैं लेकिन परिवार और गलतफहमियों के चलते अलग हो जाते हैं। लेकिन दोस्तों का साथ ही उन्हें अपने जिंदगी के पैशन से मिलाता है। फरहान अख्तर, अर्जुन रामपाल जैसे एक्टर्स इस फिल्म को और खूबसूरत बनाते हैं।
थ्री इडियट्स (2009)
2009 में ही आई थ्री इडियट्स फिल्म ने कई रिकॉर्ड्स तोड़े। साथ ही फिल्म में पढ़ाई, जिंदगी और दोस्ती से संबंधित बातों को बेहतरीन तरीके से दर्शाया गया था। रेंचो अपने दोस्तों राजू और फरहान को जिंदगी जीना समझाता है और रेंचो के गायब होने के बाद फरहान और राजू अपने दोस्त को ढूंढने निकलते हैं। आमिर खान, आर. माधवन, करीना कपूर और शरमन जोशी की इस फिल्म को लोग आज भी उतने ही उत्साह और उमंग के साथ देखते हैं।
जिंदगी ना मिलेगी दोबारा (2011)
इस फिल्म में तीन दोस्तों की कहानी है, जो कॉलेज में बहुत खास हुआ करते थे लेकिन कुछ गलतफहमियों की वजह से अलग हो गए थे। अपने एक दोस्त की बैचलर ट्रिप पर फिर तीनों मिलते हैं और उनकी जिंदगी बदल जाती है। फिल्म में दोस्ती को जिंदगी के पहलुओं से जोड़ा गया।
साड्डा अड्डा (2011)
इस फिल्म को बहुत कम लोगों ने देखा होगा लेकिन जिसने भी यह फिल्म देखी है, वो इस फिल्म की तारीफ किए बिना नहीं रह पाया है। इसमें 5 युवा दोस्तों की कहानी है, जो जीवन में कुछ बड़ा करना चाहते हैं। एक दोस्त अपने सपने को नहीं पा सका और जिंदगी खत्म कर बैठा। इस घटना ने बाकी 4 दोस्तों को जीवन जीने और मेहनत करने के लिए प्रेरित किया।
वीरे दी वेडिंग (2018)
दोस्ती की बात की जाए तो ज्यादातर बॉलीवुड फिल्मों में लड़के ही दोस्त के रूप में दिखाए गए हैं, महिलाओं या लड़कियों की दोस्ती पर फिल्में नहीं के बराबर बनी हैं। इस कमी को पूरा करती है 2018 में रिलीज हुई 'वीरे दी वेडिंग'। फिल्म अच्छी है या बुरी है, इस बात को जाने दीजिए। ये सब की अपनी पसंद है, लेकिन इसमें लड़कियों की बांडिंग बहुत अच्छे से दिखाई गई हैं। ये लड़कियां साथ में घूमती हैं, छुट्टियां मनाती हैं और एक-दूसरे की समस्या को सुलझाने की कोशिश भी करती है। करीना कपूर खान, सोनम कपूर, शिखा तलसानिया और स्वरा भास्कर ने लीड रोल निभाए थे।
दोस्ती में एक बात बहुत ध्यान रखने की होती है कि इसमें गलतफमियां किसी न किसी मोड़ पर आती ही हैं। इन फिल्मों में भी कई जगह दोस्तों को गलतफहमियों की वजह से अलग होना पड़ा लेकिन इन सबसे आगे बढ़ना जरूरी है। आप सभी को 'फ्रैंडशिप डे' की बधाई।